उज्जैन में हुआ दूरबीन पध्दति से छाती का आॅपरेशन
उज्जैन। दूरबीन पध्दति से छाती का आॅपरेशन कर एक युवक को नई जिंदगी उज्जैन में ही मिली। अब तक इस आॅपरेशन की सुविधा महानगरों के कार्पोरेट अस्पतालों, एम्स दिल्ली व अन्य कुछ ही चिकित्सा संस्थानों में उपलब्ध थी। पहले फेफड़ों में चोट लगने पर तथा फेफड़े फट जाने पर मरीज की छाती खोलकर (थोरेकोटाॅमी) कर आॅपरेशन किया जाता था जिसमें मरीज को बहुत दर्द होता था तथा रिकवरी में बहुत समय लगता था। अमीर मरीज ही इसका लाभ ले पाते थे। परंतु अब यह तकनीक उज्जैन में ही कम खर्चे में संभव हो पा रही है।
विजेन्द्र उम्र 24 वर्ष निवासी महाकाल को एक्सीडेंट होने से बाईं छाती में चोट लग गई थी। मरीज के परिजन उसे लेकर इंदौर के अरविंदों अस्पताल लेकर गए। अरविंदों अस्पताल में मरीज की छाती का आॅपरेशन किया गया। तीन दिन बाद भी जब मरीज की स्थिति में सुधार नहीं हुआ तथा तबीयत बिगड़ने लगी और सांस लेने में तकलीफ होने लगी तब उसके परिजनों ने उज्जैन में डाॅ. उमेश जेठवानी से संपर्क किया। डाॅ. उमेश जेठवानी ने मरीज की छाती का आॅपरेशन दूरबीन पध्दति (विडियो एसीस्टेड थोरेकोस्कोपिक सर्जरी) से किया। मरीज के बाएं फेफड़े को रिपेयर किया गया। मरीज को इंटेनसिव थेरेपी पर रखा गया। अब मरीज स्वस्थ है तथा सामान्य व्यक्तियों की तरह जीवन जी रहा है।