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माता, पिता तथा वरिष्ठ नागरिकों के हित में अत्यन्त महत्वपूर्ण है भरण-पोषण अधिनियम



    उज्जैन । समाज में माता, पिता तथा वरिष्ठ नागरिकों के लिये शासन द्वारा बनाया गया भरण-पोषण अधिनियम-2007 एक महत्वपूर्ण अधिनियम है, जो माता, पिता तथा वरिष्ठ नागरिकों के हित में महती भूमिका का निर्वाह करता है। इस अधिनियम के तहत माता या पिता या दोनों चाहे असल माता-पिता हों या गोद लेने वाले माता-पिता या सौतेले माता-पिता, ये सभी अधिनियम के दायरे में आते हैं। वरिष्ठ नागरिकों में 60 वर्ष या इससे अधिक उम्र के नागरिक शामिल किये गये हैं। इन सबके भोजन, कपड़ा, रहने के मकान, दवाई, इलाज और देखभाल की व्यवस्था करना भरण-पोषण कहलाता है। वरिष्ठ माता-पिता अपनी वयस्क संतान चाहे लड़का हो या लड़की, के बच्चों से भी भरण-पोषण की मांग कर सकते हैं, किन्तु 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों या सन्तान से नहीं कर सकते।
    जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री मुझाल्दा ने बताया कि प्रत्येक उपखण्ड या अनुविभाग में एक या अधिक भरण-पोषण अधिकरण काम करते हैं, वहां भरण-पोषण के लिये आवेदन लगाया जा सकता है अथवा कलेक्टर कार्यालय के उपखण्ड अधिकारी या अनुविभागीय अधिकारी, जिसे इस निमित्त नियुक्त किया गया है, वहां भरण-पोषण के लिये आवेदन किया जा सकता है। जिन तहसीलों या उपखण्ड मुख्यालयों में उपखण्ड एवं अनुविभागीय अधिकारी तैनात हैं, वहां उनके न्यायालयों में आवेदन किया जा सकता है। अधिकरण भत्ता और सुनवाई में हुए खर्चे के आदेश की नकल नि:शुल्क माता-पिता को दी जाती है। सन्तान या नातेदार को आदेश होने के 30 दिवस के भीतर ही रकम जमा कराना होगी। अधिकरण के निर्णय से व्यथित माता-पिता या वरिष्ठ नागरिक अधिकरण के आदेश से 60 दिवस के भीतर अपीलीय अधिकरण में अपील कर सकते हैं।
    जिला विधिक सहायता अधिकारी ने बताया कि वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण सम्बन्धी विभिन्न योजनाएं जैसे- वृद्धावस्था, मनोरंजन, उनकी सम्पत्ति की रक्षा, जीवन रक्षा, उनके भरण-पोषण सम्बन्धी अधिकार एवं वृद्धा पेंशन योजना सम्बन्धी सभी जानकारियां जो राज्य शासन द्वारा वरिष्ठ नागरिकों के लिये संचालित की जा रही हैं, इनके सम्बन्ध में या इनके अलावा किसी अन्य विषय पर वरिष्ठ नागरिक या उनकी ओर से कोई अन्य व्यक्ति विधिक सहायता या सलाह प्राप्त करने के लिये जिला स्तर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं तहसील स्तर पर तहसील विधिक सेवा समितियों से सम्पर्क कर नि:शुल्क एवं सक्षम विधिक सहायता तथा सलाह प्राप्त कर सकते हैं।

 

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