बिना धर्म किए सुख की कल्पना मात्र भी व्यर्थ है- हर्षसागरजी म.सा.
उज्जैन @ श्री विजयहीर सूरि बड़ा उपाश्रय में आगम सूत्र की वाचना करते हुए आचार्य हर्षसागर सूरिजी महाराज ने कहा कि बिना धर्म किए सुख की कल्पना मात्र भी व्यर्थ है। आपने कहा कि इस आगम में मूल में 1250 श्लोक तथा इस पर 900 श्लोक प्रमाण की रचना अभयदेव सूरिजी महाराज ने की।
चातुर्मास संयोजक लालचंद रांका व पेढ़ी सचिव राजेश पटनी के अनुसार वियाग सूत्र नामक इस 11वें आगम मे सुख वियाग एवं दुख वियाग पर प्रकाश डालते हुए आचार्य हर्षसागरजी महाराज ने बताया कि दुख वियाग में सात व्यसन जुआ, मांसाहार, मदिरापान, वैश्यागमन, शिकार, चोरी तथा परस्त्रीगमन से जन्म का मजा होता है और सजा जन्म-जन्म की मिलती है। प्रतिदिन अट्ठम तप की आराधना भी यहां पर चल रही है।
श्री ऋषभदेव छगनीराम पेढ़ी खाराकुआ उपाश्रय में आज रविवार को प्रातः 7 बजे भक्तांबर पाठ के पश्चात नवकारसी एवं 9 बजे से आगमोध्दारक आचार्य आनंदसागर सूरिजी महाराज के 143वें जन्म दिवस पर गुणानुवाद सभा का आयोजन गच्छाधिपति दौलतसागर सूरि महाराज, आचार्य नंदीवर्धनसागर सूरिजी महाराज, आचार्य हर्षसागरजी महाराज की निश्रा में होगा। पेढ़ी सचिव जयंतीलाल तेलवाला के अनुसार इस अवसर पर आचार्यश्री व वक्ता आचार्य आनंदसागर सूरिजी महाराज के जीवन पर प्रकाश डालेंगे। तत्पश्चात साधार्मिक वात्सल्य भी होगा।