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पाइप तो डाल दोगे पर पानी कहां से लाओगे सरकार का पैसा बर्बाद न करें


उज्जैन @ आप उज्जैनी ग्राम से गऊघाट उज्जैन तक पाइप लाइन तो डाल दोगे, पर उज्जैनी तक पानी कहां से लाओगे? कोई भी शासकीय कार्य किए जाने से पहले अच्छी तरह सारी बातों का मुआयना मौके पर जाकर कर लें तथा भविष्य की स्थिति को ध्यान में रखकर डीपीआर बनाएं। सभी तथ्यों को ध्यान में नहीं रखने से योजनाएं/कार्य अव्यवहारिक हो जाती हैं तथा शासकीय धन बर्बाद होता है। शासकीय धन की बर्बादी अपराधिक कृत्य है।

       संभागायुक्त श्री एमबी ओझा ने आज मंगलवार को संभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक में शिप्रा नदी में पानी लाने की योजना के सम्बन्ध में अधिकारियों से यह बात कही। बैठक में नगर निगम एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इन्दौर के पास उज्जैनी ग्राम से सीधे पाइप लाइन डालकर गऊघाट उज्जैन तक नर्मदा का जल लाने की योजना है, जिससे शिप्रा नदी को पर्याप्त पानी मिलेगा। संभागायुक्त ने निर्देश दिए कि अधिकारी पहले जाकर सम्बन्धित स्थलों का मुआयना कर लें। वे स्वयं भी मुआयना करेंगे। इसके बाद ही योजना को अन्तिम रूप दिया जाएगा।

       बैठक में अपर आयुक्त डॉ.अशोक कुमार भार्गव, उपायुक्त श्री पवन जैन, अपर कलेक्टर श्री वसन्त कुर्रे, अपर आयुक्त नगर निगम श्री कैलाश वानखेड़े, सीईओ यूडीए श्री अभिषेक दुबे सहित सभी संभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

 

6 महीने हो गए कहते-कहते, अब निलम्बन के लिए तैयार रहें

       बैठक में सिंहस्थ की बची हुई सामग्री को संभाग के अन्य जिलों में आवश्यकता अनुसार भिजवाए जाने के कार्य की समीक्षा के दौरान संभागायुक्त ने कार्य अभी तक न होने पर लोक निर्माण विभाग के प्रति गंभीर असंतोष जताते हुए कहा कि कहते-कहते 06 माह हो गए हैं, कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग अब कार्य करें, नहीं तो निलम्बन के लिए तैयार हो जाएं। उन्होंने लोक निर्माण विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, मप्र विद्युत मण्डल, उज्जैन विकास प्राधिकरण आदि विभागों को निर्देश दिए कि वे सिंहस्थ की बची सामग्री के उपयोग के सम्बन्ध में कलेक्टर की आगामी टीएल में उपस्थित हों, वे स्वयं भी उपस्थित होकर कार्य की समीक्षा करेंगे।

 

अनुपस्थित अधिकारियों को नोटिस दें

       बैठक में अनुपस्थित मप्र विद्युत मण्डल, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क, नापतौल विभाग, खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग आदि के अनुपस्थित अधिकारियों को संभागायुक्त ने नोटिस दिए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यदि अधिकारी इसके बाद भी अनुपस्थित रहते हैं तो उनके विरूद्ध निलम्बन की कार्रवाई की जाए।

 

नलकूपों पर आधारित जलप्रदाय

       बैठक में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा बताया गया कि उज्जैन संभाग के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रमुख रूप से नलकूपों पर आधारित जलप्रदाय व्यवस्था है। लगातार कई स्थानों पर जल का स्तर गिर रहा है एवं कुछ स्थानों पर पानी में फ्लोरोसिस की समस्या हो रही है। समस्या का दीर्घकालीन समाधान सतही जल के द्वारा ही संभव है। संभागायुक्त ने इस सम्बन्ध में संभावनाएं तलाशने तथा उन पर ठोस रूप से कार्रवाई करने का सुझाव दिया। बताया गया कि उज्जैन एवं देवास जिलों में दीर्घकालीन जल स्त्रोत नहीं हैं। आगर जिले का भूजल स्तर अत्यधिक गिर गया है तथा वहां सर्वाधिक संख्या में हैण्डपम्प सूख गए हैं। इसी तरह शाजापुर जिले में भी पानी की समस्या है।

