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राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष ने उज्जैन में जनप्रतिनिधियों से चर्चा की



उज्जैन। जिलों के जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्रों की छोटी-छोटी जरूरतों पर भी पैनी नजर रखें। वे गांव तथा शहरों के लिये जरूरी लघु योजनाओं को भी प्रभावी ढंग से बनवा कर अमल करवायें। अपने क्षेत्र में नजर से ओझल ऐसे कार्य, जो विकास के लिये जरूरी हैं जैसे- पुल-पुलियाओं का निर्माण, सड़क निर्माण, राशन की दुकान आदि कार्यों के लिये सतत प्रयास करते हुए जिला योजना समिति की बैठकों में प्रस्ताव पारित करवायें। यह बात राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री चैतन्य कुमार काश्यप ने उज्जैन मेला कार्यालय में जनप्रतिनिधियों से चर्चा के दौरान कही। इस अवसर पर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्री पारस जैन, जिला पंचायत देवास के अध्यक्ष श्री नरेन्द्रसिंह राजपूत, देवास के महापौर श्री सुभाष शर्मा, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक उज्जैन के अध्यक्ष श्री किशनसिंह भटोल, जिला पंचायतों के सदस्य आदि मौजूद थे।
जनप्रतिनिधियों से चर्चा के दौरान योजना आयोग उपाध्यक्ष ने कहा कि जनप्रतिनिधि विकास की छोटी-छोटी बातों एवं जरूरतों पर नजर रखें। उनके क्रियान्वयन हेतु जिले से लेकर ऊपर तक प्रभावी प्रयास करें। आमजन को उनका लाभ दिलवायें। जनप्रतिनिधि देखें कि शासन की योजनाओं से आम जनता को कितना लाभ मिल रहा है। कहां संशोधन की आवश्यकता है। खासतौर पर ग्रामीणों की बुनियादी जरूरतों का आंकलन करने में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करें। गांवों के जरूरी कार्य निकलकर सामने आयें, उनके क्रियान्वयन हेतु योजना बनें, योजना पर प्रभावी अमल हो। जनप्रतिनिधि की जागरूकता इन मामलों में बहुत जरूरी है। जरूरी छोटी-छोटी योजनाओं की प्राथमिकताएं तय करके व्यक्तिगत रूचि से उन पर अमल करवायें।
योजना आयोग उपाध्यक्ष ने कहा कि जनप्रतिनिधि इस बात पर नजर रखें कि उनके क्षेत्र विशेष में किस प्रकार कोई विशेष योजना की आवश्यकता है। जहां ज्यादा राशि की जरूरत होगी, वहां ज्यादा राशि का प्रावधान किया जायेगा। आप जो भी योजना चाहते हैं, वह अपने कलेक्टर को बतायें। कलेक्टर के माध्यम से योजना आयोग तक बात पहुंच जायेगी। उन्होंने यह भी कहा कि किन्हीं योजनाओं में यदि उच्चस्तरीय विशेषज्ञों की आवश्यकता होगी तो भोपाल से लेकर दिल्ली तक से विशेषज्ञों को भेजा जायेगा। उन्होंने देवास टेकरी पर किये गये वृहद वृक्षारोपण का उदाहरण देते हुए कहा कि इसकी सफलता को देखकर अब प्रदेश का वन विभाग पूरे प्रदेश में क्षेत्र विशेष को चिन्हांकित कर वहां सघन वृक्षारोपण करवा रहा है। योजना आयोग के उपाध्यक्ष ने चर्चा के दौरान इस बात पर जोर दिया कि जो भी योजना बने, वह सम्पूर्ण हो। यदि स्कूल निर्माण किया जाना है तो उस तक पहुंचने का मार्ग, विद्युत व्यवस्था, पेयजल, खेल मैदान आदि जुड़ी हुई जरूरतों का भी प्रावधान किया जाना चाहिये।
इस दौरान मौजूद जनप्रतिनिधियों ने विभिन्न योजनाओं एवं कार्यों के सम्बन्ध में अपने सुझाव प्रस्तुत किये। इनमें बलराम तालाब की राशि बढ़ाई जाने, खेत सड़कों की मरम्मत, छोटे-छोटे स्टापडेम की संख्या में वृद्धि, शीतगृहों को विद्युत बिलों पर सब्सिडी आदि सुझाव सम्मिलित थे। योजना आयोग के उपाध्यक्ष ने सभी जरूरी सुझावों पर अमल के लिये जनप्रतिनिधियों को आश्वस्त किया।
ऊर्जा मंत्री ने दी योजनाओं की जानकारी
इस अवसर पर मौजूद ऊर्जा मंत्री श्री पारस जैन ने प्रदेश के किसानों के हित में लागू की गई योजनाओं की जानकारी में बताया कि अब जले एवं खराब ट्रांसफार्मरों से जुड़े 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान करने पर अथवा कुल बकाया राशि का 20 प्रतिशत जमा होने पर जले एवं खराब ट्रांसफार्मर को बदल दिया जायेगा। इन दोनों शर्तों में से किसी एक शर्त की पूर्ति होने पर ट्रांसफार्मरों को तुरन्त बदलने की कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने सौर ऊर्जा पर 90 प्रतिशत अनुदान वाली योजना की जानकारी भी दी। यह भी बताया कि किसानों के लिये 03 माह के विद्युत कनेक्शन का प्रावधान भी है। ऊर्जा मंत्री ने यह सुझाव दिया कि तालाबों के गहरीकरण में मिट्टी ग्रामीणों द्वारा ले जाये जाने का प्रावधान रखा जाये। इससे तालाब गहरे होंगे, वहीं किसानों को खेती के लिये बहुमूल्य मिट्टी मिलेगी। किसानों की आय दोगुनी करने की मुख्यमंत्री की मंशा अनुसार प्रदेश का ऊर्जा विभाग कार्य कर रहा है।

 

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