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कच्चे टापरों से मिली निजात, 33 परिवारों को पक्के आवास नसीब हुए


      उज्जैन । मालवा में कच्चे झोपड़ों को टापरा भी बोलते हैं। उज्जैन जनपद पंचायत के पालखेड़ी ग्राम में 33 परिवारों को अब पक्के मकानों का सुख नसीब हुआ है। गांव की भगवन्ताबाई, हेमाबाई, अयोध्याबाई कहती हैं कि हमें कच्चे टापरों से मुक्ति मिली है। यह सुख उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना की बदौलत मिला है। इस गांव में प्रधानमंत्री आवास योजना में बनाये गये अधिकांश आवास अनुसूचित जाति के परिवारों को मिले हैं। शासन की मंशा अनुसार महिला सशक्तिकरण के मद्देनजर ज्यादातर आवास परिवार की महिलाओं के नाम से ही हैं।

      प्रधानमंत्री आवास योजना में इस गांव के उन परिवारों को प्राथमिकता से आवास दिये गये हैं, जिनके पास पूर्व में छोटे-मोटे कच्चे झोपड़े थे। सर्दी, बारिश में मौसम की मार झेलते हुए जैसे-तैसे अपना जीवन यापन इन कच्चे मकानों में किया जाता था। सर्वे सूची के अनुसार गांव के 33 परिवारों को प्रधानमंत्री आवास देने के लिये सूचीबद्ध किया गया। ग्राम पंचायत चांदमुख में आने वाले ग्राम पालखेड़ी के ये परिवार मजदूरी करके अपना गुजर-बसर करते हैं। इन्होंने पक्के आवासों की कल्पना भी नहीं की थी, परन्तु प्रधानमंत्री आवास योजना इनके लिये वरदान बनकर आई। सभी परिवारों के आवास पूर्ण हो चुके हैं। परिवार अपने मकानों में शिफ्ट हो गये हैं। योजना में 01 लाख 20 हजार रूपये मकान निर्माण के लिये प्रत्येक हितग्राही को दिये गये। मनरेगा योजना के तहत मजदूरी के रूप में 15 हजार रूपये अतिरिक्त मिले हैं।

      ग्राम पालखेड़ी के हनुमान मन्दिर वाली पाल पर गुलाबबाई, हंसकुंवरबाई, कलाबाई, लीलाबाई, रेखाबाई, मांगीलाल जैसे करीब 15 हितग्राहियों के योजना में पक्के मकान बन गये हैं। गांव के प्रधानमंत्री रोड वाले क्षेत्र में अयोध्याबाई, राजूबाई, भूरीबाई, रूकमाबाई, शान्ताबाई, तुलसाबाई, कविता, मोतीसिंह आदि हितग्राही हंसीखुशी अपने मकानों में रह रहे हैं। गांव के मध्य क्षेत्र में हेमूबाई, सावित्राबाई, सीमाबाई, भंवरबाई, राजूबाई जैसे हितग्राहियों ने चैन के साथ अपने नये मकानों में रहना शुरू कर दिया है। इसी प्रकार ग्राम चांदमुख में भी नौ परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के द्वारा पक्के मकान मिल गये हैं।          

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