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अमृत मिशन योजना की खामियां दूर करने कांग्रेस पार्षद दल नगरीय प्रशासन मंत्री से मिला


उज्जैन। अमृत मिशन योजना के तहत शहर में सीवरेज लाईन तो डले लेकिन सड़कें भी तत्काल बनें। इस योजना से जुड़ी खामियां दूर हो। सिंहस्थ में करोड़ों के निर्माण आज खंडहर हो रहे हैं, सड़कें उखड़ गई हैं कोई मेंटनेंस नहीं हैं। शहर भरपूर जल होने के बाद भी जलसंकट झेल रहा है, 500 करोड़ खर्च करने के बाद भी शहरवासियों को नर्मदा का पानी नहीं मिल पा रहा है, प्रतिदिन शहर को पानी मिले, गंभीर में कम है तो नर्मदा का मिले। नगर निगम में व्यवाप्त भ्रष्टाचार पर लगाम लगे, छोटे कर्मचारियों की कमी दूर हो और जरूरत से ज्यादा पदस्थ बड़े अधिकारियों को अन्यत्र स्थानांतरित किया जाए। 

इन सब मांगों को लेकर कांग्रेस पार्षद दल गुरूवार को नगरीय प्रशासन मंत्री माया सिंह तथा आयुक्त विवेक अग्रवाल से मिला। मंत्री तथा आयुक्त के उज्जैन आगमन पर मेला कार्यालय पर अमृत मिशन योजना हेतु कांग्रेस पार्षद दल ने सकारात्मक सुझाव दिये। पार्षदों ने कहा कि सीवरेज के प्रोजेक्ट हेतु 402 करोड़ राशि मंजूर है जिसमें 35 वार्ड शामिल हैं। इसमें सड़क बनाने के लिए केवल 45 करोड़ का प्रावधान किया गया है जबकि 450 किमी सड़कें बनाने के लिए लगभग 200 करोड़ की आवश्यकता होगी। ऐसे में करीब 155 करोड़ रूपये की व्यवस्था की जाए ताकि सीवरेज लाईन के लिए खोदी गई सड़कें फिर से बन पाए अन्यथा पूरा शहर गड्ढों से भर जाएगा। बारिश के पानी का प्रोजेक्ट अभी केन्द्रीय मंत्रालय दिल्ली में स्वीकृति के लिए गया है इसके लिए केवल 10 करोड़ का प्रावधान है। पहले सड़कें खुदेगी, बनेगी फिर बारिश के पानी की निकासी के लिए खुदेगी और 10 करोड़ की राशि से पूरे शहर के पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं की जा सकती। ट्रांसपोर्ट हेतु करीब 37 करोड़ का प्रावधान है जबकि इस संबंध में निगम के अधिकारियों द्वारा पार्षदों को कोई विस्तुत जानकारी नहीं दी गई है। ग्रीन बेल्ट में अभी केवल चकोर पार्क के विकास के लिए 3.67 करोड़ स्वीकृत हुए है। विक्रम पार्क की शेष भूमि पर विकास कार्य किया जाए यहां पूरे शहर के वरिष्ठजन, बच्चे एवं परिवार बरसों से आया करते थे। अंडर ग्राउंड व्यवस्था के साथ एक अलग से डक लाईन की व्यवस्था भी की जानी चाहिये जिससे भविष्य में सड़कों को खोदने की आवश्यकता न पड़े। इस अवसर पर माया राजेश त्रिवेदी, हेमलता कुवाल, आत्माराम मालवीय, रहीम लाला, सपना सांखला, जितेन्द्र तिलकर, रेखा गेहलोत, हिम्मतसिंह देवड़ा आदि उपस्थित थे।

       कांग्रेसी पार्षदों ने नगरीय प्रशासन मंत्री मायासिंह को शिकायत करते हुए कहा कि नगर निगम में पदस्थ पीयूष भार्गव के विरूध्द महाकाल टनल मामले में मजिस्ट्रियल जांच हुई जिसमें वह दोषी पाये गये। संभागायुक्त ने उन्हें तत्काल निलंबित करने के आदेश जारी किये। लोकायुक्त में भी प्रकरण दर्ज है। पियूष भार्गव द्वारा सिंहस्थ महापर्व 2016 में शौचालय निर्माण मेें भी भारी भ्रष्टाचार किया गया था जिसकी जांच में भी वे दोषी पाये गये। इसके बाद भी नगर निगम द्वारा दोषी सहायक यंत्री को निगम के महत्वपूर्ण दायित्व सौंप रखे हैं। साधारण सम्मेलन में भार्गव के विरूध्द कार्यवाही करते हुए ठहराव स्वीकृत किया। बावजूद सम्मेलन की अवमानना करते हुए दोषी सहायक यंत्री को दायित्व सौंप रखे हैं। मंत्री से कहा कि सम्मेलन के ठहराव क्रमांक 83 तथा संभागायुक्त के आदेश पर तत्काल अमल करते हुए तत्काल नगर निगम में पदस्थ दोषी सहायक यंत्री पीयूष भार्गव से महत्वपूर्ण प्रभार वापस लिया जाए तथा उनके विरूध्द उचित कार्यवाही की जाए।

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