विकास के लिए बहुत उपयोगी है विकेन्द्रीकृत नियोजन की प्रक्रिया -श्री काश्यप
जिला कार्ययोजना वर्ष 2018-19 पर चर्चा हेतु संभाग स्तरीय बैठक संपन्न
राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री चेतन्य कुमार काश्यप की अध्यक्षता में जिला कार्ययोजना वर्ष 2018-19 के प्रारूप पर चर्चा करने के उद्देश्य से कमिश्नर कार्यालय के सभाकक्ष में संभाग स्तरीय बैठक आयोजित की गई। बैठक में कमिश्नर श्री आशुतोष अवस्थी, आई.जी. श्री सतीष सक्सेना, राज्य योजना आयोग के प्रमुख सलाहकार श्री राजेन्द्र मिश्रा, सलाहकार श्री पी.सी. वारस्कर, श्री यशवन्त कुमार, अर्थशास्त्री डॉ. बी.एल. शर्मा, संयुक्त आयुक्त (विकास) डॉ. राजेश राय, राज्य योजना आयोग से आये विशेषज्ञ श्री एस.पी. वत्रा, निज सचिव श्री प्रमोद काशिव सहित सागर, दमोह, छतरपुर एवं टीकमगढ़ जिले के कलेक्टर, एस.पी. श्री सतेन्द्र शुक्ला, संयुक्त संचालक संभागीय योजना एवं सांख्यिकी रीता सिंह सहित संभाग के सभी जिलों से पधारे विभिन्न विभागों के जिलाधिकारी मौजूद थे।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री काश्यप ने कहा कि विकेन्द्रीकृत नियोजन की प्रक्रिया विकास के लिए बहुत जरूरी है। विगत वर्षो में यह प्रक्रिया काफी उपयोगी साबित हुई है। इसके माध्यम से प्रत्येक गांव के विकास के लिए जरूरी सभी योजनायें शामिल हो जाती हैं। इसलिए जरूरी है कि सभी विभागों के अधिकारी लक्ष्य निर्धारित कर अपनी विभागीय कार्ययोजना को जिला कार्ययोजना में शामिल करें। आवश्यकता के अनुरूप बजट राशि की शासन से मांग करना विभागों की जिम्मेदारी है। शासन से प्राप्त राशि के लिए एक निश्चित कार्ययोजना होना चाहिए। जिला कार्ययोजना में जनप्रतिनिधियों की मांगों का भी समावेश हो। विकास के लिए जरूरी है कि हमारे गांव आदर्श गांव बन सकें। उन्होंने आदर्श गांव की योजना को ध्यान में रखकर विकास की योजनायें बनाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया।
राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री काश्यप ने कहा कि मध्यप्रदेश विकेन्द्रीकृत नियोजन के मामले में अग्रणी रहा है। लोक सेवा गारंटी अधिनियम की शुरूआत भी मध्यप्रदेश से हुई है। प्रदेश की कृषि विकास दर 21 प्रतिशत है जिसे बनाये रखना हमारा दायित्व है। राज्य शासन का जो भी पैसा खर्च हो उसका स्पष्ट उद्देश्य होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2022 तक गरीबी मुक्त भारत का संकल्प लिया है। उन्होंने सबको रहने के लिए आवास उपलब्ध कराने के लिए कहा है। लोग गरिमापूर्ण जीवन जी सकें। इस दिशा में कार्य करना शासन-प्रशासन की जिम्मेदारी है। लोग आनंदित रहें एवं समाज में जागृति आये जिससे प्रदेश आदर्श राज्य बन सके। उन्होंने कहा कि योजनाओं की मॉनीटरिंग इस तरह करना है जैसे कि एक चिकित्सक अपने मरीज की करता है। श्रेष्ठ भारत का निर्माण करना हमारा लक्ष्य है।
बैठक में बारी-बारी से वर्ष 2018-19 की विभिन्न विभागों की कार्ययोजना पर चर्चा की गई। साथ ही वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में अब तक किये गये व्यय की जानकारी ली गई। राज्य योजना आयोग के अधिकारियों ने निर्देश दिए कि जितनी राशि खर्च हो सके उसके अनुरूप ही वर्ष 2018-19 की कार्ययोजना में बजट राशि की मांग करें। उन्होंने बेहतर कार्य करने के भी निर्देश दिए।
प्रमुख सलाहकार राज्य योजना आयोग श्री मिश्रा ने कहा कि बुंदेलखंड पैकेज के अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि सागर संभाग में सूखा की स्थिति को ध्यान में रखकर कार्ययोजना तैयार की जायेगी। उन्होंने प्रत्येक जिले में एक-एक इनोवेशन का कार्य करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया।
कमिश्नर श्री अवस्थी ने राज्य योजना आयोग के अधिकारियों को सागर संभाग के जिलों में सूखा की स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि सूखा के कारण खरीफ फसलों का उत्पादन 50 प्रतिशत के करीब हुआ है। उन्होंने सिंचाई की योजनाओं के लिए अधिक बजट राशि उपलब्ध कराने का अनुरोध किया।
बैठक में सागर, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़ जिलों के कलेक्टर ने जिले में चल रही प्रमुख योजनाओं एवं गतिविधियों एवं नवाचार की जानकारी दी। जिला पंचायत सीईओ पन्ना ने भी जिले की योजनाओं एवं गतिविधियों की जानकारी दी। संयुक्त आयुक्त (विकास) डॉ. राजेश राय के मार्गदर्शन में बैठक की सफल व्यवस्थायें की गई थी।