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लूट की वारदातों से बचने के लिए सदैव सतर्क रहें, पुलिस कंट्रोल रूम में पुलिस व बैंक अधिकारियों की बैठक आयोजित



उज्जैन | विगत दिनों मंदसौर के पिपलिया मंडी में चार बदमाशों ने एटीएम में पैसा डालते समय लूट की वारदात को अंजाम दिया था। ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति शहर में न हो, इसलिए ऐहतियात के तौर पर पुलिस कंट्रोल रूम में सोमवार को पुलिस विभाग व बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई। 
   बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री नीरज पांडे, श्री विनायक वर्मा, श्री राजेश सहाय, श्री विजय खत्री, एलडीएम श्री आर के तिवारी, शाखा प्रबंधक बैंक ऑफ इंडिया श्री आरएस चौहान एवं अन्य संबंधित अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे। चर्चा के दौरान पुलिस अधिकारियों द्वारा निर्देश दिये गये कि लूट की वारदातों से बचने के लिए बैंक के कर्मचारियों व अधिकारियों को सदैव सतर्क रहने की आवश्यकता है। बैंकर्स अपने-अपने हिस्से की जिम्मेदारियों को समझें और उनका निष्ठापूर्वक वहन करें। बैंकों से सटकर जो चाय व पान की गुमटियां लगी रहती हैं उन्हें हटाया जाए, क्योंकि अपराधी ऐसी किसी वारदात को अंजाम देने के पहले आसपास की छोटी मोटी दुकानों से ही रेकी करते हैं।  
   एलडीएम श्री तिवारी ने बैंक के अधीनस्थ कर्मचारियों को निर्देश दिये कि जो व्यक्ति बैंक में बिना किसी प्रयोजन के बार-बार आवागमन करे या अधिक समय तक चहल कदमी करता हुआ या बैठा हुआ दिखाई दे तो उस पर सतत नजर रखी जाए। बैंक के कर्मचारी सुरक्षा में किसी भी तरह की लापरवाही अपनी ओर से न बरतें, अन्यथा उनके विरूध्द वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कार्यवाही की जाएगी। इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति बहुत देर तक अनावश्यक एटीएम के पास खड़ा दिखाई देता है तो उसकी सूचना तत्काल पुलिस को दी जाए। 
   बैठक में पुलिस अधिकारियों द्वारा निर्देश दिये गये कि बैंकों में अंदर के परिसर के साथ-साथ बैंकों के बाहर, जैसे स्टाफ व ग्राहकों के वाहनों के पार्किंग स्थल व मुख्य द्वार के बाहर भी अच्छी गुणवत्ता के सीसीटीवी कैमरे लगवाये जाएं। इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि सीसीटीवी कैमरे सही ऐंगल पर लगे हों, जिससे घटना को अंजाम देते समय अपराधी का चेहरा स्पष्ट दिखाई दे । सीसीटीवी की समय समय पर मॉनिटरिंग भी करवाई जाए। किसी भी व्यक्ति द्वारा अगर कोई संदिग्ध गतिविधि की जा रही है तो उसकी सूचना तत्काल 100 नंबर पर कॉल करके दें।
   एटीएम में कैश डालने के लिए बैंक द्वारा प्रायवेट एजेंसियों से जो भी कर्मचारी व सिक्योरिटी गार्ड नियुक्त किये जाते हैं उनका पुलिस वेरिफिकेशन सर्वोच्च प्राथमिकता से करवाया जाए। जो अधिकारी व कर्मचारी फील्ड में रहते हैं उनके नंबर बैंक के संपूर्ण स्‍टाफ के आवश्यक रूप से रहना चाहिए। 
   एडिशनल एसपी सिटी श्री नीरज पांडे ने कहा कि सभी बैंक अपने यहां सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दें। अगर सीसीटीवी कैमरे में जरा सी भी तकनीकी खराबी आती है तो उसे तत्काल सुधारवाया जाए। बैंकों के प्रबंधक समय समय पर अपने स्टाफ व सुरक्षा अधिकारियों के साथ बैठकें आयोजित करें। सुरक्षा के लिए जिन एजेंसियों से अनुबंध किया गया है उनका पूर्व में पर्यवेक्षण भी किया जाए। 
