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परिवार कल्याण कार्यक्रम के लक्ष्य पूर्ण करने के निर्देश, कलेक्टर ने जनसंख्या स्थिरीकरण की बैठक ली


 

उज्जैन । जिले में जनसंख्या स्थिरीकरण माह का आयोजन जुलाई माह से किया जा रहा है। इसके प्रथम चरण में दम्पत्ति सम्पर्क पखवाड़े का आयोजन किया गया। जिले में जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने के उद्देश्य से परिवार कल्याण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसके तहत जन्म के बीच अन्तर रखने के लिये अन्तराल विधियों की सेवाएं नि:शुल्क उपलब्ध कराई जा रही हैं। कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे ने गत दिवस चरक भवन में जनसंख्या स्थिरीकरण की बैठक लेकर परिवार कल्याण कार्यक्रम की समीक्षा की एवं समय-सीमा में लक्ष्य पूर्ण करने के निर्देश दिये। बैठक में डिप्टी कलेक्टर श्रीमती शैली कनास, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.व्हीके गुप्ता, सिविल सर्जन डॉ.राजेन्द्र निदारिया एवं अन्य चिकित्सक मौजूद थे।

बैठक में कलेक्टर ने अभियान के द्वितीय चरण में 11 अगस्त तक सेवा प्रदाय पखवाड़ा आयोजन करने के निर्देश दिये। इसके तहत परिवार विकास स्वास्थ्य मेला के परामर्श हेतु स्टाल लगाने को कहा गया है। इन स्टालों पर रोल मॉडल के रूप में उन दम्पत्तियों को आमंत्रित किया जायेगा, जिन्होंने स्थानीय स्तर पर परिवार नियोजन कार्यक्रम को अपनाया है और ये अन्य दम्पत्तियों के लिये प्रेरणा का स्त्रोत बन गये हैं।

बैठक में बताया गया कि परिवार स्वास्थ्य विकास मेलों में लगाये गये स्टालों पर दम्पत्तियों को आमंत्रित कर उन्हें यह सलाह दी जायेगी कि वे सोच-समझकर बच्चे पैदा करें एवं पहले व दूसरे बच्चे के बीच कम से कम तीन वर्ष का अन्तर अवश्य रखें। इसके लिये अस्थाई साधन जैसे- कॉपर टी, ओरल पिल्स, गोली एवं निरोध के उपयोग के लिये प्रेरित किया जाये। ऐसे दम्पत्ति जिनके दो बच्चे हैं उन्हें परिवार नियोजन के स्थाई साधन जैसे- पुरूष नसबन्दी, महिला नसबन्दी अपनाने के लिये प्रेरित किया जाये। सम्पूर्ण कार्यक्रम को सफल बनाने के लिये महिला बाल विकास विभाग, शिक्षा एवं पंचायत विभाग की सहायता ली जाये। इस कार्यक्रम से अपेक्षा की गई है कि विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों के साथ सहयोगी विभाग के अधिकारी-कर्मचारी भी योग्य दम्पत्तियों को छोटा परिवार रखने हेतु अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर प्रेरित करने में सहयोग प्रदान करेंगे। कलेक्टर ने निर्देश दिये हैं कि शहरी क्षेत्र के लिये सिविल सर्जन एवं स्वास्थ्य संस्था की प्रभारी परिवार स्वास्थ्य विकास मेले के आयोजन के लिये जिम्मेदार होंगे।

शिविर के दिन निश्चित

कलेक्टर के निर्देश अनुसार लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा उज्जैन जिले के लिये महिला नसबन्दी एवं पुरूष नसबन्दी के दिन तय कर दिये गये हैं। इसके तहत प्रति सोमवार को तराना, बड़नगर, इंगोरिया, प्रति मंगलवार व शनिवार को सिविल अस्पताल माधव नगर में ताजपुर, घट्टिया व उज्जैन के हितग्राहियों के लिये, प्रति बुधवार को सिविल अस्पताल नागदा में, प्रत्येक गुरूवार को माकड़ोन में तथा प्रत्येक शुक्रवार को झारड़ा, घट्टिया व महिदपुर में शिविर आयोजित किये जायेंगे।

लक्ष्य पूर्ति न होने पर वेतन वृद्धि रोकी जायेगी

उज्जैन जिले को वित्तीय वर्ष 2017-18 में पुरूष नसबन्दी का 1362 का एवं महिला नसबन्दी का 12279 नसबन्दी का लक्ष्य प्रदान किया गया है। माह जून 2017 तक जिले में 208 पुरूष नसबन्दी एवं 1312 महिला नसबन्दी इस प्रकार कुल 1362 नसबन्दी ऑपरेशन किये जा चुके हैं। कलेक्टर ने नसबन्दी के लक्ष्य की पूर्ति कम होने पर असंतोष व्यक्त किया तथा निर्देश दिये कि लक्ष्य पूर्ति हेतु मैदानी अमले को माहवार लक्ष्य प्रदान किये जायें। लक्ष्यपूर्ति न होने की दशा में अमले की वेतन वृद्धि रोकने सहित अन्य अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाये।

प्रचार-प्रसार करने के निर्देश

कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे ने परिवार कल्याण कार्यक्रम का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिये हैं तथा परिवार नियोजन के उपाय अपनाने वालों को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि के बारे में आमजन को जानकारी देने के लिये कहा है। उल्लेखनीय है कि महिला नसबन्दी/एलटीटी ऑपरेशन द्वारा गर्भधारण से जीवनभर के लिये मुक्ति पाई जा सकती है। यह नसबन्दी ऑपरेशन किसी भी समय गर्भावस्था को छोड़कर कराया जा सकता है। प्रसव या गर्भपात के तुरन्त बाद भी यह ऑपरेशन हो सकता है। ऑपरेशन कराने वाली हितग्राही को प्रोत्साहन राशि के रूप में 1400 रूपये एवं प्रेरक को 200 रूपये, प्रसव पश्चात महिला नसबन्दी सात दिवस के अन्दर ऑपरेशन कराने वाली हितग्राही को दो हजार रूपये एवं प्रेरक को 300 रूपये दिये जाते हैं। पुरूष नसबन्दी किसी भी समय कराई जा सकती है, ऑपरेशन हेतु अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं है। ऑपरेशन में केवल 5 से 10 मिनिट का समय लगता है। ऑपरेशन कराने वाले हितग्राही को दो हजार रूपये एवं प्रेरक‍ को 300 रूपये दिये जाते हैं। इसी तरह कॉपर टी या मल्टीलोड किसी भी समय गर्भावस्था को छोड़कर लगाया जा सकता है। यह प्रसव या गर्भपात के समय भी लगाई जा सकती है। इसको लगाने पर हितग्राही महिला को 300 रूपये एवं प्रेरक को 150 रूपये दिये जाते हैं। इसी तरह परिवार नियोजन के लिये गर्भ निरोधक गोली, कंडोम एवं आपातकालीन गोली का उपयोग भी किया जा सकता है।

उल्लेखनीय है कि परिवार कल्याण एक अत्यन्त महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने के उद्देश्य से यह चलाया जा रहा है। छोटा परिवार एक आदर्श परिवार होता है। बच्चे अधिक होने पर उनकी देखभाल व लालन-पालन के लिये ज्यादा प्रयास करने की जरूरत पड़ती है। यदि बच्चे कम हैं तो सही ढंग से उनकी देखभाल की जा सकती है। बच्चे कम होने पर मां का स्वास्थ्य भी अच्छा बना रहता है। इसलिये आमजन से परिवार कल्याण कार्यक्रम से जुड़ने की अपील की गई है।

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