यादों में शिवकुमार वत्स' का विमोचन कार्यक्रम सम्पन्न
उज्जैन । उज्जैन के लब्ध प्रतिष्ठित पत्रकार एवं प्रखर वक्ता, चिन्तक, लेखक प्रो.शिवकुमार वत्स जैसा बेबाक पत्रकार अपने राजनैतिक एवं सामाजिक क्षेत्र में अब तक नहीं देखा। यह उद्गार पूर्व मंत्री श्री बाबूलाल जैन ने अपने छात्र राजनीति से लेकर जीवन पर्यन्त साथ रहने वाले मित्र प्रो.शिवकुमार वत्स की आठवी पुण्यतिथि पर आयोजित शब्दांजली समारोह एवं यादों में शिवकुमार वत्स नामक स्मारिका के विमोचन अवसर पर व्यक्त किये।
उज्जैन के मूर्धन्य पत्रकार एवं चिन्तक स्व.श्री शिवकुमार वत्स की पुण्यतिथि पर उनकी स्मृति में शब्दांजली समारोह स्थानीय कालिदास अकादमी परिसर में आयोजित हुआ। रविवार 24 सितम्बर को ‘यादों में शिव कुमार वत्स’ शब्दांजली समारोह में स्व.श्री वत्स के व्यक्तित्व एवं कृतित्व का स्मरण उनके समकालीन विद्वजनों, मित्रों, सहकर्मियों एवं उनके प्रति आदर भाव रखने वाले व्यक्तियों द्वारा अपने उद्बोधन में किया गया। इस अवसर पर प्रो.वत्स के साथ जुनियर के रूप में कार्य करने वाले तथा वर्तमान में बंसल न्यूज चैनल के स्टेट हेड श्री शरद द्विवेदी ने कहा कि उनके द्वारा प्रो.वत्स जैसे गहनशीलता और सहजता वाले पत्रकार के सान्निध्य में पत्रकारिता की गई है। निश्चित रूप से पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्य का दबाव होता है। बतौर जुनियर हम पर भी कार्य को लेकर दबाव होता था और हम असहाय होकर जब प्रो.वत्स साहब से अनुरोध करते कि हम खबर नहीं ले पा रहे हैं, तो वे उसी स्वभाव अनुरूप सहज और शालीन रूप से कहते थे कि थोड़ी दूर में खबर भी आ जायेगी, धैर्य रखिये। उन्होंने प्रो.वत्स के परिजनों को साधुवाद देते हुए कहा कि आज यह महत्वपूर्ण हो गया है कि हम अपने पूर्वजों को किस तरह याद करते हैं। ऐसे दौर में हृदय से भावांजली व्यक्त करने का यह आयोजन सराहनीय है। उन्होंने कहा कि जहां शक्ति है वहां दंभ से बचना मुश्किल होता है, किन्तु यह बात प्रो.वत्स में कतई नहीं थी। वे पूरे जीवनकाल में सहज, सरल और विनम्र बने रहे।
इस अवसर पर उनके व्यक्तित्व एवं कार्यों पर आधारित एक स्मृति ग्रंथ का विमोचन भी हुआ। समारोह की अध्यक्षता पं.आनन्दशंकर व्यास ने की। अन्य अतिथियों में विधायक डॉ.मोहन यादव ने कहा कि विद्यार्थी परिषदकाल से ही प्रो.वत्स से जुड़ाव रहा और प्रो.वत्स उन व्यक्तियों में से थे, जो अच्छे कार्यों के लिये दो कदम आगे बढ़कर सलाह व मार्गदर्शन देते थे। उन्होंने रेखांकित किया कि छात्र जीवन में जब हमने छात्र पंचायत शुरू की तो प्रो.वत्स ने आगे रहकर हमें मार्गदर्शन दिया, जिसका नतीजा यह रहा कि हमारा यह आयोजन बड़े अखबारों का केन्द्रबिन्दु बना। व्यंगकार डॉ.पिलकेन्द्र अरोरा ने प्रो.वत्स के स्मरण के लिये प्रेस क्लब व परिजनों को साधुवाद देते हुए कहा कि अपनी धरोहर और संस्कृति को यदि हम भूल बैठे तो इससे बड़ा अपराध कोई नहीं होगा यह प्रसन्नता का विषय है कि हम सब पत्रकारिता में मौलिक यागदान देने वाले प्रो.वत्स का स्मरण कर रहे हैं। पूर्व सांसद श्री सत्यनारायण पंवार ने कहा कि जिस व्यक्ति ने तत्कालीन मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार के रूप में कार्य किया और इस पद पर रहकर अपनी साधारणता एवं ईमानदारी का परिचय भी दिया। यह उनकी विशिष्टता थी। उन्हें सदैव जिम्मेदारियों की चिन्ता रहती थी। वे अपनी जिम्मेदारियों के प्रति इतने सजग थे कि बीमार होने पर भी उन्हें निर्वाहित करने का जज्बा रखते थे। साहित्यकार श्री शिव चौरसिया ने कहा कि प्रो.