top header advertisement
Home - उज्जैन << उतम जलवृष्टि के लिए श्री महाकालेष्वर मंदिर में होगा जलात्मक महारूद्र अनुष्ठान

उतम जलवृष्टि के लिए श्री महाकालेष्वर मंदिर में होगा जलात्मक महारूद्र अनुष्ठान


उज्जैन  श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष एवं कलेक्टर श्री संकेत भांेडवे द्वारा श्री महाकालेश्वर मंदिर में 13 जुलाई गुरूवार को उत्तम जलवृष्टि एवं जगत मंगल की भावना से जलात्मक महारूद्र अभिषेक की तैयारियाॅ करने हेतु निर्देषित किया गया है। यह जानकारी मंदिर समिति के प्रशासक एवं अपर कलेक्टर श्री एस.एस.रावत ने दी। 

श्रावण मास शुरू हो गया और उज्जैन में बारिश नहीं हो रही है। इसलिए अब सृष्टि के अधिपति भगवान श्री महाकाल से ही पंडे-पुजारी मंत्र पढ़कर बारिश की कामना करेंगे। महाकाल मंदिर प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष एवं कलेक्टर संकेत भोडवे ने 13 जुलाई गुरूवार को इस अनुष्ठान की अनुमति दी है। मंदिर के शासकीय पुजारी घनश्याम गुरु के आचार्यत्व में 50 से 100 ब्राह्मण उत्तम जलवृष्टि एवं जगत मंगल की भावना से जलात्मक महारूद्र अभिषेक करेंगे। नंदीहॉल या अभिषेक स्थल पर ये अनुषष्ठान सुबह 9 से दोपहर 2 बजे तक होगा। मंदिर समिति के प्रशासक एवं अपर कलेक्टर एसएस रावत ने बताया समिति ने अनुष्ठान की आवश्यक तैयारियां शुरू कर दी है। पुजारी आशीष गुरु ने बताया बारिश की कामना के लिए समिति पूर्व में पर्जन्य अनुष्ठान करती आई है। लेकिन इस वर्ष अब पर्जन्य अनुष्ठान के नक्षत्र निकल चुके है। इसलिए जनकल्याण एवं श्रावण मास को देखते हुवे महारुद्राभिषेक अनुष्ठान किया जा रहा है। 

तीन साल में 6.7 इंच कम बरसे बादल 

एक जून सेे 10 जुलाई तक शहर में 3.6 इंच बारिश हुई जो इस अवधि में तीन साल में सबसे कम है। 2015 में इस दौरान 10.3 इंच बारिश दर्ज की थी, जबकि 2016 में 5.1 इंच बारिश हुई थी। इस लिहाज से शहर में 6.7 इंच कम बारिश हुई है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है सिस्टम सक्रिय तो है लेकिन पश्चिम मप्र में नहीं आ रहा है। पहले दौर में बना सिस्टम खत्म हो चुका है। जीवाजी वेधशाला अधीक्षक आरपी गुप्त के अनुसार अच्छी बारिश के लिए कम दबाव का क्षेत्र जरूरी है। वर्तमान में रोज घने बादलों की आवाजाही है लेकिन बारिश के अनुकूल दबाव नहीं बनने सेे बरस नहीं रहे हैं। 

दूसरे सिस्टम से अच्छी बारिश की उम्मीद 

बारिश की खेंच ने किसानों के साथ आम लोगों की चिंता बढ़ा दी है। मौसम विशेषज्ञ गुप्त के अनुसार पहला सिस्टम भले ही खत्म हो गया लेकिन उसके पीछे दूसरा सिस्टम बनकर तैयार है। इससे क्षेत्र में अच्छी बारिश की उम्मीद बंधी है। अनुकूल वातावरण बना तो दो-तीन दिन में अच्छी बारिश हो सकती है। 

Leave a reply