विद्यार्थियों की सुरक्षा के सम्बन्ध में निर्देश जारी
उज्जैन। लोक शिक्षण संचालनालय के आयुक्त द्वारा विद्यार्थियों की सुरक्षा के सम्बन्ध में
शिक्षा विभाग द्वारा आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर उनका पालन कर व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने हेतु आदेश
जारी किये हैं। संभागायुक्त श्री एमबी ओझा ने इस सम्बन्ध में लोक शिक्षण संभाग के संभागीय संयुक्त संचालक
को आवश्यक निर्देश दिये हैं। निर्देश में कहा है कि हाल ही में हरियाणा के एक स्कूल में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना
घटित हुई है। समय-समय पर राज्य शासन द्वारा समस्त शासकीय व अशासकीय शालाओं में निर्देशों का कड़ाई
से पालन करने की हिदायत दी जाती रही है। निर्देशों का समय पर पालन कर इसकी समीक्षा की जाना आवश्यक
है।
महिला कंडक्टर की उपलब्धता अनिवार्य
जारी आदेश में बताया गया है कि माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शालाओं की प्रत्येक शाला को
मान्यता प्राप्त करने के लिये समस्त शैक्षणिक तथा अशैक्षणिक संस्थाओं से यह शपथ प्राप्त करना अनिवार्य है
कि उनके विरूद्ध लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम तथा किशोर न्याय अधिनियम-2000 के
अन्तर्गत कोई मामला दर्ज नहीं है। शाला को स्कूल बसों में महिला कंडक्टर की उपलब्धता कराना अनिवार्य किया
गया है। यदि महिला कंडक्टर उपलब्ध न हो तो बच्चों को घर से लाते तथा वापस घर छोड़ते हुए अन्तिम छात्र
तक कम से कम एक महिला शिक्षिका या स्टाफ स्कूल वाहन में रहना जरूरी है। मान्यता प्राप्त करने वाली
समस्त शालाओं को यह सुनिश्चित करना होगा कि वाहन हेतु सरकार द्वारा निर्धारित सुरक्षा नियमों का पालन
हो रहा है। मान्यता के लिये आवेदन करते समय उसे रजिस्ट्रीकृत वाहनों की सूची लगाना अनिवार्य है।
पुलिस सत्यापन कराना अनिवार्य
समस्त अशासकीय शालाओं विशेषकर जो सीबीएसई अथवा आईसीएसई से संबद्ध हैं, उन समस्त
शैक्षणिक एवं गैर-शैक्षणिक स्टाफ जिनमें बस ड्रायवर, कंडक्टर, माली, चौकीदार आदि शामिल हैं, उन सबका
पुलिस सत्यापन कराना अनिवार्य है। शालाओं में आउटसोर्सिंग के आधार पर रखे जाने वाले कर्मचारियों के भी
चरित्र सत्यापन कराना जरूरी है।
स्कूली छात्रों के वाहनों में सीसीटीवी कैमरा लगाने के निर्देश
बसों, बच्चों को स्कूल ले जाने वाली वेन, शालाओं में आवश्यक समस्त स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे
लगाये जाने के निर्देश शिक्षा विभाग द्वारा दिये गये हैं। प्रत्येक विद्यालय में शिकायत पेटी रखी जाये। शाला
प्राचार्य द्वारा प्रतिदिन शिकायत पेटी को खोलकर यदि कोई शिकायत हो तो उसके निराकरण के लिये आवश्यक
कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं।
स्कूल बसों के बारे में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने स्कूलों की बसों के बारे में दिशा-निर्देश जारी किये हैं कि बसों के आगे-पीछे स्कूल बस
लिखा जाना चाहिये। बसों में प्राथमिक शिक्षा बॉक्स की व्यवस्था करें, प्रत्येक बसों में आग बुझाने के उपकरण
होना चाहिये। अगर किसी एजेन्सी से बस अनुबंध पर ली गई तो उस पर ऑन स्कूल ड्यूटी लिखा होना चाहिये।
बसों में सीट क्षमता से अधिक बच्चे नहीं होना चाहिये। प्रत्येक स्कूल बस में हॉरीजेंटल ग्रील लगे हों। स्कूल बस
पीले रंग की हो, जिसके बीच में नीले रंग की पट्टी पर स्कूल का नाम और फोन नम्बर लिखा होना चाहिये।
बसों को दरवाजे को अन्दर से बन्द करने की व्यवस्था होना चाहिये। बसों में टीचर जरूर होने चाहिये, जो बच्चों
पर नजर रखें। बस चालक को कम से कम पांच साल का भारी वाहन चलाने का अनुभव होना चाहिये। ड्रायवर-
कंडक्टर को रखने से पहले उसका सत्यापन जरूरी है। एक बस में कम से दो चालक होना चाहिये।
नियमों का पालन न करने पर मान्यता निरस्त
मान्यता नियम के अन्तर्गत यदि निरीक्षण के दौरान यह पाया जाता है कि स्कूल प्रबंधन मान्यता
सम्बन्धी किन्हीं प्रावधानों का पालन नहीं कर रहा है तो मान्यता नियम-11 के अन्तर्गत विहित प्रक्रिया का
पालन करते हुए संभागीय संयुक्त संचालक उसकी मान्यता निरस्त कर सकते हैं।
संभागायुक्त श्री एमबी ओझा ने स्कूल शिक्षा विभाग के समस्त मैदानी अधिकारियों से अपेक्षा की है कि
वे भ्रमण के दौरान नियमित रूप से शालाओं की चेकिंग कर व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करें तथा भ्रमण प्रतिवेदन
में की गई कार्यवाही के सम्बन्ध में जानकारी अंकित कर अपने वरिष्ठ अधिकारियों को समय-समय पर अवगत
कराया जाये।