शिशु का निःशुल्क टीकाकरण कराओ, जीवनभर की सुरक्षा पाओ
उज्जैन | भारत मे हर वर्ष लगभग 5 लाख बच्चे ऐसी बीमारियों से मर जाते हैं जिनकी टीकाकरण के जरिये रोकथाम की जा सकती है। अन्य 89 लाख बच्चे जोखिम पर रहते हैं, जिनका पूर्ण टीकाकरण नहीं हो पाया है या आंशिक टीकाकरण हुआ है। बच्चों की मृत्यु उन बीमारियों से हो जाती है जिनसे टीकाकरण के जरिये बचा जा सकता है। बचपन मे होने वाली ऐसी बीमारियों के खिलाफ टीकाकरण हर बच्चे का अधिकार है।
भारत सरकार ने वर्ष 1985 से युनिवर्सल इम्युनाईजेशन प्रोग्राम प्रारंभ किया है। यह दूनिया का सबसे बड़ा राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम है। 30 वर्ष से कार्यक्रम का संचालन करने के पश्चात भी लोगो मे जनजागृति का अभाव है अभी भी हम 65 प्रतिशत बच्चों को ही प्रतिरक्षित कर पा रहे है। आंशिक रूप से टीकाकरण से वंचित बच्चों को उन बच्चों की तुलना मे खतरा अधिक रहता है जिन बच्चों का पूर्ण टीकाकरण हो चूका है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.व्ही.के.गुप्ता ने बताया कि उज्जैन जिले मे 0 से 1 वर्ष तक के बच्चे लगभग 45 हजार का टीकाकरण हेतु लक्ष्य निर्धारित है। 0 से 5 वर्ष तक के बच्चे लगभग 2 लाख 25 हजार का टीकाकरण लक्ष्य निर्धारित है। लक्ष्य की प्राप्ति के लिये लोगो के बीच प्रभावशाली संवाद की आवश्यकता होती है। विभाग द्वारा प्रशिक्षित स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं एवं आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से बच्चों के परिजनों को प्रेरित कर शतप्रतिशत टीकाकरण कार्य हेतु निरंतर प्रयास किये जा रहे है। लोगो को टीकाकरण के महत्व का ज्ञान हो जाने पर टीकाकरण की मांग पैदा हो जायेगी जिसके फलस्वरूप स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे मे अमुलचूल परिवर्तन हो जायेगा। सभी अभिभावकों से उपलब्ध टीकाकरण हेतु प्रतिरक्षित कराने के लिये आग्रह करना आवश्यक है ताकि इन बीमारियों से किसी भी बच्चें की मृत्यु न हो। हमारा देश एक आर्थिक ताकत के रूप मे उभर रहा है। यह आवश्यक है कि राष्ट्र के सबसे अहम संसाधन यानि देश के बच्चें जो कि भारत का भविष्य है मे निवेश के लिये सही कदम उठाये।
सभी शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं मे टीकाकरण हेतु प्रशिक्षित स्टाफ उपलब्ध है जो नियमित टीकाकरण की गुणवत्ता को बनाये रखने के लिये उचित रखरखाव (कोल्ड चैन मेंटेनेंस) का पूर्ण ध्यान रखता है इसके लिये आवश्यक उपकरण एवं संशाधन विभाग के पास उपलब्ध है। टीकाकरण कार्यक्रम के अन्तर्गत बच्चें का पूर्ण टीकाकरण निःशुल्क उपलब्ध है, जबकि निजी स्वास्थ्य संस्थाओं द्वारा एक बच्चें का सम्पूर्ण टीकाकरण का अनुमानित खर्च लगभग 5 हजार रूपये आता है।