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बच्चों के लिये झूलाघरों की सुविधा



कामकाजी महिलाओं के बच्चों के लिये झूलाघर संचालित होंगे 
उज्जैन | कामकाजी महिलाओं को काम के दौरान बच्चों को संभालने व उनके देखभाल की चिंता हमेशा सताती रहती हैं। उनकी इस चिंता को मद्देनजर रखते हुए जिला मुख्यालयों पर अब आई.सी.डी.एस. की देखरेख में झूलाघर संचालित किये जायेगें। ऐसी कामकाजी महिलाएं जिनके 6 माह से अधिक व 6 साल तक के बच्चें हैं तथा उन्हें अपनी आजीविका के लिए बच्चों को असहाय छोड़कर काम पर जाना पड़ता हैं। इस दौरान उनके बच्चों की देखरेख के लिए कोई अपना सगासंबंधी नहीं हैं, ऐसी महिलाओं के लिए विशेष रूप से खुशखबरी की बात हो सकती हैं, क्योंकि वे अब अपने बच्चें को झूलाघर में छोड़कर व निश्चिंत होकर काम पर जा सकती हैं।

   अब प्रत्येक जिला मुख्यालय पर कामकाजी महिलाओं के बच्चों हेतु एक झूलाघर का संचालन किया जायेगा। इन झूलाघरों का संचालन जिला कार्यक्रम अधिकारी एकीकृत बाल विकास सेवा की देखरेख व जिला कलेक्टर की निगरानी में किया जायेगा। समाज कल्याण विभाग अंतर्गत संचालित झूलाघरों को संपूर्ण प्रदेश में महिला एवं बाल विकास विभाग हस्तांतरित किया गया हैं। जिन जिलों में पूर्व में झूलाघर संचालित नहीं है उन जिलों में नवीन झूलाघरों का संचालन शुरूआत की स्थिति में अशासकीय संस्थाओं द्वारा जिला कार्यक्रम अधिकारी की स्वीकृति एवं कलेक्टर के अनुमोदन से प्रारंभ किया जायेगा।
   जिले की ऐसी कामकाजी महिलाएं, जिनके 6 माह से 6 वर्ष तक के बच्चें है, उनको झूलाघरों में रखा जायेगा, जिनको संभालने वाला और उनकी देखभाल करने वाला कोई न हो। झूलाघरों में रखे बच्चों के पोषण, स्वास्थ्य सुविधाएं एवं शैक्षणिक सुविधाएं प्रदान किये जाने का ध्यान रखा जायेगा। झूलाघरों में 03 से 06 वर्ष के बच्चों के प्री-स्कूल एजुकेशन, सप्लीमेन्ट्री न्यूट्रीशन, सोने हेतु बिस्तर, बच्चों की ग्रोथ, हेल्थ चैकअप आदि की सुविधाओं की जायेगी। योजना के तहत संचालित झूलाघरों में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र की कामकाजी महिलाओं के 06 माह से 06 वर्ष तक के बच्चों को माह में कम से कम 15 दिवस एवं वर्ष में 6 माह तक रखा जा सकता हैं।
   झूलाघर में अधिकतम 25 बच्चों को रखा जायेगा, जिनमें से 10 बच्चे 6 माह से 3 वर्ष तक के रहेंगे एवं 15 बच्चे 3 वर्ष से 6 वर्ष तक के रहेंगे। झूलाघरों में बच्चों को संभालने हेतु दो महिला कर्मचारियों जिनकी आयु 18 वर्ष से 35 वर्ष होगी, उन्हे राज्य शासन के नियमानुसार नियुक्त कर रखा जायेगा। एक महिला कर्मचारी कार्यकर्ता के रूप में पदस्थ होगी। जिसकी शैक्षणिक योग्यता12 वीं एवं एक महिला कर्मचारी सहायिका के रूप में पदस्थ होगी जिसकी शैक्षणिक योग्यता 10 वीं होगी।

   झूलाघरों में पर्याप्त लाईटिंग, स्वच्छ पानी, किचन, लेट-बाथरूम, बच्चों के खेलने हेतु पर्याप्त सुरक्षा युक्त स्थान आदि की व्यवस्था रहेंगी। बच्चों की पर्याप्त सुरक्षा के साथ ही उनकी साफ-सफाई हेतु पानी, साबुन,टॉबेल, नेलकटर, तेल कंघी आदि की व्यवस्था झूलाघरों में रहेगी। झूलाघरों में रखे जाने वाले बच्चों की पंजी संधारित की जाकर उनकी समय-समय पर स्वास्थ्य जांच की जायेगी। बच्चे को स्तनपान कराने की व्यवस्था झूलाघर में रहेंगी। कामकाजी महिला समय-समय पर अपने बच्चे को स्तनपान करा सकेंगी।

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