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भावान्तर भुगतान योजना में संभाग में कहीं भी नहीं आए कोई दिक्कत संभागीय समीक्षा बैठक में संभागायुक्त ने दिए निर्देश



    उज्जैन । किसानों को उनकी फसलों का सही मूल्य दिलाने के लिए मध्य प्रदेश शासन द्वारा भावान्तर भुगतान योजना चालू की गई है। उज्जैन संभाग के किसी भी जिले में इस योजना के क्रियान्वयन में दिक्कत नहीं आनी चाहिए। किसानों को योजना की भावना के अनुरूप भावान्तर की राशि प्राप्त होनी चाहिए। सभी सम्बन्धित विभाग इस सम्बन्ध में तत्परता से कार्रवाई करें तथा समय-समय पर इसकी जानकारी संभागायुक्त कार्यालय को दें।
    संभागायुक्त श्री एमबी ओझा ने आज मंगलवार को बृहस्पति भवन में सम्पन्न संभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक में ये निर्देश दिए। बैठक में संयुक्त आयुक्त राजस्व श्री प्रतीक सोनवलकर सहित सभी संभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
    संभागायुक्त ने संयुक्त संचालक कृषि को निर्देश दिए कि वे तथा उनके विभाग का अमला सभी मंडियों में जाकर देखें तथा योजना का समुचित क्रियान्वयन सुनिश्चित करें। संयुक्त संचालक कृषि ने बताया कि योजना के अन्तर्गत अभी उज्जैन संभाग के उज्जैन जिले में सोयाबीन का मॉडल मूल्य 2600, देवास में 2700, मंदसौर में 2710, नीमच में 2615, रतलाम में 2645, आगर में 2700 तथा शाजापुर में 2750 रूपये प्रति क्विंटल है। योजना के अन्तर्गत मॉडल मूल्य एवं समर्थन मूल्य के अन्तर की राशि का भुगतान किसानों को किया जाना है।
    संभाग में भावान्तर योजना की समीक्षा के दौरान खाद्य नियंत्रक ने बताया कि संभाग के मंदसोर जिले में अभी भी 02 हजार किसानों का तथा नीमच जिले में 20 हजार किसानों के रकबे का सत्यापन नहीं होने से कार्य में व्यवधान है। शेष सभी जिलों में कार्य सुचारू चल रहा है। संभागायुक्त द्वारा इन दोनों जिलों में तुरन्त शेष सत्यापन का कार्य सम्पादित किये जाने के निर्देश दिए।
31 बसों को चालू करें
    बैठक में नगर निगम के अधिकारी द्वारा बताया गया कि शासन की जेएनएनयूआरएम योजना के अन्तर्गत ली गई 31 बसें आरटीओ में पंजीयन नहीं होने से संचालित नहीं की जा पा रही हैं। इस पर संभागायुक्त द्वारा जब उपायुक्त परिवहन से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि पंजीयन के लिये आवेदन ही नहीं किया गया। इस पर संभागायुक्त द्वारा नगर निगम के अधिकारी को निर्देश दिए गए कि तुरन्त पंजीयन के लिये आवेदन करें तथा बसों को प्रारम्भ करें। बसों को खड़े रखना शासन की राशि की हानि है।
उज्जैन के वायु स्तर में सुधार हुआ है
    बैठक में प्रदूषण निवारण मण्डल की गतिविधियों की समीक्षा किए जाने पर उनके अधिकारी द्वारा जानकारी दी गई कि पूर्व में एक रिपोर्ट के अनुसार उज्जैन नगर के 04 स्थानों पर सेम्पल लिए जाने में वायु प्रदूषण का स्तर मानक से अधिक पाया गया था, जिस पर नगर निगम, ट्रैफिक पुलिस आदि को रिपोर्ट देने को कहा गया था। गत दिनों में प्रदूषण के स्तर में कमी आई है तथा अब वायु प्रदूषण का स्तर उज्जैन नगर में निर्धारित मानकों से कम है। पर्यावरण में सुधार हुआ है।
ट्रैफिक सिग्नल बन्द है, ठेकेदार के विरूद्ध कार्रवाई करें
    बैठक में संभागायुक्त द्वारा नगर निगम को निर्देश दिए गए कि नगर में कई स्थानों पर ट्रैफिक सिग्नल बन्द हैं, अत: कार्य के लिए जिम्मेदार एजेन्सी को नोटिस दें तथा उसके विरूद्ध कार्रवाई करें। ट्रैफिक सिग्नल तुरन्त चालू होने चाहिए। संभागायुक्त ने बैठक में मंगलनाथ क्षेत्र की एलईडी फिटिंग्स चोरी हो जाने के प्रकरण के परिप्रेक्ष्य में सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सिंहस्थ की परिसम्पत्तियों की सुरक्षा एवं रख-रखाव आवश्यक रूप से करें।
पेयजल की समस्या नहीं
    उज्जैन नगर में पेयजल आपूर्ति के विषय में पूछे जाने पर नगर निगम, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी आदि के अधिकारियों ने जानकारी दी कि पेयजल आपूर्ति की समस्या वर्तमान में नहीं है। अभी गंभीर डेम में 1611 एमसीएफटी पानी है। वर्तमान में प्रतिदिन लगभग 08 एमसीएफटी पानी इस्तेमाल किया जा रहा है।
29 को मुख्यमंत्री का जनदर्शन जावरा में
    बैठक में बताया गया कि आगामी 29 नवम्बर को प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान का जनदर्शन कार्यक्रम जावरा तथा रतलाम में प्रस्तावित है, अत: सभी विभागों के अधिकारी इन क्षेत्रों का भ्रमण करें तथा वहां सभी आवश्यक तैयारियां पूरी करें।
50 लाख से ऊपर के निर्माण कार्य समय से पूरे करें
    बैठक में संभागायुक्त द्वारा मध्य प्रदेश विद्युत मण्डल, जल संसाधन, हाउसिंग बोर्ड, नगर निगम, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, लोक निर्माण विभाग, पीआईयू, मप्र सड़क विकास निगम, मंडी बोर्ड, नगरीय प्रशासन एवं विकास आदि विभागों के 50 लाख से ऊपर के निर्माण कार्यों की विस्तार से समीक्षा की गई। उन्होंने निर्देश दिए कि इन कार्यों को समय से गुणवत्तापूर्ण कराया जाए। कार्य में कोई समस्या आती हो तो तुरन्त बताएं, दूर किया जाएगा। कार्य की गुणवत्ता एवं समय-सीमा के लिए सम्बन्धितों की जिम्मेदारी भी तय की जाए।
आगर रोड बैड की श्रेणी में
    बैठक में संभागायुक्त द्वारा संभाग की रोडों की समीक्षा के दौरान मप्र सड़क विकास निगम के अधिकारी ने बताया कि विभाग द्वारा इन्हें बैड, एवरेज, वैरीगुड और एक्सैलेंट श्रेणियों में विभाजित किया गया है। उन्होंने बताया कि उज्जैन-झालावाड़ मार्ग, जो कि 133 किलो मीटर लम्बा है, इसका 67 किलो मीटर लम्बा रोड बैड श्रेणी में, 21 किलो मीटर रोड वैरीगुड श्रेणी में तथा 45 किलो मीटर रोड एवरेज श्रेणी में आता है। इस पर लगातार काम चल रहा है तथा 31 मार्च तक यह एक्सैलेंट श्रेणी में आ जाएगा।

 

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