वत्स अंग्रेजी के बहुत अच्छे प्राध्यापक तो थे ही लेकिन अंग्रेजी भाषा के लब्ध पत्रकारों में भी शुमार थे, लेकिन वे पत्रकारिता में होने के बावजूद भी अहम जरा भी नहीं पालते थे। सच्चे मायनों में वे पत्रकारिता के सन्त थे। वहीं कार्यक्रम में अतिथि के रूप में मौजूद एडीजी श्री व्ही मधुकुमार ने कहा कि जब समाज में परिवार को भूलने की प्रवृत्ति देखी जा रही है, उस समय वत्स परिवार अपने परिजन प्रो शिवकुमार वत्स को समारोहपूर्वक याद कर रहा है, यह सराहनीय है। जिस तरह से प्रो वत्स ने पत्रकारिता में मुकाम हासिल किया वह सभी के लिये प्रेरणीय है। माधव कॉलेज के पूर्व प्राचार्य और समकालीन डॉ.शिव कुमार शर्मा ने कहा कि प्रो.वत्स बड़े अदभुत पत्रकार थे। वे स्वतंत्रता के पश्चात अंग्रेजी भाषा के पहली पीढ़ी के पत्रकारों में शुमार थे, किन्तु बहुत भोले और सादगीपूर्ण तरीके से रहते थे। इस शहर को जिन्होंने ऊंचाईयां प्रदान की, एक नाम प्रदान किया, उसमें प्रो शिवकुमार वत्स भी एक हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे ख्यातिनाम ज्योतिषाचार्य पं.आनन्दशंकर व्यास ने कहा कि विनम्र, सहज, सरल, श्रेष्ठ चिन्तक, मननकर्ता, मूर्धन्य पत्रकार प्रो वत्स जब से उज्जैन आये तभी से उनका सान्निध्य, सामिप्य मिलता रहा। उनमें विनम्रता तो बड़ा गुण था ही लेकिन विलक्षण बुद्धि के भी वे धनी थे। कभी विरोधियों का विरोध भी नहीं करते और सदैव रचनात्मक कार्य करने की बात करते थे। उज्जैन में 30-40 वर्षों से चैत्र प्रतिपदा कार्यक्रम, गुरू सान्दीपनि की स्मृति महोत्सव आदि के आयोजन में उनकी बड़ी अहम भूमिका रही। वे समाज और परिवार से भी जुड़े थे, इसलिये ऐसा कोई सपताह व्यतीत नहीं होता, जब उनसे मुलाकात नहीं होती। उन्होंने वत्स परिवार से कहा कि पुण्य स्मरण के साथ-साथ प्रो वत्स की जयन्ती का उत्साह भी मनाया जाये, ताकि उनके जीवन से प्रेरणा ली जा सके। कार्यक्रम में सहारा समय ब्यूरो श्री मनोज सैनी तथा अक्षरविश्व के सम्पादक श्री सुनील जैन ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान किये। आभार व्यक्त करते हुए प्रेस क्लब अध्यक्ष श्री विशाल हाड़ा ने यह भी बताया कि प्रेस क्लब में शीघ्र ही पुस्तकालय की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। मॉर्निंग वॉक करने वाले बुजुर्गों के लिये सुबह 6 से 9 बजे के मध्य पत्र-पत्रिकाओं की सुविधा रहेगी। इस अवसर पर अतिथियों का अभिवादन वत्स परिवार के पत्रकार श्री सन्दीप वत्स, श्री मनोज वत्स, पुत्री संगीता वत्स ने किया। साथ ही यादों में शिवकुमार वत्स नामक स्मारिका के सम्पादक एवं उनके सखा रहे श्री रमेश दीक्षित का भी शाल, श्रीफल से अभिनन्दन किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ.जफर मेहमूद ने किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में नगर के साहित्यकार, सुधिजन, पत्रकार एवं मीडिया से जुड़े लोग मौजूद थे।
इस दौरान स्व.श्री शिवकुमार वत्स के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आधारित एक लघु डॉक्यूमेंट्री भी प्रदर्शित की गई।