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अगहन माह की पहली सवारी नगर भ्रमण पर निकली


उज्जैन। श्री महाकालेष्वर मंदिर से भगवान श्री महाकालेष्वर की अगहन माह की पहली व कार्तिक-अगहन माह की तीसरी सवारी सोमवार 06 नवंबर को सायं 04 बजे सभामंडप में विधिवत पूजन-अर्चन करने के बाद नगर भ्रमण पर निकली। सवारी निकलने के पूर्व भगवान श्री चन्द्रमौलेष्वर का श्री आषीष पुजारी द्वारा पूजा-अर्चना की गई। इस अवसर पर मंदिर प्रबन्ध समिति के प्रशासक श्री प्रदीप सोनी, समिति सदस्य श्री विभाष उपाध्याय, श्री जगदीष शुक्ला, एस.डी.एम श्री क्षितिज शर्मा, सहायक प्रषासक सुश्री प्रीति चैहान आदि उपस्थित थे। श्री महाकालेष्वर की रजत पालकी को प्रषासक श्री प्रदीप सोनी, पूर्व प्रषासक श्री जयंत जोषी, सहायक प्रशासनिक अधिकारी श्री एस.पी.दीक्षित आदि ने कंधा देकर नगर भ्रमण की ओर रवाना किया। सवारी जैसे मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुॅची, वहाॅ पालकी में विराजित भगवान को पुलिस के जवानों द्वारा सलामी दी गई, तत्पष्चात सवारी नगर भ्रमण के लिए निकली।
श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामण्डप में विधिवत पूजन-अर्चन के बाद सवारी महाकाल मंदिर से गुदरी चैराहा, बक्षी बाजार, कहारवाडी होते हुए रामघाट क्षिप्रातट पहुंची। वहाॅ पर भगवान महाकाल का क्षिप्रा के जल से अभिषेक कर पूजा-अर्चना की गयी। पूजन-अर्चन के बाद सवारी रामघाट से गणगौर दरवाजा, मोढ़ की धर्मषाला, कार्तिक चैक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चैराहा, छत्री चैक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार होते हुए पुनः शाम को पालकी महाकाल मंदिर पहुंची। पालकी मंे विराजित भगवान श्री चन्द्रमौलेष्वर के दर्षन लाभ सवारी मार्ग के दोनों ओर खडे श्रद्धालुओं ने लिया। सवारी मार्ग में श्रद्धालुओं ने भगवान महाकाल को पुष्प अर्पित कर दर्षन लाभ लिये।
भगवान महाकाल की सवारी में आगे-आगे तोपची कडाबीन चलाते हुए नगरवासियों को राजाधिराज बाबा श्री महाकाल के आगमन की सूचना देते हुए चल रहे थे। सवारी में पुलिस बैण्ड, घुड़सवार दल, सशस्त्र पुलिस बल के जवान, भजन मंडलियाॅ, धर्मपरायण जनता भगवान महाकाल के गुणगान करते हुए साथ चल रहे थे। श्री महाकालेष्वर भगवान की सवारी मार्ग में श्रद्धालुओं की भक्तिमय भगवान महाकाल के जयकारों की गुंज सुनाई देती रही।
भगवान महाकाल की चौथी सवारी 13 नवम्बर को निकलेगी
सदाशिव भगवान श्री महाकालेष्वर की कार्तिक-अगहन मास की चौथी व आखरी सवारी श्रावण मास में निकाली जाने वाली शाही सवारी की तरह हीं 13 नवंबर सोमवार को परम्परानुसार एवं पूर्ण गरिमामय तरीके से निकाली जावेगी। श्रावण मास की तरह ही अगहन मास की शाही सवारी निकलेगी परंतु अगहन मास की सवारी में केवल भगवान महाकाल की पालकी ही निकलेगी अन्य विग्रह (मुखौटे) आदि नहीं निकलेंगे। अगहन मास की शाही सवारी श्री महाकालेश्वर मंदिर से प्रारंभ होकर श्री महाकाल रोड, गुदरी चैराहा, बक्षी बाजार, कहारवाडी होते हुए रामघाट पहुंचेगी। वहाॅ पूजन- अर्चन करने के पश्चात परंपरागत मार्ग से सवारी गणगौर दरवाजा के रास्ते होकर, मोढ़ की धर्मशाला होकर कार्तिक चैक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढ़ाबा रोड, टंकी चैराहा, मिर्जा नईमबेग मार्ग, तेलीवाडा चैराहा, कंठाल, सतीगेट, सराफा, छत्रीचैक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी चैराहा होते हुए श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुॅंचेगी।

 

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