राज्य योजना आयोग द्वारा ‘आऊटपुट’ एवं ‘आऊटकम’ का विश्लेषण किया जायेगा
जवाबदेही के लिये यह एक्सरसाइज की जा रही है
-प्रेसवार्ता में राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री काश्यप
उज्जैन । राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री चैतन्य काश्यप ने कहा है कि विभिन्न योजनाओं में जवाबदेही निश्चित करने के लिये आयोग द्वारा आऊटपुट एवं आऊटकम का विश्लेषण किया जा रहा है। इससे स्पष्ट हो रहा है कि योजनाएं कितनी कारगर हैं। उन्होंने कहा कि योजना आयोग द्वारा किसी स्कूल को स्वीकृत किया जाना और उसका बनना ‘आऊटपुट’ है और इस स्कूल से शिक्षा प्राप्त कर बच्चों का संस्कारित होना ‘आऊटकम’ कहा जायेगा। इसी तरह सभी योजनाओं का विश्लेषण किया जायेगा। उन्होंने कहा कि संभागीय स्तर पर योजना आयोग की होने वाली बैठकों में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एवं अर्थशास्त्री श्री गणेश कावड़िया को पहली बार विभिन्न ‘पैरामीटर्स’ (मानदण्डों) के विश्लेषण के लिये आमंत्रित किया जा रहा है। योजनाएं सिर्फ कागजी न हों, वास्तविक धरातल के निकट हों, यही प्रयास निरन्तर किया जा रहा है। राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री चैतन्य कुमार काश्यप ने आज सोमवार को मेला कार्यालय में प्रेस से चर्चा करते हुए यह बात कही।
प्रेस से चर्चा के दौरान श्री काश्यप ने बताया कि जो योजनाएं हम बनाते हैं, उनमें प्रयास रहता है कि ग्राम पंचायतों एवं नगरीय क्षेत्रों से विकेन्द्रित योजनाएं बनकर आयें। उन्होंने बताया कि कृषि सिंचाई, नगर निवेश आदि के सम्बन्ध में आज उज्जैन में चार जिलों की बैठक ली है। इस बैठक में 32 विभागों के अधिकारियों ने अलग-अलग योजनाएं प्रस्तुत की। राज्य के बजट की 30 प्रतिशत राशि जिलों में जाती है। उन्होंने बताया कि आज उन्होंने जनप्रतिनिधियों से भी चर्चा कर विशेष कार्यों के लिये प्रस्ताव भेजने को कहा है। प्रेसवार्ता में ऊर्जा मंत्री श्री पारस जैन, राज्य योजना आयोग के मुख्य आर्थिक सलाहकार श्री राजेन्द्र मिश्रा, संभागायुक्त श्री एमबी ओझा, योजना आयोग के सलाहकार श्री बारस्कर आदि मौजूद थे।