हर गधे पर 10 रूपये की रसीद, व्यापारियों ने किया विरोध
उज्जैन। गधे के मेले में नगर निगम द्वारा की जाने वाली वसूली को लेकर गुरूवार को व्यापारी तथा नगर निगम अधिकारियों में विवाद हो गया। नगर निगम अधिकारी 10 रूपये प्रति गधे के हिसाब से रसीद काट रहे थे ऐसे में व्यापारियों को कहना था कि गधों का व्यापार इतना नहीं है कि इतना रूपया प्रतिदिन नगर निगम को दिया जा सके। विवाद बढ़ा तो नगर निगम द्वारा गधे जब्त करने की बात कही जिससे विवाद और बढ़ गया। महासभा के प्रदेश महामंत्री हरिओम प्रजापत के अनुसार आधुनिक जमाने में जब हर काम मशीनों से हो रहा है ऐसे में गधों का व्यापार करने कार्तिक मेले में सिर्फ परंपरा को जीवित रखने हेतु आते हैं और बाजार सजाते हैं। गधों का इतना व्यापार नहीं और न ही इतना मुनाफा। ऐसे में नगर निगम द्वारा 10 रूपये प्रति गधे के हिसाब से रसीद काटी जा रही है, अधिकारी सुबोध जैन ने धमकी भरे लहजे में कहा कि यदि रसीद नहीं कटाई तो गधे जब्त कर ले जाएंगे और व्यवसायियों को जेल भिजवा देंगे। व्यापारियों ने अपनी माली हालत और मंदे व्यवसाय के बारे में बताया बावजूद सुबोध जैन ने नगर निगम की गाड़ी गधे जब्त करने हेतु भेज दी। जिसका व्यापारियों ने विरोध किया वहीं नगर निगम कमिश्नर तथा निगम सभापति सोनू गेहलोत को अवगत कराया। हरिओम प्रजापत के अनुसार व्यवसायियों की मांग है कि इस राजस्व को बंद करे तथा खूटा रसीद से गधों के व्यापार को मुक्त रखें। लेना भी है तो इतना लें जो व्यवसायी दे सके अन्यथा लगातार घाटा और मंदे व्यवसाय के इस दौर में व्यवसायी गधे लाना बंद कर देंगे और शहर यह भूल जाएगा कि कार्तिक चौक के पहले कभी गधों का मेला लगता था।