म.प्र.भवन एवं संनिर्माण श्रमिकों के लिये जिले में कई योजनाएं संचालित
कलेक्टर ने श्रम विभाग को 10 करोड़ रूपये का लाभ पहुंचाने के निर्देश दिये
उज्जैन । मप्र भवन एवं संनिर्माण श्रमिकों के लिये जिले में कई योजनाएं संचालित हैं। जीवित पंजीयन वाले श्रमिकों को प्रसूति सहायता, मृत्यु की दशा में अन्त्येष्टी एवं अनुग्रह सहायता, विवाह हेतु सहायता, कौशल प्रशिक्षण, चिकित्सा सहायता, पेंशन सहायता, व्यावसायिक पाठ्यक्रमों हेतु अध्ययन अनुदान, व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिये कोचिंग, मेधावी छात्र-छात्राओं को नगद पुरस्कार, शैक्षणिक छात्रवृत्ति एवं चिकित्सा क्षतिपूर्ति योजना संचालित की जा रही है। कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे ने जिले में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को इस वित्तीय वर्ष में 10 करोड़ से अधिक की सहायता राशि वितरित करने के निर्देश सहायक श्रमायुक्त को दिये हैं।
मप्र भवन एवं संनिर्माण कर्मकार मण्डल द्वारा श्रमिकों के लिये चलाई जाने वाली योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिये श्रमिक का पंजीयन आवश्यक है। पंजीयन के लिये श्रमिक महिला अथवा पुरूष की आयु 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिये तथा पिछले 12 माहों में कम से कम 90 दिन निर्माण श्रमिक के रूप में कार्यरत रहना आवश्यक है। पंजीयन के लिये सम्बन्धित जिले के नगरीय निकायों एवं जनपद पंचायतों से सम्पर्क किया जा सकता है। पंजीबद्ध श्रमिकों के लिये संचालित की जा रही योजनाओं में प्रसूति सहायता योजना के तहत महिला श्रमिक को 45 दिन का न्यूनतम वेतन, 1400 रूपये पोषण भत्ता दिया जाता है। यह सहायता तीन बच्चों तक सीमित है। प्रसूति सहायता के लिये आवेदन ग्रामीण क्षेत्र में विकास खण्ड चिकित्सा अधिकारी को किया जा सकता है तथा शहरी क्षेत्र में सिविल सर्जन को आवेदन किया जायेगा।
इसी तरह मृत्यु की दशा में अन्त्येष्टि व अनुग्रह सहायता भी उपलब्ध कराई जाती है। योजना में पंजीकृत निर्माण श्रमिक की मृत्यु पर पांच हजार रूपये तत्काल अन्त्येष्टि सहायता दी जाती है। सामान्य मृत्यु की दशा में 45 वर्ष से कम आयु वाले को 75 हजार तथा 45 वर्ष से अधिक आयु वाले व्यक्ति के लिये 25 हजार रूपये की आर्थिक सहायता वैध वारिसों को दी जाती है। निर्माण कार्य के दौरान दुर्घटना में मृत्यु की दशा में दो लाख रूपये की राशि स्वीकृत की जाती है। आवेदन छह माह की सीमा में किया जा सकता है। आवेदन ग्रामीण क्षेत्र में जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को तथा शहरी क्षेत्र में नगरीय निकाय के मुख्य अधिकारी को किया जायेगा। इसी तरह विवाह हेतु सहायता भी उपलब्ध कराई जाती है। योजना के अन्तर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिक की दो पुत्रियों तक अथवा स्वयं महिला पंजीकृत श्रमिक के विवाह हेतु 25 हजार रूपये विवाह सहायता दी जाती है।
मेधावी छात्र-छात्राओं को नगद पुरस्कार योजना
पंजीबद्ध निर्माण श्रमिकों के पुत्र-पुत्रियेां द्वारा पांचवी से लेकर आगे सभी तरह के पाठ्यक्रमों में प्रथम श्रेणी में परीक्षा उत्तीर्ण करने पर दो हजार रूपये से लेकर 12 हजार रूपये तक का नगद पुरस्कार दिया जाता है। शासकीय विद्यालयों में सम्बन्धित विद्यालय के प्राचार्य इस योजना के क्रियान्वयन के लिये जिम्मेदार बनाये गये हैं। इसी तरह मध्य प्रदेश श्रम कल्याण मण्डल द्वारा शैक्षणिक छात्रवृत्ति भी प्रदान की जाती है। मण्डल द्वारा प्रतिवर्ष पांचवी से उच्च शिक्षा स्तर पर अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को प्रावीण्य सूची तथा आय वर्ग के आधार पर छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। छात्रवृत्ति की दरें इस प्रकार हैं- कक्षा पांचवी से सातवी तक 650 रूपये, कक्षा आठवी से बारहवी तक 750 रूपये, कक्षा स्नातक आईटीआई, पॉलीटेक्निक के लिये 900 रूपये प्रतिवर्ष, बीई, एमबीबीएस, स्नातकोत्तर के लिये 1650 रूपये प्रतिवर्ष दिये जाते हैं। इसी तरह मण्डल द्वारा दसवी एवं बारहवी की बोर्ड परीक्षा, स्नातक एवं स्नातकोत्तर एवं बीई, एमबीबीएस में पढ़ने वाले छात्रों को, जिनमें विगत परीक्षा में न्यूनतम 60 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त हो, प्रोत्साहन राशि दी जाती है। प्रोत्साहन योजना में कक्षा दसवी एवं बारहवी के छात्रों को 1200 रूपये, स्नातक एवं स्नातकोत्तर के लिये 1250 रूपये प्रतिवर्ष, बीई एवं एमबीबीएस के लिये 1900 रूपये प्रतिवर्ष राशि दी जाती है।
उत्तम श्रमिक पुरस्कार योजना
कर्मकार मण्डल द्वारा श्रमिकों में कार्यकुशलता, अनुशासन तथा प्रतिभा को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से 15 श्रमिकों को उत्तम श्रमिक पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। इसमें दो महिला श्रमिक भी होती हैं। योजना के अन्तर्गत चयनित प्रत्येक श्रमिक को पांच हजार रूपये, स्मृति चिन्ह तथा प्रशस्ति-पत्र प्रदान किये जाते हैं। आवेदन-पत्र श्रम कल्याण मासिक पत्रिका में प्रकाशित किये जाते हैं। इस तरह मण्डल द्वारा श्रमिक साहित्य पुरस्कार योजना के तहत कविता, कहानी, निबंध तथा प्रेरक प्रसंग विधा में श्रमिक साहित्य रत्न, श्रमिक साहित्य विषारद तथा श्रमिक साहित्य प्रवीण्य पुरस्कार प्रदान किये जाते हैं। श्रमिकों को पुरस्कार राशि 3100 रूपये तथा स्मृति चिन्ह प्रदान किया जाता है। आवेदन-पत्र श्रम कल्याण मासिक पत्रिका में प्रकाशित किये जाते हैं।