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भावान्तर भुगतान योजना में पंजीयन नहीं कराने पर किसानों को लाभ नहीं मिलेगा पंजीयन कार्य 15 अक्टूबर तक जारी


      उज्जैन । राज्य शासन द्वारा प्रदेश के किसानों को कृषि उपज का उचित मूल्य प्रदान करने के लिये भावान्तर भुगतान योजना प्रारम्भ की गई है। इस योजना के तहत पंजीयन कराने वाले किसानों को समर्थन मूल्य से कम भाव में मंडी में अपनी उपज बेचने पर शासन द्वारा निर्धारित अन्तर राशि का भुगतान सीधे उनके खातों में किया जायेगा। पंजीयन नहीं कराने वाले किसानों को इसका लाभ नहीं मिलेगा। विभिन्न फसलों के लिये भावान्तर राशि का निर्णय राज्य शासन द्वारा किया जायेगा। राज्य शासन ने निर्देश दिये हैं कि कोई भी किसान पंजीयन से वंचित न रहे और इस योजना का लाभ ले। जिले में 70 खरीदी केन्द्रों पर पंजीयन की प्रक्रिया जारी है और अभी तक 58 हजार से अधिक पंजीयन हो चुके हैं। भावान्तर भुगतान योजना में सोयाबीन, मूंगफली, तिल, रामतिल, मक्का, उड़द, तुअर शामिल हैं।

      उल्लेखनीय है कि भावान्तर योजना खरीफ-2017 से लागू की गई है। योजना का लाभ केवल मध्य प्रदेश के किसानों को उनके द्वारा उत्पादित कृषि उपज पर प्रदेश की अधिसूचित कृषि उपज मंडी समिति के प्रांगण में विक्रय (राज्य शासन द्वारा घोषित की गई अवधि में) किये जाने पर चयनित फसलों के लिये उत्पादकता की निश्चित सीमा तक विक्रय की गई फसल पर देय होगा।

      भावान्तर भुगतान योजना के अन्तर्गत लाभ प्राप्त करने हेतु किसान को पंजीयन 15 अक्टूबर 2017 तक कराना होगा।

भावान्तर योजना इन फसलों पर लागू

      भावान्तर भुगतान योजना में तिलहन फसलों में सोयाबीन, मूंगफली, तिल, रामतिल, मक्का, उड़द, तुअर शामिल हैं। इन फसलों पर 16 अक्टूबर से 15 दिसम्बर तक योजना लागू रहेगी। मक्का, मूंग व उड़द के लिये 16 अक्टूबर से 15 दिसम्बर तक तथा तुअर के लिये एक फरवरी से 30 अप्रैल 2018 तक लागू रहेगी। प्रत्येक किसान को पंजीयन के उपरान्त पंजीयन क्रमांक दिया जायेगा। एसएमएस के माध्यम से भी पंजीकृत किसान को मोबाइल पर सूचना दी जायेगी। योजना का लाभ लेने के लिये मध्य प्रदेश का मूल निवासी होना आवश्यक है। साथ ही किसान इस योजना का लाभ तभी ले सकेगा, जब अधिसूचित मंडी परिसर में वह निर्धारित अवधि में ही वह अपनी उपज का विक्रय करेगा।

भावान्तर भुगतान योजना के पोर्टल पर कृषक द्वारा पंजीयन कराये जाने के बाद कृषकवार जानकारी राजस्व विभाग को प्राप्त होगी और राजस्व विभाग के अधिकारी कितनी भूमि पर कौन-सी फसल बोई गई है, इसका सत्यापन करेंगे। यह सत्यापन 30 अक्टूबर तक दर्ज किया जायेगा। कृषक को मंडी में अपनी उपज बेचने के समय कृषि उपज मंडी समिति को भावान्तर भुगतान योजना के पंजीयन क्रमांक को नोट कराना होगा। भावान्तर भुगतान योजना की अवधि समाप्त होने पर आगे की प्रक्रिया अपनाकर किसानों के बैंक खातों में अन्तर की राशि मध्य प्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ अथवा मध्य प्रदेश नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा भुगतान किया जायेगा।

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