बीमारियों से बचाव के लिये बच्चों को अनिवार्य रूप से टीके लगवायें जिले में चल रहा है अभियान
उज्जैन। राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम के अन्तर्गत विभिन्न बीमारियों से बचाव के लिये
जन्म से लेकर 16 वर्ष तक के बच्चों को अलग-अलग समय में अनिवार्य रूप से टीके लगवाये जाने चाहिये।
शिशु का नि:शुल्क टीकाकरण शासकीय अस्पताल में करायें और अपने बच्चों को जीवनभर की सुरक्षा
दिलायें। जिले में इसके लिये टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। जिले में टीकाकरण के लिये लगभग
02 लाख से अधिक बच्चों का टीकाकरण कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा
प्रशिक्षित स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं एवं आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से बच्चों के परिजनों को प्रेरित कर शत-
प्रतिशत टीकाकरण का कार्य करने का निरन्तर प्रयास किया जायेगा।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.व्हीके गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि देश में हर
वर्ष लाखों बच्चों की विभिन्न बीमारियों के कारण मृत्यु होती है। विभिन्न बीमारियों की रोकथाम के लिये
बच्चों को अलग-अलग समय में लगने वाले टीके अनिवार्य रूप से लगवाये जायें। टीकाकरण कार्यक्रम के
अन्तर्गत बच्चे का पूर्ण टीकाकरण शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में नि:शुल्क किया जाता है, जबकि निजी
स्वास्थ्य संस्थाओं के द्वारा एक बच्चे का सम्पूर्ण टीकाकरण का अनुमानित खर्च लगभग 05 हजार रूपये
आता है। सीएमएचओ ने बच्चों के अभिभावकों से आग्रह किया है कि वे अपने बच्चों का समय-समय पर
शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में नि:शुल्क टीकाकरण करवायें।
जन्म से चौबीस घंटे के भीतर बच्चे को बीसीजी, पोलियो एवं हैपेटाइटिस ‘बी’ का टीका लगाया
जाता है। डेढ़ माह के बच्चे को पेंटावेलेंट-1 तथा पोलियो-1, ढाई माह के बच्चे को पेंटावेलेंट-2 तथा पोलियो-
2, साढ़े 03 माह के बच्चे को पेंटावेलेंट-3 तथा पोलियो-3+आईपीवी, 09 से 12 माह तक के बच्चे को खसरे
का टीका, विटामिन ‘ए’ की प्रथम खुराक, 16 माह से 05 वर्ष तक के बच्चे को विटीमिन ‘ए’ की दूसरी से
9वी खुराक 06 माह के अन्तराल पर 05 वर्ष तक, 16 से 24 माह तक के बच्चे को डीपीटी प्रथम बूस्टर,
पोलियो बूस्टर तथा खसरे का द्वितीय डोज, 05 से 06 वर्ष तक के बच्चे को डीपीटी द्वितीय बूस्टर और
10 एवं 16 वर्ष के बच्चे को तृतीय बूस्टर की खुराक दी जाये, ताकि विभिन्न बीमारियों से होने वाली मृत्यु
को रोका जा सके। एक माह के भीतर के बच्चे को 0.05 एमएल बीसीजी देना है तथा एक माह से एक
साल तक के बच्चे को 0.1 एमएल बीसीजी सिरिंज से देना है।