 

अनिवार्य सेवा निवृत्ति की सूची दें

       संभागायुक्त ने सभी विभागों को निर्देश दिए कि वे अपने विभागों के ऐसे अधिकारी/कर्मचारियों, जो कि शासकीय कार्य में रूचि नहीं लेते तथा उनकी सेवा 20 वर्ष अथवा उम्र 50 वर्ष हो गई हो, उनकी सूचियां शीघ्र संभागायुक्त कार्यालय को भिजवाएं, जिससे उन्हें अनिवार्य सेवा निवृत्ति दी जा सके।

 

पंचक्रोशी मार्ग घूमो

       संभागायुक्त ने संयुक्त संचालक उद्यानिकी को निर्देश दिए कि वे पंचक्रोशी मार्ग घूमें तथा वहां जो वृक्ष सूख रहे हैं, उनकी देखभाल की व्यवस्था करें। कोई भी पेड़ सूखना नहीं चाहिए। संभागायुक्त ने नर्मदा-गंभीर लिंक योजना के सम्बन्ध में अपर आयुक्त नगर निगम श्री कैलाश वानखेड़े तथा अन्य सम्बन्धित अधिकारियों को मौके पर जाकर निरीक्षण करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी अधिकारियों को समस्त विभागीय कार्यालयों के रंग-रोगन एवं सफाई के भी निर्देश दिए।

 

गंभीर किनारे वाले किसान कौन-सी फसल लगाएं?

       बैठक में अपर आयुक्त नगर निगम श्री कैलाश वानखेड़े ने बताया कि गत दिनों प्रशासन का दल गंभीर नदी के किनारे खेती करने वाले किसानों से मिला था, तब किसानों ने उनसे पूछा था कि वे अब गेहूं चना के अलावा कम पानी वाली अन्य फसल लेना चाहते हैं, वे कौन-सी फसल लें। इस पर संभागायुक्त ने संयुक्त संचालक कृषि श्री पाण्डे को निर्देश दिए कि वे इस सम्बन्ध में विभागीय अधिकारियों को वहां भिजवा कर किसानों को सलाह दें। महिला एवं बाल विकास विभाग को संभाग में कुपोषण निवारण शिविर लगाने के निर्देश दिए गए।

 

अब 18 लाख तक अनुदान की पात्रता

       बैठक में उज्जैन विकास प्राधिकरण की सीईओ श्री अभिषेक दुबे ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत ऐसे व्यक्ति, जिनके पास अपना कोई पक्का निजी आवास नहीं है, उनको सरकार द्वारा पूर्व में 03 लाख रूपये तक की वार्षिक आय पर अनुदान की पात्रता थी। अब सरकार ने यह सीमा बढ़ा दी है। अब 18 लाख रूपये तक की वार्षिक आय वाले ऐसे व्यक्तियों को शासन की ओर से अधिकतम रूपये 02 लाख 30 हजार तक अनुदान मिलेगा। अत: उज्जैन विकास प्राधिकरण के द्वारा बनाए गए विभिन्न आवास वे इस योजना के तहत अत्यधिक लाभ में प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि पहले इसके लिये यूडीए द्वारा मकान की कीमत की 10 प्रतिशत राशि बुकिंग के समय देनी पड़ती थी, अब इस प्रावधान को हटा दिया गया है। अब केवल 01 हजार रूपये राशि बुकिंग के समय देनी होती है।

 

जीएसटी का दिया गया प्रशिक्षण

       बैठक में प्रारम्भ में सीजीएसटी विभाग के श्री पोरवाल द्वारा जीएसटी के सम्बन्ध में अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया। उन्होंने अत्यधिक उपयोगी जानकारी दी। अधिकारियों ने विभिन्न प्रश्नों के माध्यम से अपनी शंकाओं का समाधान किया।

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