संभाग में गरीबों को पक्के मकान देने के लिये तेजी से हो रहा है कार्य
संभाग स्तरीय कार्यशाला में आवास निर्माणों की समीक्षा की गई
उज्जैन । उज्जैन संभाग के नगरीय निकाय द्वारा समय-सीमा में आवासों का निर्माण पूर्ण कर लिया जायेगा। शासन की मंशा अनुसार निर्धारित अवधि तक विभिन्न योजनाओं में गरीबों को पक्के मकान उपलब्ध करा दिये जायेंगे। नगरीय निकायों के तहत संचालित प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना तथा अन्य योजनाओं के निर्धारित लक्ष्य को हासिल करने के लिये संभाग के सभी नगरीय निकायों में तेजी से कार्य किया जा रहा है। यह जानकारी उज्जैन में आज मंगलवार को आयोजित की गई संभाग स्तरीय कार्यशाला में दी गई। स्वच्छ सर्वेक्षण-2018 के सम्बन्ध में भी समीक्षा की गई। नगरीय प्रशासन विभाग के प्रधानमंत्री आवास योजना मुख्य अभियंता भोपाल श्री हरि गुप्ता ने कार्यशाला में सभी नगरीय निकायों में निर्माणाधीन आवासों की प्रगति की समीक्षा की। विभिन्न तकनीकी त्रुटियों के सम्बन्ध में मार्गदर्शन दिया। कार्यशाला में उज्जैन नगर निगम आयुक्त डॉ.विजय कुमार जे., देवास निगम आयुक्त श्री विशालसिंह चौहान, संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन उज्जैन श्री सोमनाथ झारिया, परियोजना अधिकारी डूडा श्री भविष्य खोबरागड़े, जिलों के नगरीय निकायों के नगर पालिका अधिकारी एवं इंजीनियर्स उपस्थित थे।
कार्यशाला में नगर पालिका अधिकारियों को निर्देश दिये गये कि स्वच्छ सर्वेक्षण-2018 तथा प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के निर्धारित लक्ष्यों को किसी भी स्थिति में अर्जित किया जाना है, इसलिये तेजी से योजनाओं पर कार्य करते हुए अपने लक्ष्य पर नजर रखें। निकायों में निर्माणाधीन मकानों की बिक्री हो जाये, इसके लिये बैंकर्स के साथ कैम्प आयोजित करें। शासन की मंशा अनुसार शहरी क्षेत्रों के सभी गरीबों को निर्धारित समयावधि में पक्के मकान उपलब्ध कराना है। इस सम्बन्ध में यदि भूमि विवाद कहीं परिलक्षित हो रहे हैं तो सम्बन्धित जिला प्रशासन के साथ समन्वय कर समस्या का निराकरण किया जाये। छोटे नगरीय निकायों में आवास निर्माणों के लिये उपलब्ध स्थानों पर दुकानें निर्मित भी की जा सकती हैं। निर्देशित किया गया कि मांग एवं सर्वेक्षण के अनुसार विभागीय प्रोजेक्ट रिपोर्ट शीघ्र भोपाल भेजी जाये। सभी नगर पालिका अधिकारियों को स्पष्ट निर्देशित किया गया कि या तो वे अपने नगरीय निकाय का यह प्रमाण-पत्र भेजें कि उनके यहां कोई भी गरीब व्यक्ति आवासहीन नहीं है अथवा उनके पक्के आवास निर्माण के लिये विभागीय प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करके भेजी जाये। आगामी सप्ताहांत में भोपाल में आयोजित होने वाली बैठक से पूर्व इसकी जानकारी भेजना सुनिश्चित करें।
कार्यशाला में स्वच्छ सर्वेक्षण-2018 के सम्बन्ध में एक फिल्म भी प्रदर्शित की गई। नगरीय निकायों को स्वच्छ सर्वेक्षण में अंक हासिल करने के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया गया कि इस वर्ष कुल चार हजार अंक निर्धारित किये गये हैं। ये अंक सेवा स्तर विकास, प्रत्यक्ष अवलोकन तथा नागरिक प्रतिक्रियाओं के आधार पर दिये जायेंगे। विभिन्न कार्यों के तहत संग्रहण, परिवहन, निष्पादन व प्रसंस्करण, खुले में शौच से मुक्ति, क्षमता वृद्धि, आईईसी तथा नवाचार परियोजना कार्यों का सम्पादन अंक प्राप्ति का प्रमुख आधार बनेगा।
