‘योजनाबद्ध तरीके से हो विकास’ ‘अन्तिम व्यक्ति तक पहुंचे योजनाओं का लाभ’
जिला योजना 18-19 की बैठक में राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा
उज्जैन 23 अक्टूबर। योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री चैतन्य कुमार कश्यप ने कहा है कि प्रदेश के सभी
जिलों में योजनाबद्ध तरीके से विकास हो तथा शासकीय कार्यक्रमों एवं योजनाओं का लाभ अन्तिम व्यक्ति तक
पहुंचे। विकास की प्रक्रिया में अभी भी कुछ लोग छूटे हुए हैं, हमें विकेन्द्रीकृत जिला योजना के माध्यम से उन छूटी
हुई कड़ियों को जोड़कर वर्ष 2022 तक, जो कि आजादी का 75वां वर्ष होगा, हर गांव, हर मजरे-टोले, हर व्यक्ति
तक विकास पहुंचाना होगा।
श्री कश्यप आज मंगलवार को उज्जैन में संभाग के 04 जिलों उज्जैन, शाजापुर, देवास तथा आगर-मालवा
की जिला कार्य योजना 2018-19 की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में योजना आयोग के मुख्य आर्थिक
सलाहकार श्री राजेन्द्र मिश्रा, संभागायुक्त श्री एमबी ओझा, एडीजी श्री व्ही.मधुकुमार, डीआईजी डॉ.रमणसिंह
सिकरवार, कलेक्टर उज्जैन श्री संकेत भोंडवे, देवास कलेक्टर श्री आशीष सिंह, आगर कलेक्टर श्री अजय गुप्ता एवं
शाजापुर कलेक्टर श्री श्रीकान्त वर्मा, राज्य योजना मण्डल के सलाहकार श्री पीसी बारस्कर, श्री बीएल शर्मा, सुश्री
स्वाति परिहार सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
हमें ‘विलेज ट्रांसफॉर्मेशन’ करना है
राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री कश्यप ने कहा कि हमारी योजना का मुख्य उद्देश्य ‘विलेज
ट्रांसफॉर्मेशन’ है। हम महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपने को पूर्ण रूप से साकार करना चाहते हैं। आज भी
हमारे गांव मूलभूत सुविधाओं में कहीं न कहीं पिछड़े हुए हैं तथा सुविधाएं अन्तिम व्यक्ति तक नहीं पहुंच पा रही
हैं। विकेन्द्रीकृत जिला योजना के माध्यम से हम इन्हें अन्तिम छोर के व्यक्ति तक पहुंचाएंगे।
01-01 रूपये की हो जवाबदेही
श्री कश्यप ने कहा कि जिला योजना का उद्देश्य है शासन के पैसे योजनाबद्ध तरीके से खर्च करना,
जिससे कि आमजन को उसका पूरा लाभ मिले। उन्होंने कहा कि शासन के 01-01 रूपये की जवाबदेही तय होना
चाहिए, जिससे शासन का पूरा पैसा जनता के हित में लगे। नीति आयोग ने देश के हर जिले के लिए विकास के
संकेतक तैयार किए हैं, हमें देखना है कि हम उन संकेतकों पर कितना खरा उतरते हैं।
प्रदेश विकसित राज्यों की श्रेणी में
श्री कश्यप ने कहा कि प्रदेश में गत वर्षों में निरन्तर विकास के चलते मध्य प्रदेश देश के विकसित राज्यों
की श्रेणी में आ गया है। इसके लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री तथा उनकी योजनाएं, जो कि हर व्यक्ति के कल्याण के
लिए बनाई गई हैं तथा उनका प्रभावी अमल जिम्मेदार है। उन्होंने मेधावी विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना तथा
लाड़ली लक्ष्मी योजनाओं की विशेष सराहना की। उन्होंने बताया कि हर व्यक्ति को मकान दिलवाने के लिए देश की
ही तर्ज पर प्रदेश में भी आवास कानून बनाया गया, जो कि अत्यन्त सराहनीय है।
18 हजार गांव विद्युतीकरण से बाकी
श्री कश्यप ने बताया कि प्रदेश के अभी भी 18 हजार गांव विद्युतीकरण से वंचित हैं। अभी भी बहुत से
ऐसे मजरे, टोले और मकान हैं, जहां बिजली नहीं है। जिला योजना के अन्तर्गत इन सभी गांव, मजरे एवं टोलों में
बिजली आपूर्ति की जाएगी। मध्य प्रदेश लोक कल्याणकारी राज्य है तथा यहां की हर योजना लोक कल्याण की
दिशा में अनूठी है, जिन्हें शासन द्वारा जनता के हित में गंभीर चिन्तन के उपरान्त बनाया गया है।
मैदानी अधिकारियों के साथ बैठकर योजना
बैठक में बताया गया कि राज्य योजना आयोग द्वारा जिला कार्य योजना की बैठकों के माध्यम से
कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक एवं मैदानी अधिकारियों के साथ बैठकर जिला योजनाओं का प्रारूप तैयार किया जा रहा
है, जिसका मुख्य उद्देश्य है, मैदानी हकीकत जानना तथा उसके अनुरूप प्रत्येक जिले के लिए योजना बनाए जाना।
फसल चक्र परिवर्तन के लिए राशि
बैठक में कलेक्टर उज्जैन श्री संकेत भोंडवे ने उज्जैन जिले की कृषि विभाग की योजना प्रारूप के
