श्रावण के आज प्रथम सोमवार को बाबा महाकाल मनमहेश के रूप में नगर भ्रमण पर निकलेंगे
महाकाल की दर्शन व्यवस्था एवं सवारी में टीम भावना के साथ अधिकारी-कर्मचारी ड्यूटी दें
कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने संयुक्त रूप से
बैठक लेकर व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में दिशा-निर्देश दिये
उज्जैन । विश्व प्रसिद्ध बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक दक्षिणमुखी भगवान श्री महाकालेश्वर की श्रावण-भादौ माह में निकलने वाली सवारियों के क्रम में श्रावण माह के पहले दिन ही सोमवार 10 जुलाई को सवारी नगर भ्रमण पर अपने भक्तों को दर्शन देने के लिये निकलेगी। श्रावण माह में श्री महाकालेश्वर मन्दिर में अत्यधिक संख्या में श्रद्धालुओं के आने को दृष्टिगत रखते हुए कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे एवं पुलिस अधीक्षक श्री मनोहरसिंह वर्मा ने संयुक्त रूप से जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन के अधिकारियों-कर्मचारियों की बैठक लेकर निर्देश दिये कि महाकाल की दर्शन व्यवस्था एवं श्रावण-भादौ माह में निकलने वाली सवारियों की व्यवस्था में टीम भावना के साथ पूर्ण निष्ठा एवं ईमानदारी के साथ अपनी ड्यूटी करें। किसी भी श्रद्धालु के साथ अभद्रता का व्यवहार न हो और शालीनता से अपनी ड्यूटी को अंजाम देकर उन्हें भगवान महाकाल के दर्शन कराने में अपनी अहम भूमिका का निर्वहन करें। सबके साथ अच्छा व्यवहार होना चाहिये।
बैठक में कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि असहाय लोगों को दर्शन कराने में अपनी महती भूमिका अदा करें। दिव्यांगों आदि को मन्दिर में दर्शन कराने के लिये पृथक से ई-रिक्शा का भी इंतजाम किया है। श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य के प्रति भी मन्दिर प्रशासन ने तैयारी की है और मेडिसीन के साथ स्वास्थ्य अधिकारी-कर्मचारियों को तैनात किया गया है। कलेक्टर ने कहा कि भगवान महाकाल की पालकी परम्परा अनुसार ही निकाली जायेगी। उन्होंने निर्देश दिये हैं कि सवारी महाकाल मन्दिर से समय पर निकाली जाये और वापस मन्दिर पहुंचे, इसका विशेष ध्यान दिया जाये। शनिवार, रविवार व सोमवार को अधिक भीड़ रहने के कारण मन्दिर परिसर एवं मन्दिर के आसपास की साफ-सफाई की व्यवस्था ठीक तरह से हो, यह सुनिश्चित किया जाये। शहर की खाद्य दुकानों की चेकिंग की जाये, ताकि श्रद्धालुओं एवं आमजन को खराब खाद्य सामग्री विक्रय न की जाये। श्रावण माह में प्रत्येक सोमवार को विभिन्न संस्थाएं श्रद्धालुओं को फरियाली, प्रसादी, खीर आदि नि:शुल्क वितरित करती हैं, उनके स्टाल निर्गम द्वार के शंख चौराहे के बेगमबाग कॉलोनी की ओर लगाने की कार्यवाही की जाये। उन्होंने ड्यूटी देने वाले समस्त अधिकारी-कर्मचारियों से कहा कि उनका एक ही लक्ष्य होना चाहिये कि बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को आसानी से बाबा महाकाल के दर्शन हों और वे उज्जैन से एक अच्छी छवि लेकर जायें। कलेक्टर ने कहा कि नागपंचमी पर्व की व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में पृथक से बैठक आयोजित की जायेगी।
पुलिस अधीक्षक श्री मनोहरसिंह वर्मा ने उपस्थित समस्त पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों को आदेशित किया है कि वे ड्यूटी के दौरान किसी भी श्रद्धालु से अभद्रता का व्यवहार न करें, सबके साथ अच्छा व्यवहार करें। कोई भी अधिकारी-कर्मचारी व्यवस्था का दुरूपयोग न करे। व्यवस्था ध्वस्त न हो, इसका अनिवार्य रूप से पालन किया जाये। उन्होंने अवगत कराया कि भारत माता मन्दिर के पास एवं चारधाम के समीप नूतन स्कूल के सामने वाहनों की पार्किंग रहेगी। हरसिद्धि चौराहा एवं भारत माता मन्दिर के पार्किंग स्थल से श्रद्धालु, वीआईपी पैदल चलकर महाकाल मन्दिर आयेंगे। कोई भी व्यक्ति नो-व्हीकल झोन में वाहन नहीं लायेगा। पुलिस अधिकारी महाकाल मन्दिर के सेवक, पुजारी-पुरोहित, पत्रकार के प्रवेश गेट पर आने जाने में मनाही नहीं करें, परन्तु इस बात का जरूर ध्यान रखा जाये कि मन्दिर प्रबंध