यज्ञ की आहुतियां देवताओं के बैंक में अपना पुण्य बैलेंस- पंड्या
उज्जैन। यज्ञ करने वाले कभी कर्जदार नहीं रहते। यज्ञ में लगाए गए धन, समय, श्रम और मन को यज्ञ भगवान 10 हजार गुना ज्यादा करके वापस देते हैं। प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन यज्ञ करना चाहिए यदि नहीं कर सके तो रविवार, एकादशी, अमावस्या और पूर्णिमा को तो अवश्य ही यज्ञ करना चाहिए। यज्ञ की आहुतियां देवताओं के बैंक में पुण्य बैलेंस के रूप में सुरक्षित हो जाती हैं।
यह उदगार विष्णु भाई पंड्या समन्वयक मध्यक्षोन शांतिकुज्ज हरिद्वार ने गायत्री शक्तिपीठ पर 1008 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ आयोजन समिति की तैयारी गोष्ठी में व्यक्त किए। गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप ऊर्जा मंत्री पारसचन्द्र जैन ने कहा कि हमें आप लोगों के स्नेह से ऊर्जा मंत्रालय का प्रभार दिया गया है, आप सब लोग गायत्री महामंत्र से ऊर्जित हैं ऊर्जावान लोगों के सभी कार्य मंगलमय होते हैं। उज्जैन में होने वाले 1008 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ की सफलता के लिए हम मंगल कामना करते हैं। ऊर्जा मंत्रालय और प्रदेश सरकार से पूरा सहयोग भी दिलवाया जाएगा। नगर निगम सभापति सोनू गहलोत, जिला पंचायत उपाध्यक्ष भरत पोरवाल ने यज्ञ आयोजन समिति के सदस्यों को अपनी ओर से तथा अपनी संस्था की ओर से भरपूर सहयोग का आश्वासन दिया। भोपाल से पधारे प्रभाकांत तिवारी, पुरुषोत्तम दुबे, एम. एल. बरान, जे. सी. कुल्मी, देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, धर्मराज प्रधान ने यज्ञ की सफलता के लिए अपने अनुभवों को बताकर 180 दिनों की कार्ययोजना बनबाई। यज्ञ आयोजन समिति के संयोजक और बलाई समाज परमार्थिक ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रह्लादसिंह बोराना आयोजन समिति के गठन की जानकारी दी। संचालन डॉ. शशिकांत शास्त्री ने तथा आभार देवास से आए आत्मानंद परिवार ने व्यक्त किया।