नोटबंदी प्रधानमंत्री का एक क्रांतिकारी कदम- मालवीय आतंकवाद, नक्सलवाद और भ्रष्टाचार पर लगी रोक
उज्जैन। केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा कालेधन के विरोध में की गई नोटबंदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक क्रांतिकारी निर्णय साबित हुआ है। नोटबंदी का ही नतीजा है कि कालाधन और हवाला लेनदेन को छिपाने वाले 37 हजार से अधिक शेल कंपनियों की पहचान हो पाई। डिजीटल भुगतान में 56 प्रतिशत की वृद्धि इस क्रांतिकारी कदम को साबित करती है। नोटबंदी के बाद देश में आतंकवाद, नक्सलवाद और भ्रष्टाचार के आंकड़ों में गिरावट आई है। इसलिए भाजपा ने इस दिन को कालाधन विरोधी दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।
यह बात सांसद चिंतामणी मालवीय ने तरणताल स्थित प्रेस क्लब पर मीडिया से चर्चा के दौरान कहीं। आपने कहां कि नोटबंदी के बाद एक करोड़ से अधिक श्रमिकों को ईपीएफ और ईएसआईसी प्रणाली से जोड़ा गया है। देशभर में कालाधन जमा कर रखने वाले लोगों में नोटबंदी के बाद हड़कंप मच गया था, यहीं कारण है कि 29213 करोड़ से अधिक की अघोषित आय का पता चला, नोटबंदी के बाद 16 हजार करोड़ रूपए का कालाधन बैंकों में वापस नही आया, 400 से अधिक बेमानी लेनदेन की पहचान की गई और 800 करोड़ रूपए से अधिक की बनामी संपत्ति जप्त करने में सरकार को सफलता मिली है। सांसद मालवीय ने जीएसटी को लेकर कहां कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने भारतीय अर्थव्यवस्था में मील का पत्थर साबित होगी। पत्रकारवार्ता में महापौर मीना जोनवाल, नगर भाजपा अध्यक्ष इकबालसिंह गांधी और मीडिया प्रभारी सचिन सक्सेना भी मौजूद थे।