बताया गया कि इस वर्ष नगरीय निकायों को रैंकिंग के लिये मिलने वाले अंकों में पूर्व निर्मित शौचालयों के साथ जलापूर्ति, अपशिष्ट जल प्रबंधन, सामुदायिक शौचालयों के रख-रखाव, उनके उपयोग शुल्क, विज्ञापन, अन्य वाणिज्यिक गतिविधियों से प्राप्त आय जैसे कार्य जोड़े जायेंगे। पूर्व निर्मित कार्यों की संवहनीयता (सस्टेनेबिलिटी) महत्वपूर्ण मानी गई है। अंक प्राप्ति का यह महत्वपूर्ण आधार होगा। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परिचालन लागत नगरीय निकाय के राजस्व स्त्रोतों से, स्त्रोत स्तर पर ही कचरे का पृथक्कीकरण, ठोस कचरा उत्पादकों द्वारा विकेन्द्रित कम्पोस्टिंग को भी महत्वपूर्ण माना गया है। सर्वेक्षण-2018 में उपयोग शुल्क के संग्रहण का प्रतिशत जैविक खाद का उत्पादन व बिक्री, बायोमैट्रिक उपस्थिति व्यवस्था का वेतन पत्रक से सम्बद्ध, वाहन चालकों ठेकेदारों के भुगतान उनके कार्य निष्पादन के अनुरूप करने व स्वतंत्र एजेन्सी का भुगतान रियल टाईम फीडबैक के आधार पर करने को अहम माना जायेगा। इस सर्वेक्षण में नागरिक प्रतिक्रिया भी सर्वाधिक महत्वपूर्ण रहेगी।
नागरिकों की प्रतिक्रिया नगरीय निकाय को रैंकिंग के लिये अंक दिलाने में महत्वपूर्ण रहेगी। नागरिक प्रतिक्रिया लेने के लिये जो पुष्ट व्यवस्था रहेगी, उसके तहत नागरिकों को की जाने वाली फोन कॉल्स को सर्वाधिक महत्व दिया गया है। केन्द्रित समूह चर्चा, व्यक्तिगत फीडबैक, स्वच्छता एप का उपयोग भी इस व्यवस्था के तहत महत्वपूर्ण माना गया है। रैंकिंग हेतु अंकों के वर्गीकरण की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया गया कि कुल चार हजार रैंकिंग अंकों में से ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के तहत गीले और सूखे कचरे को पृथक करने के लिये 48 अंक, जैविक कचरे की स्थलीय कम्पोस्टिंग करने वाले निवासी, रहवासी कल्याण संघों व थोक कचरा उत्पादकों के प्रतिशत के लिये 48 अंक, व्यावसायिक क्षेत्रों का प्रतिशत जहां प्रतिदिन सफाई होती है झाड़ू लगती है के लिये 34 अंक, घर-घर से कचरा संग्रहण व्यवस्था के तहत आने वाले वार्डों का प्रतिशत 32 अंक, एक ही कार्य दिवस में निष्पादन हेतु प्रसंस्करण इकाई में भेजे जाने वाले संग्रहित कचरे के लिये 32 अंक, कचरा संग्रहण स्थलों के लिये 32 अंक, जीपीएस आधारित वाहन संचालन में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले चालकों के सम्मान के लिये 30 अंक मिलेंगे।
निकायों को ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के तहत संग्रहण एवं परिवहन में मिलने वाले अंकों के अन्य घटक भी महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे। इनमें व्यावसायिक क्षेत्रों में हरेक 500 मीटर पर नियमित रूप से खाली किये जाने वाले दो सार्वजनिक कूड़ेदानों की उपलब्धता, बायोमैट्रिक उपस्थिति, स्थल अर्थदण्ड, शासकीय या सार्वजनिक विभागों द्वारा अनुरक्षित तथा उद्यान के कचरे से स्थलीय कम्पोस्टिंग करने वाले उद्यान, ठोस अपशिष्ट कार्य करने वाले स्वच्छताकर्मियों के लिये व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों का प्रावधान तथा उनका नियमित उपयोग भी निकाय को रैंकिंग के अंक दिलायेगा। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की लागत का कितना प्रतिशत सम्पत्ति कर तथा उपयोग शुल्क से वसूला जा रहा है, निकाय को 60 अंक दिलायेगा। इतने ही अंक शहर में स्थापित लैण्डफिल्ड की स्वच्छता दिलवायेगी। प्रसंस्करण के माध्यम से उपचारित होने वाले गीले तथा सूखे कचरे का प्रतिशत भी 50-50 अंक दिलवायेगा। लैण्डफिल तक आने वाले जैविक कचरे का प्रतिशत 40 अंक, डम्प साइट उपचार के लिये उठाये गये कदम, उनकी वर्तमान स्थिति 40 अंक, कम्पोस्ट उत्पादक द्वारा पोर्टल पर जारी 2017 के अन्तिम दो त्रैमास में दर्शाई गई कम्पोस्ट की बिक्री 30 अंक तथा शहर के लिये नामित कम्पोस्ट उत्पादक का पोर्टल पर पंजीकरण, उसके द्वारा उत्पादन सम्बन्धी जानकारी नियमित रूप से पोर्टल पर अपडेट करने के लिये 20 अंक मिलेंगे।