समिति की ओर से जारी किये गये पासधारी को ही प्रवेश दिया जाये। व्यवस्था का हम स्वयं सम्मान करें और दूसरे से भी करवायें। नो-व्हीकल झोन में एम्बुलेंस, आवश्यकता पड़ने पर फायर ब्रिगेड, नगर निगम के सफाई वाहन, महाकाल मन्दिर के लड्डू प्रसादी के वाहन, महाकाल मन्दिर की सामग्री लाने-ले जाने आदि के वाहन को रोका नहीं जाये। पुलिस अधीक्षक श्री वर्मा ने कहा कि मन्दिर के अन्दर कोई भी श्रद्धालु मोबाइल फोन नहीं ले जाये। उन्होंने बताया कि महाकाल मन्दिर की सम्पूर्ण व्यवस्था का प्रभार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री राजेश सहाय को सौंपा गया है। कोई भी दर्शनार्थी लाइन में अपने चरण पादुका न पहनकर खड़े रहें, वह निर्धारित जूता स्टेण्ड पर ही अपने जूते-चप्पल रखकर लाइन में खड़े रहें। इस बार कड़ाबीन वालों के साथ एक एएसआई की ड्यूटी लगाई गई है, जो निर्धारित पाइन्टों पर ही कड़ाबीन चलायेंगे। जर्जर भवनों को चिन्हित किया गया है, उन भवनों के सामने एक-एक पुलिस कर्मचारी की ड्यूटी लगाई गई है। सोमवार को होने वाली भस्म आरती के लिये पट प्रात: 2.30 बजे खुलेंगे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि प्रात: 5 बजे से भगवान महाकाल के दर्शन बैरिकेट से करवाया जाना सुनिश्चित करें। पुजारी-पुरोहितों, प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया तथा ड्यूटी देने वाले अधिकारी-कर्मचारियों का प्रवेश भस्म आरती गेट से रहेगा। विशेष दर्शन पास वाले श्रद्धालुओं को फेसेलिटी सेन्टर से प्रवेश रहेगा।
बैठक में कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक के अलावा नगर निगम आयुक्त, एडीएम श्री नरेन्द्र सूर्यवंशी, प्रशासक श्री एसएस रावत सहित पुलिस प्रशासन एवं जिला प्रशासन के आला अधिकारी एवं कर्मचारी आदि उपस्थित थे।
आज पहली सवारी में पालकी में श्री मनमहेश भक्तों को दर्शन देंगे
श्रावण माह के प्रथम सोमवार 10 जुलाई को पहली सवारी में पालकी में भगवान मनमहेश अपने भक्तों को दर्शन देने के लिये नगर भ्रमण पर निकलेंगे। भगवान महाकाल की सवारी का विधिवत पूजन-अर्चन महाकाल मन्दिर के सभा मण्डप में होने के पश्चात सवारी नगर भ्रमण की ओर रवाना होगी। भगवान महाकाल का रामघाट शिप्रा तट पर शिप्रा के जल से अभिषेक व पूजन-अर्चन पश्चात सवारी पुन: परम्परागत मार्ग से होते हुए मन्दिर पहुंचेगी। महाकाल मन्दिर से अपने निर्धारित समय से निकल कर मन्दिर के मुख्य द्वार पर पहुंचेगी। ठीक उसी समय सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा सलामी दी जायेगी। दूसरी सवारी 17 जुलाई को निकलेगी। इस समय पालकी में भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर व हाथी पर श्री मनमहेश विराजित होंगे। तीसरी सवारी 24 जुलाई को निकलेगी। इस दौरान पालकी में श्री चंद्रमौलेश्वर रहेंगे और हाथी पर श्री मनमहेश तथा गरूड़ रथ पर शिवतांडव विराजित होंगे। चौथी सवारी 31 जुलाई को निकलेगी। इस दौरान पालकी में श्री चंद्रमौलेश्वर व हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव की प्रतिमा, नन्दी रथ पर श्री उमामहेश विराजित होंगे। पांचवी सवारी 7 अगस्त को निकलेगी। इस दौरान पालकी में श्री चंद्रमौलेश्वर व हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव की प्रतिमा, नन्दी रथ पर श्री उमामहेश, डोल रथ पर होल्कर स्टेट का मुखारविंद रहेगा।
इसी प्रकार छठी सवारी 14 अगस्त को निकाली जायेगी। इस दौरान पालकी में भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर व हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव की प्रतिमा, नन्दी रथ पर श्री उमामहेश, डोल रथ पर होल्कर स्टेट का मुखारविंद तथा रथ पर श्री घटाटोप का मुखौटा रहेगा। अन्तिम शाही सवारी 21 अगस्त को निकाली जायेगी। इस दौरान पालकी में भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर व हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव की प्रतिमा, नन्दी रथ पर श्री उमामहेश, डोल रथ पर होल्कर स्टेट का मुखारविंद, रथ पर श्री घटाटोप का मुखौटा तथा रथ पर सप्तधान्य मुखारविंद रहेंगे।