   बैठक में बताया गया कि पुलिस द्वारा इस हेतु एक टीम भी तैयार कि गई है जो समय समय पर बैंकों में जाकर वहां की सुरक्षा व्यवस्था का निरीक्षण करेगी। इसके साथ ही अगर बैंको में कोई व्यक्ति संदिग्ध गतिविधी करता हुआ पाया जाता है, तो उसे भी इस टीम द्वारा हिरासत में लिया जाएगा। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों द्वारा निर्देश दिये गये कि ग्राहकों के साथ फोन या ऑन लाइन कैश लेनदेन के माध्यम से यदि धोखा धड़ी की जाती है तो उसे भी रोकने की आवश्यकता है। 
   अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री विनायक वर्मा ने कहा कि किसी भी घटना के होने के पश्चात उस पर कार्यवाही करने से अधिक जरूरी यह है कि घटना को होने ही न दिया जाए। इसके लिए बैकिंग स्टाफ को अपनी सुरक्षा व्यवस्था में सतर्क होने के साथ-साथ अपने हाव भाव से सतर्क दिखाई देना भी अत्यंत आवश्यक है। किसी भी आपात स्थिति में 100 नंबर पर कॉल किया जा सकता है इसके अलावा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सिटी के मोबाईल नंबर 94799-99236 पर भी संपर्क किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हर स्थिति में पुलिस सदैव आपकी सेवा के लिए तत्पर और मौजूद रहेगी।
   बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक क्राईम श्री राजेश सहाय ने बैंक अधिकारियों को निर्देश दिये कि जो कर्मचारी एटीएम में कैश लोड करने के लिए जाते हैं, उन्हें निकटस्थ थाने के फोन नंबर अवश्य उपलब्ध करवाये जाएं ताकि किसी भी अप्रिय घटना की स्थिति में वे पुलिस से संपर्क कर सकें। बैंक के अधिकारी सदैव पुलिस के साथ सामंजस्य स्थापित कर सतत संपर्क में रहें। बताया गया कि श्री सहाय से उनके मोबाईल नंबर 94250-81400 पर आपात काल में संपर्क किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त बैंकर्स अपने ग्राहकों को समय-समय पर ऑन लाइन कैश लेन देन व एटीएम से रूपये निकालते समय सावधानी बरतने के लिए सतर्क करते रहें। इसके अतिरिक्त स्कूलों व कॉलेजों में भी जागरूकता कार्यक्रम बैंकों द्वारा आयोजित किये जाएं। 
   जब भी वाहन द्वारा एटीएम में लोड करने के लिए बड़ी रकम ले जायी जा रही हो तो उसकी जानकारी पुलिस को अवश्य दी जाए। यदि बैंक के ग्राहक किसी भी तरह की धोखा धड़ी की जानकारी संबंधित शाखा में देते हैं, तो उन्हें तत्काल उसका स्टेटमेंट उपलब्ध करवाया जाए। बैंकर्स अपने निकटस्थ थाने के थाना प्रभारी के साथ सतत संपर्क में रहे ताकि ऐसी घटनाएं शहर में घटित न हों। 
   बैठक में बताया गया कि एटीएम या वाहनों में लूट की वारदातों को अंजाम देते हुए अक्सर सुरक्षा गार्ड पर ही अपराधी जान लेवा हमला करते हैं। क्योंकि उस वाहन, एटीएम और कैश का बैंको द्वारा बीमा करवाया जाता है, इसलिए बैंकर्स ऐसी घटनाओं को गंभीरता से नहीं लेते हैं, परंतु ऐसी वारदातों में सुरक्षा कर्मचारियों की अगर जान चली जाती है तो उस क्षति की भरपाई कर पाना किसी के लिए भी संभव नहीं है। इसलिए बेहतर यही होगा कि अपनी सतर्कता से हमारे क्षेत्र में अपराधियों को ऐसी घटनाओं को अंजाम देने का मौका ही न दिया जाए।

 

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