बाल यौन हिंसा की घटनाओं का समाज में कड़ा विरोध होना चाहिये
उज्जैन। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने समाज के सभी वर्गों का आव्हान
किया है कि बाल यौन हिंसा की घातक मानसिकता को जड़ से समाप्त करने के लिये एकजुट होकर
कार्य करें। उन्होंने कहा है कि यह मानसिकता स्वस्थ समाज के लिये हानिकारक है। इस प्रकार की
घटनाओं का समाज में हर स्तर पर कड़ा विरोध होना चाहिये।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मासूमों के साथ दुराचार करने वाले अपराधियों को
कठोरतम दण्ड दिलाने के लिये राज्य सरकार शीध्र ही विधानसभा से विधेयक पारित कर भारत सरकार
को भेजेगी। उन्होंने कहा कि समाज में इस प्रकार की विकृत मानसिकता को समाप्त करने के लिये
जन-जगरण अभियान चलाना होगा। सरकार और समाज के सभी वर्गों को मिलकर सार्थक प्रयास करने
होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार बच्चों के सपनों को साकार करने के लिये नि:शुल्क
शिक्षा, गणवेश, विद्यालय जाने के लिये साईकिल, बालिकाओं के लिये उच्च शिक्षा शिष्यवृत्ति, सभी
वर्गों के लिये छात्रवृत्ति, 12वीं के मेधावी बच्चों को लेपटॉप, महाविद्यालय में प्रवेश पर स्मार्ट फोन और
मेधावी विद्यार्थियों की शिक्षा की फीस भरवाने आदि की योजनाएं संचालित कर रही है।
नोबेल पुरस्कार विजेता श्री कैलाश सत्यार्थी ने बताया है कि ‘सुरक्षित बचपन-सुरक्षित भारत’
यात्रा समाज से बाल हिंसा के कलंक को खत्म करने के लिये आयोजित की जा रही है। यात्रा 11
सितम्बर से प्रारंभ हुई है और देश के 22 राज्यों से होते हुए करीब 11 हजार किलोमीटर की दूरी तय
करेगी। श्री सत्यार्थी ने बताया कि यात्रा का समापन 16 अक्टूबर को राष्ट्रपति भवन में होगा। उन्होंने
कहा कि यह यात्रा लैंगिक उत्पीड़न के प्रति समाज की मानसिकता को बदलने की सामाजिक एवं
सांस्कृतिक क्रांति की प्रतीक है।