पुत्रवत या मित्रवत संरक्षण करने का संकल्प लिया, फिर रौपे पौधे
उज्जैन। गायत्री परिवार ने वन विभाग के सहयोग से आषाढ़ शुक्ल नवमीं (भड़ली
नवमीं) 2 जुलाई को प्रांशातिधाम मंदिर के पास क्षिप्रा किनारे बरगद,
गूलर, पाकर, जामुन, बांस, अंग्रेजी इमली, करंज के पौधे करीब 500 पौधे
लगाए। दूसरे चरण में बाकी 500 पौधे यहाँ लगाए जाएगें।
प्रचार-प्रसार सेवक देवेन्द्र श्रीवास्तव के अनुसार सिंहस्थ प्राधिकरण के
अध्यक्ष दिवाकर नातू, प्राचार्य पालीटेक्निक महाविद्यालय एन. डी. महाजन,
पर्यावरण प्रेमी राजीव पाहवा, प्रशांति धाम मंदिर के वरिष्ठ ट्रस्टी
कृष्णमंगल कुलश्रेष्ठ, शिवकुमार नायर, मंयक माथुर, हजारों पौधे लगाने
बाले ब्रह्मानंद परिब्राजक, एस.डी.ओ. वन विभाग अनुभा त्रिवेदी, रेंजर
मिश्रा, उदयराजसिंह पवार, जोगेंद्र जाटवा, डॉ. शशिकांत शास्त्री,
प्रह्लादसिंह बोराना, बाबूलाल बडोलिया, उमा तोमर, उर्मिला तोमर,
राष्ट्रीय सेवा योजना पालीटेक्निक महाविद्यालय के प्रभारी सुरेश जीनवाल
आदि ने पौधारोपण के पूर्व उपस्थित पर्यावरण प्रेमियों को लगाए जाने बाले
पौधों को पुत्रवत या मित्रवत संरक्षण करने का संकल्प कराया। क्षिप्रा नदी
के दूसरे किनारे पर मोर नाच रहे थे, इस किनारे पर प्रशांति धाम शिव मंदिर
से आरती की घंटियों की आवाज के बीच वेद मंत्रोच्चारण के साथ दिव्य
वातावरण में लोगों ने पौधों के पूजन के बाद रक्षासूत्र बांधकर उनको
पुत्रवत या मित्रवत लगाकर पालन पोषण का संकल्प लेकर वृक्ष बनाने आश्वासन
देकर लगाया।