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कल मनाया जायेगा विश्व हृदय दिवस


 

उज्जैन । विश्व हृदय दिवस लोगों को अपने आपको स्वस्थ रखने के लिये और किसी प्रकार
से एक स्वस्थ हृदय कार्य करने के उद्देश्य से एवं जन-जागृति के लिये विश्व हृदय दिवस 28 सितम्बर को
मनाया जायेगा। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.व्हीके गुप्ता ने दी और कहा कि
वर्तमान में आनन्ददायक जीवनशैली के कारण खानपान में हुए परिवर्तन के कारण तेज गति से हृदय सम्बन्धी
बीमारियां हमारे सामने आ रही हैं। हार्ट या दिल मांसपेशियों से बना एक पम्प है, जो सारे शरीर में रक्त प्रवाह
का संचालन करता है। शरीर के सभी अंगों को जीवित रहने के लिये एवं सुचारू रूप से कार्य करने के लिये
ऑक्सीजन, ग्लूकोज व कई अन्य महत्वपूर्ण तत्वों की निरन्तर जरूरत रहती है। यह सभी हमारे खून द्वारा ही
विभिन्न अंगों को पहुंचाते हैं। जीवित रहने का आधार निरन्तर रक्त प्रवाह ही है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.व्हीके गुप्ता ने कहा कि हृदय की मांसपेशियों को हमारे शरीर
में खून पहुंचना बन्द हो जाये एवं हृदय की मांसपेशियों को खून पहुंचाना हो, ऐसी स्थिति को हार्ट अटैक कहते
हैं। ऐसी स्थिति में मरीज को छाती में तीव्र दर्द होता है और बैचेनी एवं घबराहट महसूस होती है। इस दौरान
पसीना भी आता है। ऐसी स्थिति में हमारी मांसपेशियां निष्क्रिय हो जाती हैं और कभी-कभी मरीज की मृत्यु भी
हो सकती है। इसलिये सही समय पर इलाज न मिलने से हार्ट अटैक के बाद लगभग 15 प्रतिशत मरीजों की
मृत्यु कुछ ही घंटों में हो सकती है। ऐसी स्थिति में उचित समय पर इलाज करने के लिये इलाज कराने से मृत्यु
दर को लगभग आधा किया जा सकता है।

शरीर में खून के जम जाने से नलिकाएं चोक होने पर हार्ट अटैक
इंसान के शरीर में कोलेस्ट्रॉल के बढ़े रहने से नलिकाओं की अंदरूनी सतह पर चर्बी के थक्के जम
जाते हैं और मधुमेह में शुगर बढ़े होने से इन्हीं के ऊपर खून के थक्के भी जमने लगते हैं। यही सब प्रक्रियाएं
धीरे-धीरे हमारे शरीर की नलिकाओं को सिकुड़ देती हैं। एकाएक खून के जम जाने से नलिकाएं पूरी तरह चोक हो
जाती हैं और मरीज को हार्ट अटैक हो जाता है। ऐसे मरीज को तीन-चार घंटे के अन्दर ही खून के थक्के घुलने
की दवाईयां मरीज को दी जाये तो उस मरीज को हार्ट अटैक में रूकावट दूर की जा सकती है और हृदय की
मांसपेशियों को बचाया जा सकता है। हार्ट अटैक के प्रमुख लक्षण सीने के बीचोंबीच तीव्र दर्द होना एवं पसीना
आना है। इसका असर बांये हाथ में और जबड़ों में या दोनों हाथों या कंधों में भी महसूस किया जा सकता है। इन
सब काम को बढ़ाने में हाई बीपी, मधुमेह, खून में वसा के अनुपात में गड़बड़ी, मोटापा, व्यायाम की कमी,
धुम्रपान या तंबाकू का सेवन, गरिष्ट एवं वसायुक्त भोजन, अनुवांशिकता-खून के रिश्ते में मधुमेह का होना है।

हार्ट अटैक से बचाव

इंसान को उक्त कारणों से बचाव के लिये वजन पर नियंत्रण, नियमित व्यायाम, मानसिक तनाव से दूर,
स्वस्थ खानपान, तैलीय खाद्य पदार्थों का सेवन कम करना चाहिये। हार्ट अटैक आने के पूर्व उक्त क्रियाएं होने
पर तुरन्त अपने नजदीक के अस्पताल जाकर तुरन्त इलाज कराकर अपने जीवन को बचाने की कोशिश की जाना
चाहिये।

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