श्रावण महोत्सव की दूसरी संध्या पर शास्त्रीय गायन एवं कथक नृत्य की शानदार प्रस्तुति
उज्जैन । श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रतिष्ठित आयोजन अखिल भारतीय श्रावण महोत्सव 2017 की द्वितीय संध्या पर प्रथम प्रस्तुति नांदेड से आये श्री धनंजय जोषी के शास्त्रीय गायन की हुई। उसके पश्चात ग्वालियर से पधारी डाॅ. अंजना झा द्वारा कथक नृत्य की प्रस्तुति दी गई।
श्री धनंजय जोषी ने अपनी प्रस्तुति की शुरूआत राग बिहाग विलंबित एकताल में कवना ढंग तोरा...... से की। बिलंबित ख्याल के बाद मध्यलय तीनताल में डाॅ. सुषील पोहनकर की बंदिष लगन तोसे लागी बलमा की प्रस्तुति दी। उसके पश्चात राग दुर्गा तीनताल में चतुर सुधरा आवो री...... के बाद प्रस्तुति का समापन तीनताल धु्रतलय में माता दुर्गा भवानी श्री अम्बा जग-जननी...... से की प्रस्तुति दी। आपके साथ इन्दौर के श्री हितेन्द्र दीक्षित ने तबला पर एवं उज्जैन के श्री विवके बंसोड ने हारमोनियम पर प्रभावी संगत की।
इसके पश्चात जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री बी. के श्रीवास्तव, डी.आई.जी डाॅ रमण सिंह सिकरवार जी एवं श्री क्षितिज शर्मा प्रशासक श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबन्ध समिति द्वारा श्रावण महोत्सव में प्रस्तुति देने वाले सभी कलाकारों का सम्मान किया गया।
दूसरी प्रस्तुति में ग्वालियर से पधारी डाॅ. अंजना झा ने अपनी प्रस्तुति का आरम्भ शिव स्तुति महेषं सुरेशं सुरारार्ति नाशं....से की। शुद्ध कथक में ताल धमार में जयपुर घरानें की की पारम्परिंक मात्रा की परम्परानुसार उठान, थाट, गणेश परन, तोडा, त्रिपल्ली परन, चक्करदार परन, लडी, आदि का प्रभावषाली प्रदर्षन किया। उसके पश्चात गुरू भजन सुरदास रचित माला तिलक मनोहर......, राग मालकौश में एकताल में तराना की प्रस्तुति के बाद भजन घनन घन श्याम बरसत...., षिव स्तुति हर हर हर भूतनाथ पशुपति दी। प्रस्तुति का समापन राग रागेश्वरी तीनताल 16 मात्रा की सरगम से किया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में पद्मश्री सोमा घोष शास्त्रीय गायक एवं श्री अशोक शर्मा पुरोहित श्री महाकालेश्वर मंदिर, सहायक प्रशासक सुश्री प्रीति चैहान एवं प्रस्तुति देने वाले कलाकारों आदि द्वारा श्री महाकालेश्वर भगवान के समक्ष दीप-प्रज्जवलन कर किया गया। इस दौरान श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबन्ध समिति द्वारा संचालित श्री महाकालेश्वर वैदिक प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान के बटुकों द्वारा स्वस्ति वाचन किया गया। संचालन श्री मयंक शुक्ला ने किया।
अगली प्रस्तुति 30 जुलाई को पं. उमेश भट्ट के शास्त्रीय गायन एवं सुश्री टी.लक्ष्मी, तान्या, षिवालिका, लिप्सा द्वारा नृत्य चर्तुधारा की प्रस्तुति देगी।