पेट से निकाली साढ़े 6 किलो की ट्यूमर की गठान
उज्जैन। पेट में ट्यूमर की गठान को लीवर की सूजन समझकर इलाज कराते रहे जब उसकी जांच सामने आई तो डॉक्टरों ने उसे इंदौर, दिल्ली, मुंबई में जाकर ऑपरेशन कराने की सलाह दी। लेकिन डॉ. उमेश जेठवानी ने इस ऑपरेशन को उज्जैन में ही कर पेट से साढ़े 6 किलो की ट्यूमर की गठान निकाली, अब महिला स्वस्थ है और खतरे से बाहर।
निशा पति लक्ष्मीकांत उम्र 48 वर्ष को लंबे समय से पेट दर्द, सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। निशा ने कई डॉक्टरों से इलाज करवाया लेकिन फिर भी कोई आराम नहीं हुआ। जांच में पता चला कि मरीज के पेट में ट्यूमर की गांठ है। जिसके पश्चात डॉक्टर ने मरीज को बड़े शहर इंदौर, दिल्ली जाकर ऑपरेशन करवाने की सलाह दी। मरीज के परिजन निशा को गुरूनानक अस्पताल लेकर आए। जहां पर डॉ. उमेश जेठवानी ने मरीज के पेट का ऑपरेशन कर पेट से साढ़े छह किलो की ट्यूमर की गांठ को निकाला। वर्तमान में मरीज की स्थिति सामान्य है। पहले इस प्रकार के ऑपरेशन देश के बड़े शहरों दिल्ली, मुंबई में ही संभव थे और खर्च भी बहुत आता था। किंतु अब इस प्रकार के ऑपरेशन शहर के श्री गुरूनानक अस्पताल में बहुत कम खर्च में संभव हो गये हैं।
हाथ की नस कटी, फिर भी बचा लिया हाथ
रवीना जाटवा पिता इंदरलाल जाटवा उम्र 16 वर्ष चोट के कारण हाथ की नसें कट गई थी। परिजन उसे गुरूनानक अस्पताल लेकर आए जहां पर डॉ. उमेश जेठवानी ने माइक्रोवास्क्युलर रिकन्स्ट्रक्शन पध्दति से ऑपरेशन कर मरीज के हाथ की नसों को फिर से जोड़ा। वर्तमान में मरीज की स्थिति सामान्य है और मरीज का हाथ ठीक से काम कर रहा है। इस प्रकार के ऑपरेशन छह घंटे के भीतर ही संभव है, इसलिए इस प्रकार की चोट लगने पर मरीज को तुरंत अस्पताल ले जाना चाहिये। अधिक देर होने पर अधिक खून बह जाने के कारण मरीज को जान का खतरा हो जाता है।