जो बाबा की सवारी में व्यवस्था बिगाड़ते वह भक्त नही हो सकते
उज्जैन @ भगवान महाकालेश्वर श्रावण मास में अपने भक्तों को दर्शन देेने हेतु नगर का भ्रमण करते हैं तथा नगर व बाहर से आने वाले भक्तों को दर्शन देते हैं। लेकिन यही भक्त चाहे दर्शन करने वाले हो या भजन मंडली के रूप में यदि इनकी कार्यप्रणाली से भगवान की प्रतिमा या पालकी की सुरक्षा को खतरा उत्पन्न हो जाता है तो जिला प्रशासन व मंदिर समिति का दायित्व हो जाता है कि पहले श्रध्दा से उपर भगवान की प्रतिमा, पालकी को सुरक्षित महाकाल मंदिर पहुंचाया जाए। भजन मंडली भजन करने आती है लेकिन इस आड़ में व्यवस्था को बिगाड़ती है तो वह भजन मंडली भक्त नहीं हो सकते।
इस आशय का एक पत्र अ.भा. पुजारी महासंघ के अध्यक्ष महेश पुजारी ने महाकाल मंदिर प्रबंध समिति अध्यक्ष को लिखते हुए पिछले वर्ष की घटना का उल्लेख किया जिसके गवाह महाकाल थाना, रस्सा चलाने वाले व पुजारीगण हैं। भजन मंडली के अड़ियल रवैये व भक्तों ने पालकी के साथ की गई बदसलूकी के कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई। पालकी को क्षति और भगवान की प्रतिमा को सड़क पर गिरा दिया जाता, पुजारी वर्ग, कहार व सुरक्षाकर्मी अपनी जान हथेली पर लेकर भगवान की पालकी को महाकाल मंदिर सुरक्षित लेकर आये। यदि इन भक्तों की बदसलूकी के कारण किसी भी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती तो इसका जवाबदार क्या ये भजन मंडली या भक्तगण होते। पिछले दिनों यही हुआ है। यदि भक्तगण श्रध्दा की आड़ में आसूरी प्रवृत्ति का कार्य करते तो उसे संपूर्ण हिंदू समाज मुंहतोड़ जवाब देगा। महेश पुजारी ने कहा कि भक्तों का कर्तव्य है कि भगवान की सेवा हो न की धर्म व्यवस्था को बदनाम करें। प्रमुख सवारी में बड़े बैरीकेट्स लगाना अति आवश्यक है जिससे पालकी के आने पर भीड़ का दबाव न बन पाये।