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पीएचई में हुए टंकी घोटाले की शिकायत संभागायुक्त को



प्रभारी मंत्री ने टंकी खरीदी के पूर्व लिखा था खरीदो तो पंजी में दर्ज करना लेकिन केवल फर्जी बिल तैयार कर भुगतान करा लिया गया जिसे ऑडिट ने भी नहीं पकड़ा
उज्जैन। सिंहस्थ महापर्व 2016 में नगर निगम के लोकस्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग एवं सिंहस्थ डिवीजन उज्जैन द्वारा क्रय कर लगाई पीव्हीसी टंकियों एवं उनके स्टैंड के संबंध में विस्तृत जांच की मांग को लेकर नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र वशिष्ठ संभागायुक्त से मिले।
नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र वशिष्ठ ने संभागायुक्त को पत्र सौंपकर कहा कि सिंहस्थ में पेयजल आपूर्ति के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग नगर निगम एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग सिंहस्थ डिवीजन द्वारा पीव्हीसी टंकियों एवं उनके स्टेंड करोड़ों की लागत से खरीदे थे जिसमें अनियमितता की सूचना पर कांग्रेस पार्षद दल द्वारा 6 अक्टूबर 2017 को पीएर्च के गउघाट स्टोर का निरीक्षण किया जिसमें बड़ी राशि का गबन और हेराफेरी नजर आई। जिसकी जांच कराना आवश्यक है। वशिष्ठ ने बताया कि स्टॉक रजिस्टर में सिर्फ 2 हजार लीटर के 100 नग टंकियों एवं उनके 100 नग की इंट्री पाई गई। जबकि सिंहस्थ मेले के दौरान 135 नग टंकियां और स्टैंड पीएचई के सिंहस्थ डिवीजन से शहर में लगाने के नाम पर उधार लिये गये थे। जिनको ना तो आज तक वापस लिया गया है और ना ही उसका इंडेंट दिया गया है। उक्त टंकियां और उनके स्टैंड का रिकॉर्ड भी स्टोर में नहीं पाया गया है। सिंहस्थ में पीएचई के अधिकारियों द्वारा मेला के दौरान बाहर से ड्यूटी करन आने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए बनाये गये अस्थाई आवासों की पेयजल व्यवस्था एवं प्याउ आदि के नाम पर भी पीव्हीसी टंकियों एवं उनके स्टेंड खरीदने एवं लगाने के नाम पर करोड़ों रूपये की राशि विभिन्न मदों में मंजूर कराई गई थी तथा आवश्यकतानुसार सिंहस्थ के अन्य शेष मदों से भी भुगतान कराया गया। शासन द्वारा जारी सर्कुलर (एफ 10-20) का फायदा उठाते हुए जमकर भ्रष्टाचार किया। इसके आधार पर कई आदेश जारी कर 400 नग टंकियों और आवश्यकता से अधिक 500 नग स्टैंड का अलग-अलग फर्मों से क्रय किये गये। इस प्रकार अभी तक 635 टंकियों और 735 स्टैंड का उपयोग किया गया। इसके साथ ही इन टंकियों और स्टैंडों को शहर और मेला क्षेत्र में रखने, स्थापित करने उन पर नल लगाने, पाईप फिटिंग करने के नाम पर ट्रालियों, लेबर आदि पर अलग-अलग फर्मों के लाखों रूपये के भुगतान कराये गये। लेकिन आश्चर्य कि बात है कि इतने बड़े स्तर पर टंकियों और स्टैंड की खरीदी का कही भी उल्लेख नहीं है कि यह किस स्थान पर लगाई और सिंहस्थ समाप्त होने के बाद कहा गई। इन प्रकरणों में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सिंहस्थ मेला क्षेत्र समस्त पेयजल संबंधी कार्य पीएचई के सिंहस्थ डिवीजन द्वारा ही कराये गये थे। जिनमें उनके द्वारा लगभग 3 हजार से अधिक टंकियां लगाई गई थी। उक्त टंकियां एवं स्टैंड का आज भी स्टोर रेकार्ड दर्ज नहीं है। नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र वशिष्ठ के साथ पार्षद जफर एहमद सिद्दीकी, आत्माराम मालवीय, रहीम लाला, गब्बर कुवाल, हिम्मतसिंह देवड़ा आदि ने कहा कि इन सभी सप्लाय ऑर्डर की जांच कराई जाए तो स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। पार्षदों ने कहा कि संभागायुक्त के माध्यम से जब प्रभारी मंत्री को टंकियों के प्रस्ताव प्रस्तुत हुए थे तब उन्होंने यह टीप डालते हुए सशर्त स्वीकृति प्रदान की थी जिसमें टंकियों की गुणवत्ता पूर्ण एवं नियमानुसार भंडार क्रय नियमों से खरीदी हो गुणवत्ता का प्रमाण पत्र जारी हुआ हो और सामग्री स्टोर में सप्लाई हुई हो स्टोर पंजी में दर्ज हो लिखा था। साथ ही लिखा था कि स्टोर से विधिवत इश्यू की गई हो तथा उपयोग में लेने के बाद वापस स्टोर में जमा हो। परंतु इस केस में उपरोक्त में से किसी भी शर्त का पालन नहीं किया गया केवल फर्जी बिल तैयार कर भुगतान करा लिया गया जिसे ऑडिट ने भी नहीं पकड़ा। संभागायुक्त को पत्र भेंटकर नेता प्रतिपक्ष वशिष्ठ ने जांच किसी वरिष्ठ अधिकारी से करवाने की मांग की।

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