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स्कूल भवन निर्माण के लिए 2871 करोड़ रुपये स्वीकृत मंत्रि-परिषद के निर्णय


 

उज्जैन । मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में भोपाल में हुई मंत्रि-
परिषद की बैठक में कई निर्णय लिये गये।
मंत्रि-परिषद ने जल संसाधन विभाग द्वारा संचालित कमांड क्षेत्र विकास एवं जल प्रबंधन
कार्यक्रम के तहत भारत सरकार के जल संसाधन मंत्रालय द्वारा चयनित 10 प्राथमिकता वाली
परियोजनाओं को वर्ष 2019-20 तक तथा 13 गैर-प्राथमिकता वाली परियोजनाओं को वर्ष 2017-18
तक के लिए निरंतर रखने की अनुमति दी है। इस कार्यक्रम के जरिए आगामी 3 वर्षों में 4 लाख 29
हजार हेक्टेयर क्षेत्र में पक्की फील्ड चेनल का निर्माण कार्य पूरा कर सिंचाई नहर प्रणाली की जल
उपयोग क्षमता में वृद्धि प्राप्‍त की जाएगी। इसके लिए 1566 करोड़ 24 लाख रुपये का व्यय
अनुमानित है। मंत्रि-परिषद ने इस योजना के जरिए किए गए कार्यो का तृतीय पक्ष के माध्यम से
स्वतंत्र मूल्यांकन करवाने का निर्णय लिया है।
मंत्रि-परिषद द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग के अधीन भवनहीन हाई स्कूल और हायर सेकेण्डरी
स्कूलों के भवन निर्माण के लिए 2871 करोड़ 83 लाख रुपये की सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई।
मुख्यमंत्री कौशल्या योजना एवं मुख्यमंत्री कौशल संवर्द्धन योजना में संशोधन

मंत्रि-परिषद ने तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग में मुख्यमंत्री कौशल्या योजना एवं
मुख्यमंत्री कौशल संवर्द्धन योजना में संशोधन करने का निर्णय लिया है। इन योजनाओं में औपचारिक
शिक्षा प्रणाली को छोड़ चुके युवक-युवतियों/ऐसे व्यक्ति जो अपना कौशल विकसित कर रोजगार-
स्वरोजगार चाहते हैं/जो अनौपचारिक कौशल का प्रमाणीकरण चाहते हैं/महिलाएं एवं अन्य वंचित
समूह/नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्र के युवा/विमुक्त, घुम्मकड़ एवं अर्द्ध-घुम्मकड़ वर्ग के युवाओं को
प्रशिक्षण देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इन योजनाओं से युवाओं को स्व-रोजगार और रोजगार
मिलने से इनके जीवन स्तर में अपेक्षित सुधार होगा।

मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना

मंत्रि-परिषद ने अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अनुसूचित
जाति वित्त एवं विकास निगम के माध्यम से संचालित मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना के
क्रियान्वयन के लिए वर्ष 2017-18 से 2019-20 तक 30 करोड़ रुपए स्वीकृत करने का निर्णय लिया।
इस योजना के तहत 24 हजार हितग्राहियों को लाभान्वित किया जाएगा।

आवास सहायता योजना

मंत्रि-परिषद ने अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित आवास सहायता योजना को
वर्ष 2017-18 से 2019-20 तक की अवधि के लिए निरंतरता देने का निर्णय लिया है। इस योजना में
ऐसे नगरपालिका मुख्यालय जो संभागीय, जिला एवं तहसील/विकासखंड मुख्यालय नहीं हैं, में अध्ययन
करने वाले विद्यार्थियों को भी एक हजार रुपए प्रति माह की दर से आवास सहायता का लाभ देने का
निर्णय लिया गया है। योजना के जरिए आगामी तीन वर्षों में 99 हजार से अधिक विद्यार्थियों को
लाभान्वित किया जाएगा।

अजा-अजजा के पीड़ित को राहत राशि वितरण योजना

मंत्रि-परिषद ने अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 एवं
संशोधन 2015 एवं मध्यप्रदेश अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति (योजना) संशोधित नियम 2016
में पीड़ित को राहत राशि वितरण योजना के वर्ष 2017-18 से 2019-20 तक क्रियान्वयन के लिए
138 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है।
आदिवासी उपयोजना अंतर्गत विविध विकास कार्य अनुच्छेद 275 (1) योजना अंतर्गत स्वीकृत
कार्यों के अनुश्रवण और मूल्यांकन तथा परियोजनाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए भारत सरकार के
जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा राशि उपलब्ध कराई जाती है। मंत्रि-परिषद ने इस योजना का आगामी
3 वर्ष तक निरंतर संचालन करने के लिए 37 करोड़ 88 लाख रुपये की मंजूरी दी है।
प्रदेश में 8 आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय एवं चार गुरुकुलम आवासीय विद्यालय में
कक्षा 6वीं में राज्य स्तरीय प्रवेश परीक्षा के माध्यम से प्रतिभाशाली विद्यार्थियों का चयन किया जाता
है। मंत्रि-परिषद ने इस योजना को तीन वर्ष तक निरंतर संचालित करने की मंजूरी दी है। योजना के
जरिए आगामी तीन वर्ष में 8 हजार 40 विद्यार्थियों को लाभान्वित किया जाएगा।

मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश वित्त निगम को वाणिज्यिक बैंकों/अन्य संस्थाओं के द्वारा प्राप्त
ऋण 200 करोड़ रुपए और उस पर देय ब्याज के भुगतान के लिए राज्य शासन की प्रत्याभूति देने का
निर्णय लिया है।

छात्रावास अधीक्षक के पदों की मंजूरी

मंत्रि-परिषद ने बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल के 6 छात्रावासों के लिए तीन पुरुष और
तीन महिला छात्रावास अधीक्षक के पद की मंजूरी दी है। इनका वेतनमान 9300-34800+3600 रखा
गया है।
मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश सफाई कर्मचारी आयोग में एक अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष और 6 सदस्य
के मनोनयन के संबंध में विभाग द्वारा जारी आदेश का अनुसमर्थन किया है।
मंत्रि-परिषद ने पर्यटन विभाग द्वारा आयुक्त पर्यटन के अस्थाई पद को 1 अप्रैल 2017 से 31
मार्च 2020 तक निरंतर रखे जाने की अनुमति भी दी है।

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