जिला पंचायत में ही फांसी लगाकर कर लूंगी आत्महत्या
महिला सरपंच को 3 साल में 4 बार धारा 40 का नोटिस-राजनैतिक द्वेषतापूर्ण कार्यवाही का आरोप-कहा प्रशासनिक अधिकारी मानसिक रूप से परेशान कर रहे
उज्जैन। जनपद पंचायत बड़नगर के ग्राम खरसौद खुर्द की सरपंच प्रीति पाटीदार को सरपंच बने हुए 3 साल हुए और अब तक उन्हें 4 बार धारा 40 के नोटिस थमा दिये गये। प्रीति ने इसे खुद के खिलाफ राजनैतिक द्वेषतापूर्ण कार्यवाही बताते हुए प्रशासनिक अधिकारियों पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है साथ ही चेतावनी दी है कि यदि उसकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो वह जिला पंचायत में ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर लेगी।
प्रीति पाटीदार के अनुसार राजनैतिक द्वेषता के कारण पंचायत में काम नहीं करने दिया जा रहा तथा पद से पृथक करने की कोशिशें की जा रही हैं। जब से पंचायत सरपंच बनी तब से अब तक के रिकॉर्ड का भौतिक सत्यापन सचिव द्वारा नहीं करवाया गया न ही वित्तीय लेखा बताया। इसकी लिखित शिकायत कलेक्टर, जनपद पंचायत, मुख्य कार्यपालन अधिकारी तक से की है लेकिन किसी ने कोई कार्यवाही नहीं की। 6 महीने से भी अधिक समय हो गया चक्कर लगाते हुए सीईओ 11 बजे बुला लेते हैं शाम तक बैठाकर रखते हैं एक लड़की होकर मुझे परेशान कर रखा है। प्रीति के अनुसार प्रशासनिक अधिकारी अपने शब्दों से मानसिक पीड़ा पहुंचा रहे हैं जलील कर रहे हैं। 3 साल से पंचायत को समय देने के बजाय धारा 40 का जवाब देती फिर रही हूं। मानसिक तौर पर परेशान चुकी हूं अब यदि समस्या का समाधान नहीं हुआ तो जिला पंचायत में फांसी लगाकर आत्महत्या कर लूंगी।
प्रीति पाटीदार के अनुसार ग्राम पंचायत सचिव पंचायत के विकास कार्यों में सहयोग नहीं करते वहीं पंचायत उपसरपंच सरपंच के अधिकारों का हनन करते हैं इस संबंध में जिला पंचायत सीईओ को भी कई बार आवेदन देकर अवगत कराया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। कई बार प्रीति पाटीदार द्वारा लिखित आवेदन देकर ग्राम पंचायत के रिकॉर्ड की जांच की मांग की गई। 3 सचिव बदल गए बावजूद पंचायत के रिकॉर्ड का सरपंच को भौतिक सत्यापन नहीं करवाया गया। सचिवों द्वारा पंचायत कार्यों में लापरवाही करने पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। उपसरपंच और सचिव द्वारा टैंकर गायब कर दिये गये इसकी भी जनपद पंचायत में लिखित शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। पूर्व में तहसीलदार धीरेन्द्र पाराशर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रियंका टैगोर द्वारा पंचायत के विकास कार्यों की जांच की गई थी जिसमें सरपंच और सचिव पर लापरवाही की कार्रवाई की गई थी जिसमें धारा 40 के अंतर्गत प्रीति पाटीदार निर्दोष साबित हुई लेकिन सचिव दोषी फिर भी उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।