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जो दूसरों के लिए जिए वही संत होता है- अवधेशपुरी महाराज


उज्जैन। जो दूसरों के लिए जिए वही संत होता है। उक्त विचार स्वामी अवधेश पुरी महाराज ने शासकीय शिक्षा महाविद्यालय में अखिल भारतीय साहित्य परिषद की गुरुपूर्णिमा उत्सव में मुख्य अतिथि के रुप में व्यक्त किए।

ड़ॉ जीवन प्रकाश आर्य के अनुसार समारोह की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. ए.पी. पांडे ने की। समारोह में सिंधिया विद्या शोध संस्थान के निर्देशक ड़ॉ. बालकृष्ण शर्मा को शब्द साधन से अलंकृत किया गया। गुरु वंदना सुनीता साहू द्वारा की गयी। परमानन्द शर्मा, डॉ. उषा मकवाना, आनंद शर्मा, ज्योति हरसोले, दशरथसिंह गोयल, कमलेश शर्मा, दिनेश पंड्या, सदाशिव रावल, मनोहर दांगी, किशोरसिंह हिरावत, असीम पंड्या, देवेश दुबे, मोहनसिंह पटेल आदि उपस्थित थे। अतिथि परिचय डाॅ. स्वामीनाथ पाण्डेय ने दिया। परिषद का परिचय ड़ॉ. संदीप नाडकर्णी ने दिया। संचालन ड़ॉ. डाली गिरी गोस्वामी ने किया एवं आभार प्रदर्शन मोहन खंडेलवाल मुकुल ने किया। 

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