सूचना के अधिकार के तहत चाही जानकारी समय-सीमा में उपलब्ध कराई जाये -संभागायुक्त श्री ओझा
सूचना के अधिकार एवं लोक सेवा गारंटी पर एक दिवसीय विमर्श आयोजित
उज्जैन । सूचना के अधिकार के तहत चाही गई जानकारी समय-सीमा में उपलब्ध कराई जाये। प्रश्न-उत्तर के रूप में मांगी गई जानकारी देने की बाध्यता नहीं है। सभी लोक सूचना अधिकारी एवं अपीलीय अधिकारी सूचना के अधिकार अधिनियम का अध्ययन करें एवं एक्ट के अनुसार ही कार्य करें। सूचना के अधिकार के तहत जानकारी देने की अवधि 30 दिन निर्धारित है, इसका मतलब यह नहीं है कि आवेदक को 29वे दिन जानकारी दी जाये। इसके पूर्व ही जानकारी दी जाना चाहिये। कोई भी जानकारी का सृजन नहीं करना है। थर्ड पार्टी सूचना देने के पूर्व सम्बन्धित पक्ष से पूछना आवश्यक है एवं निजता हनन करने वाली जानकारी देना भी आवश्यक नहीं है। सूचना अधिकारियों को सही एप्रोच और जानकारी देने की इच्छाशक्ति बनाये रखना चाहिये, आवेदक को जानबूझ कर परेशान नहीं करना चाहिये। संभागायुक्त श्री एमबी ओझा ने यह बात आज संभागीय लोक सूचना अधिकारियों एवं अपीलीय अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कही।
मेला कार्यालय के सभाकक्ष में आज सूचना के अधिकार एवं लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत एक दिवसीय विमर्श का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में संयुक्त आयुक्त श्री प्रतीक सोनवलकर, मास्टर ट्रेनर श्री राजकुमार सिंह कौरव, डॉ.एसके श्रीवास्तव तथा सेवा निवृत्त उपायुक्त राजस्व श्री ओएन श्रीवास्तव मौजूद थे। कार्यक्रम में डॉ.श्रीवास्तव ने सूचना के अधिकार अधिनियम के बारे में विस्तार से जानकारी प्रस्तुत की। लोक सेवा गारंटी अधिनियम के बारे में श्री ओएन श्रीवास्तव ने बताया कि लोक सेवा गारंटी अधिनियम में प्रत्येक सेवाओं की समयावधि निश्चित है तथा समयावधि में प्रकरण का निराकरण नहीं करने पर सम्बन्धित प्राधिकृत अधिकारी पर जुर्माना किया जाता है।