मंदिर, मस्जिद, पेट्रोल पंप तथा स्कूलों के बारे में जानकारी देने से कतरा रहे विभाग
उज्जैन। मंदिर, मस्जिद और शहर के स्कूलों के बारे में सूचना के अधिनियम के तहत चाही गई जानकारी कलेक्टर कार्यालय तथा शिक्षा विभाग एक महीने के बाद भी नहीं दे पाया। म.प्र. युवा शिवसेना गौरक्षा न्यास के प्रांताध्यक्ष मनीषसिंह चौहान ने मंदिर, मस्जिद, पेट्रोल पंप तथा कोचिंग संस्थान तथा निजी तथा प्रायवेट स्कूलों के संबंध में जानकारी मांगी थी। समय सीमा निकल जाने के महीनों बाद भी दोनों विभागों ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी न देकर उक्त अधिनियम का मखौल उड़ाया।
मनीषंिसह चौहान के अनुसार स्कूलों, पेट्रोल पंप तथा मंदिर, मस्जिदों के मामले में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है। भाजपा और कांग्रेस के लोग भी इसलिए विरोध नहीं करते क्योंकि सभी के कहीं न कहीं हित जुड़े हैं। यहीं कारण है कि 31 जुलाई 2017 को कलेक्टर कार्यालय पर लोकसूचना अधिकारी तथा इसी दिन शिक्षा विभाग में सूचना अधिकारी को आवेदन कर जानकारियां मांगी गई थी एक माह में जब जानकारी नहीं मिली तो अपील अधिकारी के पास आवेदन किया बावजूद 3 महीने बीत जाने के बाद भी जानकारी नहीं दी गई। कलेक्टर कार्यालय पर आवेदन देकर शहर के शासन नियंत्रित देवस्थानों की प्रमाणित सूची मांगी थी। समस्त हिंदू देवस्थानों से होने वाली आय एवं व्यय का अंकेक्षित पत्रक, शासन द्वारा दिये जाने वाले अनुदान, सहायता की जानकारी मांगी। साथ ही शासन नियंत्रित मुस्लिम देवस्थानों जिनमें वक्फ, मस्जिद, मजार, दरगाह, मदरसा की प्रमाणित सूची, समस्त देवस्थानों से होने वाली आय एवं व्यय का अंकेक्षित पत्रक, मदरसा संचालन की नियमावली की प्रमाणित प्रति, नगर की सभी मस्जिदों पर ध्वनि विस्तारक यंत्र लगाने की अनुमति के दस्तावेजों की प्रमाणित प्रति, जिनमें इसके आवेदनों, अभिमतों जारी की गई अनुमति शामिल हो। इन सभी मस्जिदों के निर्माण हेतु नगर निगम द्वारा जारी की गई भवन निर्माण अनुज्ञा की प्रमाणित प्रति, निर्माण के पूर्व यदि सूचना पत्र जारी किया हो तो उसकी भी प्रमाणित प्रति 1 जनवरी 2012 से 30 जुलाई 2017 तक की उपलब्ध कराने की मांग की गई। साथ ही उज्जैन के समस्त पेट्रोल पंपों के संचालन की नियमावली, जिसमें समस्त आवश्यक-अनिवार्य मूलभूत सुविधाओं, पेयजल, शौचालय, मूत्रालय, प्रकाश, प्राथमिक उपचार, किट, शिकायत डायरी, नापतौल उपकरण संबंधी समस्त जानकारी शामिल हो। वहीं जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में लोकसूचना अधिकारी के नाम आवेदन देकर सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी मांगी गई थी जिसमें उज्जैन नगरीय सीमा के समस्त मान्यता प्राप्त व गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों की सूची व इनके मान्यता आदेश की प्रति, समस्त विद्यालयों को मान्यता प्रदान करने हेतु शासन की नियमावली की प्रमाणित प्रति, उक्त समस्त विद्यालयों द्वारा मान्यता पूर्ति हेतु प्रस्तुत किये गये दस्तावेजों, प्रपत्रों, फोटोग्राफ आदि की प्रमाणित प्रति, इनकी मान्यता के नवीनीकरण हेतु प्रस्तुत दस्तावेजों व किये गये नवीनीकरण के आदेश व इस हेतु की गई कार्यवाही की समस्त जानकारी, इन विद्यालयों में छात्र-छात्राओं हेतु विद्यालयों द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली अनिवार्य, आवश्यक, मूलभूत सुविधाओं के नियमों की जानकारी, शिक्षा विभाग द्वारा निजी विद्यालयों द्वारा कक्षावार नियत शुल्क की प्रमाणित जानकारी, जिन विद्यालयों द्वारा इन नियत शुल्क के नियम का पालन नहीं किया जा रहा है व जिनके खिलाफ अधिक शुल्क वसूली की शिकायतें है उनकी प्रमाणित जानकारी मय शिकायत व मय की गई कार्यवाही के उपलब्ध कराने की मांग की थी। निःशुल्क शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत दी जाने वाली सुविधाओं व शुल्क आदि संबंधी जानकारी, उक्त अधिनियम पालन न करने वाले विद्यालयों के खिलाफ शिकायत पर की गई कार्यवाही की प्रमाणित प्रति, नगर में कोचिंग, ट्यूशन पढ़ाने हेतु शिक्षा विभाग से अनुमति प्राप्त करने वाले शिक्षकों व उनके स्थानों की प्रमाणित सूची व इसकी नियमावली की जानकारी मांगी गई थी बावजूद आज तक कोई जानकारी नहीं मिली।