देश के पांच कलाकारों को राष्ट्रीय कालिदास चित्र एवं मूर्तिकला पुरस्कार
उज्जैन @ मध्य प्रदेश शासन के तत्वावधान में विक्रम विश्वविद्यालय एवं कालिदास संस्कृत अकादमी, मध्य प्रदेश संस्कृति परिषद द्वारा अखिल भारतीय कालिदास समारोह में आयोजित राष्ट्रीय कालिदास चित्र एवं मूर्तिकला स्पर्धा-2017 के पुरस्कार की घोषणा की गई है। अकादमी के निदेशक श्री आनन्द सिन्हा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष की प्रदर्शनी महाकवि कालिदास रचित रघुवंशम पर केन्द्रित रहेगी। प्रदर्शनी में सम्पूर्ण भारत से 164 प्रवेश-पत्रों के माध्यम से 205 कलाकृतियां प्राप्त हुई। इस स्पर्धा में निर्णायक मण्डल ने 88 चित्र एवं 9 मूर्ति कलाकृतियों का चयन किया गया है।
इस वर्ष चित्रकला पुरस्कार हेतु श्री बिरंची नारायण बेहरा, बलंगा (उड़ीसा) की कृति ‘सम्पूर्ण रघुवंशम्’, श्री दीपक भण्डारी कांगड़ा (हि.प्र.) की कृति ‘रघुवंशम्’, पं.जयेश त्रिवेदी उज्जैन की कृति ‘लंकादहन’ एवं श्रीमती नीरज दीक्षित इन्दौर की कृति ‘बादलों का स्पर्श करती सीता’ का चयन किया गया है।
मूर्तिकला के लिये पुरस्कार श्री गौरव कुलश्रेष्ठ ग्वालियर की कृति ‘गो सेवा’ को प्राप्त हुआ है। इन सभी कलाकारों को 6 नवम्बर को समारोह के समापन अवसर पर अतिथियों द्वारा प्रत्येक कलाकार को नगद पुरस्कार, प्रमाण-पत्र एवं प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया जायेगा।
पुरस्कृत चित्र एवं मूर्तिकला के अलावा इस वर्ष चयन समिति की अनुशंसा पर प्रोत्साहन पुरस्कार भी घोषित किये गये हैं, जो कि चित्रकला के लिये सुश्री निरूपमा टांक मीणा भाव नगर (गुजरात) की कृति ‘सांझ की लाली’, सुश्री मोनिका गोहिल भोपाल की कृति ‘ध्यान’, श्री एलएन सिंहरोड़िया उज्जैन की कृति ‘रघुवंशम्’, सुश्री संतोषी श्याम भोपाल की कृति ‘रघुवंशम्’ गोंड शैली, श्री नरखड़ी वाला बाकरोल (गुजरात) की कृति ‘सीता विवाह’ एवं मूर्तिकला के लिये श्री महेन्द्र वाडिया उज्जैन की कृति ‘समर्पित’ को दिया गया। विस्तृत जानकारी के लिये अकादमी की वेब साइट www.kalidasacademy.com का अवलोकन किया जा सकता है।
इस स्पर्धा के निर्णायक मण्डल में पद्मश्री विजय शर्मा चंबा, श्री अवधेश मिश्र लखनऊ, श्री हरचन्दनसिंह भट्टी भोपाल तथा श्री शशिकान्त मुंडी इन्दौर तथा संस्कृतविद डॉ.केदारनाथ शुक्ल उज्जैन सम्मिलित थे।