महाकाल सवारी में भाव विभोर होकर सपत्नीक सम्मिलित हुए मुख्यमंत्री
उज्जैन । रामघाट पर पूजन-अभिषेक के पश्चात श्री महाकलेश्वर भगवान की सवारी अपने निर्धारित मार्गों से होती हुई गोपाल मन्दिर पहुंची। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान सपत्नीक सवारी में सम्मिलित हुए। भक्तों के साथ मुख्यमंत्री भी भाव विभोर थे। वे कभी भजन मण्डलियों के सुमधुर भजनों तो कभी ‘बम बम भोले’ के उद्घोष में अपना स्वर मिलाते हुए शिवधुन में मगन चल रहे थे। उन्हें न तो भींगने की चिन्ता थी न ही नंगे पैर होने की परवाह थी। थकान तो उनके चेहरे पर दूर-दूर तक दिखाई नहीं दे रही थी। आस्था के इस धारा में सब भक्तों के साथ वे भी बहे चले जा रहे थे।
आस्था की इस धारा में दूर-दूर से आये श्रद्धालु सम्मिलित थे। शाजापुर जिले के कालापीपल से आये बद्रीलालजी, शुजालपुर से आये रामप्रसाद, फूलीबाई जैसे कई श्रद्धालु अपने प्रदेश के मुखिया के साथ भाव विभोर होकर चल रहे थे। सवारी में लगभग 15 से 20 हजार श्रद्धालु सम्मिलित थे। श्रद्धालु मार्ग के दोनों ओर से बाबा महाकाल पर पुष्पवर्षा कर रहे थे। क्या मकान, क्या दुकान, क्या छज्जे जहां देखो भक्तों का समूह राजा महाकाल के दर्शन कर मंत्रमुग्ध था। ढाबा रोड़ होते हुए सवारी छत्रीचौक तथा पश्चात गोपाल मन्दिर पहुंची।