चमड़े का बेल्ट उतारकर संभागायुक्त ने किया परंपरा का पालन
अभा पुजारी महासंघ ने पत्र लिखकर साधुवाद देते हुए आग्रह किया कि प्राचीन परंपराओं का पालन हो
उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर में अतिप्राचीन परंपराए हैं जिसका पालन करने एवं कराने वाले लोग या तो निष्क्रिय हो गये हैं या परंपराओं को तोड़ने वाले व्यक्तियों को अनदेखा किया जा रहा है। इसलिए गर्भगृह में निषेध वस्तुओं का प्रवेश हो रहा है। लेकिन संभागायुक्त ओझा ने चमड़े के बेल्ट को निकालकर बाहर रखने का जो आदर्श प्रस्तुत किया है उसके लिए अ.भा. पुजारी महासंघ के अध्यक्ष महेश पुजारी ने उन्हें साधुवाद देते हुए आशा व्यक्त की कि जिन वस्तुओं से परंपरा ध्वस्त हो रही है उसे रोकने एवं परंपरा स्थापित करने की मांग की है।
महेश पुजारी के अनुसार पूर्व में भी इस आशय का पत्र मंदिर समिति को प्रस्तुत किये गये उसमें मौजे पहनकर, लूंगी, तैमत एवं गाउन पहनकर प्रवेश किया जाता है व साफा, पगड़ी जो गर्भगृह में निषेध है उस पर भी प्रतिबंध की मांग की है। बरसाती, छाता लेकर भी गर्भगृह में प्रवेश करते हैं, सर पर कफननुमा कपड़ा बांधकर तथा बीड़ी, सिगरेट, तम्बाकू गुटका लेकर भी प्रवेश करते हैं इन सब पर रोक लगनी चाहिये।