नोटबंदी की भेंट चढ़ी 150 मृत आत्माओं की शांति के लिए किया तर्पण
उज्जैन। 1 वर्ष पूर्व 8 नवंबर 2016 को हुई नोटबंदी के बाद बैंकों और
एटीएम पर लगी भीड़ तथा लंबी लाइनों में घबराहट और दम घुटने से 150 से
ज्यादा लोग अपनी जान गवा बैठे थे। इन सभी मृत आत्माओं की शांति हेतु
नोटबंदी की बरसी पर तर्पण कर्म सिध्दवट पर हुआ।
कांग्रेस नेता विवेक यादव के अनुसार केवल खुद के मन की करने वाले, हिटलर
के नक्शे कदम पर चलने वाले, किसी की ना सुनने वाले प्रधानमंत्री मोदी
द्वारा 8 नवंबर की रात 8ः00 बजे अचानक लिए गए तुगलकी निर्णय नोटबंदी
जिसमें 500 और 1000 के नोट को एकदम चलन से बाहर कर दिया गया था। पूरा देश
हैरान परेशान हो गया था निर्णय लेने के पहले प्रधान सेवक ने एक बार भी
देश के करोड़ों गरीब और किसानों के बारे में नहीं सोचा था लोग अपने खून
पसीने की कमाई को बचाना चाहते थे और इस के लिए 48-48 घंटो तक लाइनों में
लगे रहे फिर भी पहले दो हजार और बाद में 4000 के नोट ही बदल पाते थे। इसी
जद्दोजहद में 150 से ज्यादा लोग लाइन में लगे लगे अपनी जान गवा बैठे।
लाइन में लगे लोगों पर पुलिस भी जब चाहे तब लाठी बरसा देती थी बैंक एकदम
से नोट देना बंद कर देते थे आज भी वित्त मंत्री अरुण जेटली कह रहे हैं कि
नोटबंदी के पहले सारी तैयारियां पूरी कर ली गई थी। यादव ने कहा मैं उनको
बताना चाहता हूं आज भी बैंकों में पर्याप्त मात्रा में नए नोट नहीं है
छोटे छोटे गांव में बैंकों में आज भी नगद राशि नहीं के बराबर है मंत्रीजी
असलियत जानना है तो एसी कमरों और ऑफिसो से बाहर निकलकर गांव में आकर
हकीकत से रुबरु हो जाइए। कांग्रेस नेता अनिल मरमट ने बताया कि 8 नवंबर के
बाद जो लोग अपनी जान गवा बैठे थे उनकी आत्मा की शांति हेतु मोक्षदायिनी
मां शिप्रा के घाट पर तर्पण कार्य संपन्न कराया गया। पूजन कार्य पं.
राजेश त्रिवेदी द्वारा सम्पन करवाया गया। इस अवसर पर राजेश तिवारी, राजेश
बाथली, अजय सोलंकी, हेमन्त बैरागी, संजय आंजना, तेजकरण परमार, संचित
शर्मा, शैलेन्द्र सोलंकी, महेश सोलंकी, प्रीतेश शर्मा, अम्बर माथुर,
जगदीश सूर्यवंशी, आलोक बोस, शिवराज ंिसह चन्द्रावत मौजूद थे।