14 जुलाई से प्रारंभ होगी सामूहिक सिध्दितप की आराधना
उज्जैन। गच्छाधिपति दौलतसागर सूरिश्वरजी म.सा., नंदीवर्धनसागर सूरिश्वरजी
की निश्रा में खाराकुआ स्थित श्री हीरविजयसूरीश्वर बड़ा उपाश्रय में
आचार्य हर्षसागर सूरिजी मसा ने बुधवार को आगम ग्रंथ का वाचन करते हुए कहा
आगम याने प्रभु महावीर के मुख से निकली हुई वाणी। आगम याने साक्षात
अक्षरदेह प्रभु का पदार्पण। आगम श्रवण से हमको जीवन जीने की एक दृष्टि
मिलती है और हमारे जीवन में पापभीरूता बढ़ती है। आगम में अनेक विषयों का
विवरण है जैसे गणिशास्त्र, विज्ञानशास्त्र, तत्वज्ञान आदि। आज के विज्ञान
की जो शोध खोज है वह भी आगम से ही आधारित है।
पेढ़ी ट्रस्ट अध्यक्ष विमल पगारिया व सचिव राजेश पटनी के अनुसार श्री विजय
हीरसूरिश्वरजी बड़ा उपाश्रय में हर्षसागर सूरिश्वरजी मसा के मुखारबिंद से
ज्ञानगंगा बह रही है। जिसमें अनेक आत्मा पावन बन रही है। पूज्यश्री की
प्रेरणा से 14 जुलाई को सामूहिक सिध्दितप की आराधना प्रारंभ हो रही है।