प्रस्तुतिकरण के दौरान बताया कि उज्जैन जिले में किसानों को कम पानी की फसलें लेने तथा फसल चक्र परिवर्तन
के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। विशेष रूप से गंभीर डेम के 05 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में किसानों को गेहूं के
स्थान पर चना लगाने के लिए सुझाव दिया जा रहा है। उन्होंने इसके लिए आवश्यक योजना प्रस्ताव प्रस्तुत किया,
जिसे बैठक में तुरन्त स्वीकृत कर दिया गया। उनके द्वारा उज्जैन जिले में फूलों की खेती के लिए भी 15 लाख
रूपये का प्रस्ताव रखा गया, जिसे स्वीकृत किया गया।
01-01 कर विभागों की कार्य योजना को अन्तिम रूप दिया गया
बैठक में राज्य योजना मण्डल के उपाध्यक्ष श्री चैतन्य कुमार कश्यप, मुख्य आर्थिक सलाहकार श्री राजेन्द्र
मिश्रा ने उज्जैन, देवास, शाजापुर एवं आगर जिले के कलेक्टर एवं विभिन्न विभागों के विभागीय अधिकारी तथा
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों से चर्चा कर एक-एक विभाग की कार्य योजना को अन्तिम रूप
दिया। सर्वप्रथम उनके द्वारा कृषि विभाग की जिला योजना की समीक्षा की गई। कृषि विभाग द्वारा विभिन्न मदों
में वर्ष 2018-19 के लिये मांगी गई राशि की चर्चा की गई तथा उसमें संशोधन कर स्वीकृति प्रदान की गई।
उज्जैन जिले की कृषि विभाग की तीन करोड़ 53 लाख रूपये की योजना स्वीकृत की गई है। जिले में सूरज धारा
योजना के तहत मिनी किट्स को बढ़ावा देकर किसानों की उपज का बढ़ाया जायेगा। इसी तरह बैठक में देवास
जिले के लिये कृषि विभाग की 03 करोड़ 25 लाख की, शाजापुर जिले के लिये 03 करोड़ 76 लाख की, आगर जिले
के लिये 02 करोड़ 90 लाख की कृषि विभाग की कार्य योजना स्वीकृत की गई है।
बैठक में उद्यानिकी विभाग की कार्य योजना के तहत उज्जैन जिले में एक करोड़ 49 लाख, देवास जिले में
01 करोड़ 71 लाख, आगर जिले में दो करोड़ 85 लाख तथा शाजापुर जिले में 02 करोड़ 31 लाख रूपये की कार्य
योजना स्वीकृत की गई है। पशु चिकित्सा विभाग के तहत उजजैन जिले में 02 करोड़ 51 लाख, देवास जिले में
01 करोड़ 36 लाख, शाजापुर जिले में 62 लाख 60 हजार तथा आगर जिले में 77 लाख 07 हजार रूपये की
वार्षिक योजना स्वीकृत हुई है। इसी तरह मत्स्य विभाग में उज्जैन जिले में 18 लाख 87 हजार, देवास जिले में 65
लाख, शाजापुर जिले में 19 लाख 34 हजार, आगर जिले में 50 लाख 16 हजार रूपये की वार्षिक कार्य योजना
स्वीकृत की गई है।
बैठक में वन विभाग की कार्य योजना पर भी चर्चा की ई तथा निर्देश दिये गये कि नीलगाय पकड़ने के
लिये उज्जैन जिले में विशेष योजना बनाई जाये तथा शाजापुर जिले में काले हिरण के लिये अभ्यारण्य की
आवश्यकता को देखते हुए योजना प्रस्तावित की जाये। चर्चा उपरान्त वन विभाग के तहत उज्जैन जिले में 03
करोड़ 16 लाख, देवास जिले में 02 करोड़ 50 लाख, शाजापुर जिले में 03 करोड़ 35 लाख तथा आगर जिले में
03 करोड़ 35 लाख रूपये की कार्य योजना को अन्तिम रूप दिया गया।
उज्जैन जिले में ग्रामीण विकास के लिये 227 करोड़ स्वीकृत
राज्य योजना मण्डल की बैठक में उज्जैन जिले में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के तहत मनरेगा,
स्वच्छ भारत अभियान, राष्ट्रीय आजीविका मिशन, मध्याह्न भोजन योजनाओं के लिये कुल 227 करोड़ 97 लाख
रूपये की राशि स्वीकृत की गई है। उल्लेखनीय है कि इस वित्तीय वर्ष में जिले के लिये 209 करोड़ रूपये की राशि
स्वीकृत हुई है। उज्जैन जिले में पंचायत विभाग के लिये 28 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। संभाग के
अन्य जिलों में देवास में ग्रामीण विकास के लिये 51 करोड़ तथा पंचायत विभाग के लिये 22 करोड़, शाजापुर जिले
में ग्रामीण विकास के लिये 137 करोड़ एवं पंचायत विभाग के लिये 36 करोड़ तथा आगर जिले में ग्रामीण विकास
के लिये 97 करोड़ एवं पंचायत विभाग के लिये 06 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है।
इसी तरह सहकारिता विभाग के लिये उज्जैन जिले में 37 लाख 15 हजार रूपये, आगर एवं शाजापुर जिले
में 26 लाख 42 हजार रूपये तथा देवास जिले के लिये 34 लाख 50 हजार रूपये की कार्य योजना को स्वीकृति
प्रदान की गई है।