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उज्जैन से फीनलैंड के लिए रवाना हुई शिवानी, नए परिवार के साथ दिखी


ujjain @  उज्जैन के मातृछाया संस्था में रहने वाली लावारिस शिवानी आज अपने नए परिवार के साथ फीनलैंड के लिए रवाना हो गई। दो साल का वक्त मातृछाया में गुजारने के बाद आज शिवानी की गोद लेने की प्रक्रिया पूरी हुई। जिसके बाद मातृछाया से सभी ने उसे बिदाई दी। शिवानी को लेने के लिए फीनलैंड से गोद लेने वाले दम्पति दो दिन पहले उज्जैन पहुंचे है।

उज्जैन के जिला अस्पताल के सामने से दो साल पहले शिवानी लावारिस हालत में मिली थी। तभी उज्जैन के मक्सीरोड स्थित सेवा भारती की संस्था मातृछाया में शिवानी का पालन-पोषण किया गया। जिसके बाद अंतरदेशीय दत्तक ग्रहण के तहत शिवानी को फीनलैंड के एक परिवार के गोद लेने की इच्छा जताई।

       करीब छह महीने पहले ऑनलाइन प्रक्रिया में फिनलैंड के टेम्पीयर शहर के निवासी दंपती ने उसे गोद लेने का प्रस्ताव दिया था। जिसके बाद शिवानी को गोद लेने की प्रक्रिया शुरू हुई। सभी कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद दो दिन पहले फिनलैंड से शिवानी को गोद लेने वाले इंजीनियर केटमा (मां) व सेल्स मैनेजर काउको टोपियो एलेको (पिता) उज्जैन पहुंच गए है।

       जिसके बाद उन्होंने मातृछाया में शिवानी के साथ काफी वक्त गुजारा। शिवानी को मोबाईल पर आपने परिवार और नए घर के बारे में भी जानकारी दी। आज जिला पंजीयक कार्यालय में शिवानी को गोद लेने की अंतिम प्रक्रिया पूरी हुई। जिसके बाद मातृछाया से शिवानी को बिदाई दी गई। शिवानी अपने नए परिवार के साथ आज फीनलैंड के लिए रवाना हो गई।

       शिवानी को अपनाने वाले दंपती केटमा और काउको ने कहा-हम तीन साल से प्रयासरत थे। शिवानी को अपनाकर बहुत खुशी हो रही है। केटमा के अनुसार उनके पति काउको को भारत पसंद है। इसलिए शिवानी को अपनाकर ज्यादा खुशी हो रही है। उन्होंने बताया शिवानी को वे बहुत खुश रखेंगे। 

       शिवानी नए माता-पिता के साथ बहुत खुश दिखी। वह नए माता-पिता द्वारा लाए खिलौनों से खेलती रही। फिनलैंड के दंपती की भाषा शिवानी को समझ नहीं आ रही थी लेकिन वह अपनी भाषा में जवाब देने की कोशिश करती रही। उसकी बोली पर दंपती कभी ठहाके लगाते तो समझने की कोशिश करते। 

       गौरतलब है कि उज्जैन से विदेशी दंपत्तियों के गोद लेने का यह दूसरा मामला है। इसके पहले मुन्नी को भी स्पेन के एक परिवार ने गोद लिया था।

 

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