व्यापारियों ने समय पर प्याज नहीं उठाया तो एफआयआर दर्ज कर होगी कार्यवाही
कलेक्टर ने टीएल मीटिंग में दिये निर्देश
उज्जैन । कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे ने समर्थन मूल्य पर खरीदे गये प्याज को खरीदने वाले व्यापारियों को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि उन्होंने समय पर प्याज का उठाव नहीं किया और उनके दिये हुए चेक बाउंस हो गये तो ऐसे व्यापारियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करते हुए उनके खिलाफ एफआयआर दर्ज की जायेगी। यही नहीं इन व्यापारियों के मंडी लायसेंस निरस्त होंगे तथा टीन नम्बर भी निरस्तीकरण की कार्यवाही की जायेगी। उल्लेखनीय है कि बैठक में नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधक द्वारा बताया गया कि व्यापारियों द्वारा अभी तक 78 हजार 203 मै.टन में से केवल 22 हजार मै.टन प्याज ही उठाया गया है और 18 करोड़ रूपये के विरूद्ध 12 करोड़ रूपये ही जमा करवाये गये हैं। कलेक्टर ने इस सिलसिले में 20 जुलाई को व्यापारियों की बैठक बुलाकर बचे हुए प्याज को उठाने की व्यवस्था बनाने को कहा है। बैठक में नगर निगम आयुक्त श्री विजयकुमार जे तथा एडीएम श्री नरेन्द्र सूर्यवंशी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधक द्वारा बताया गया कि जिले में एक लाख 37 हजार 819 मै.टन प्याज समर्थन मूल्य पर खरीदा गया है। इसमें से नॉन द्वारा 56 हजार 694 मै.टन प्याज का परिवहन कर अन्य जिलों में भेजा गया है तथा शेष 78 हजार 203 प्याज स्थानीय रूप से व्यापारियों द्वारा खरीदा गया है। कलेक्टर ने निर्देश दिये हैं कि खरीदे गये प्याज में से दो प्रतिशत से अधिक प्याज खराब नहीं होना चाहिये।
जिला नि:शक्त पुनर्वास केन्द्र में सप्ताह में 2 दिन कैम्प लगायें
बैठक में कलेक्टर ने निर्देश दिये कि जिला नि:शक्त पुनर्वास केन्द्र, जो कि जिला चिकित्सालय परिसर में नये भवन में संचालित हो रहा है, पर प्रति सप्ताह दो दिन नि:शक्त प्रमाण-पत्र बनाने के लिये कैम्प आयोजित किये जायें। इनमें प्रत्येक मंगलवार को ऑर्थो का एवं प्रत्येक शुक्रवार को अन्य नि:शक्तता का प्रमाणीकरण करवाया जाये। कलेक्टर ने इसके लिये मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को चिकित्सकों का दल बनाने के निर्देश दिये हैं। इन्हीं कैम्पों में यूडीआईडी प्रमाण-पत्र बनाने के लिये भी कहा है।
बैठक में कलेकटर ने 181, जनसुनवाई तथा समाधान ऑनलाइन के आवेदनों की समीक्षा की तथा निर्देश दिये कि समय-सीमा में इन आवेदनों का निराकरण किया जाना सुनिश्चित किया जाये। इसी तरह उन्होंने नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, डायवर्शन आदि प्रकरणों में भी त्वरित निराकरण का सिस्टम बनाने के निर्देश देते हुए कहा है कि वे प्रतिदिन इस कार्य की समीक्षा करेंगे। बैठक में जानकारी दी गई कि आज की स्थिति में जिले में डायवर्शन के कुल 739 प्रकरण पंजीकृत हुए हैं, इनमें से 437 का निराकरण कर दिया गया है। इसी तरह नामांतरण के 4607 प्रकरणों में से 3440 प्रकरण एवं सीमांकन के 1394 में 1242 प्रकरण निराकृत हुए हैं।