top header advertisement
Home - उज्जैन << वृक्षारोपण के महाअभियान में देवास जिला भी सहभागी बना

वृक्षारोपण के महाअभियान में देवास जिला भी सहभागी बना


हजारों लोग जुटे, लाखों पेड़ लगाये गये

      उज्जैन । मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के सर्वोच्च प्राथमिकता वाले वृक्षारोपण अभियान में संभाग का देवास जिला भी सहभागी बना। देवास से होकर गुजरने वाली नर्मदा नदी के किनारे 2 जुलाई को जिले के प्रभारी मंत्री से लेकर किसान, व्यापारी, जनप्रतिनिधि, विद्यार्थी, मजदूर, सामाजिक संगठन आदि अनेक वर्गों ने हिस्सेदारी की। जिले में संभागायुक्त श्री एमबी ओझा, कलेक्टर देवास श्री आशीष सिंह तथा दूसरे प्रशासनिक अधिकारियों ने भी वृक्षारोपण किया। प्रभारी मंत्री श्री सुरेन्द्र पटवा ने नर्मदा किनारे के गांव दावठा के ग्वालबाबा भूरी बेड़ी में वृक्षारोपण किया। इस स्थान पर साढ़े सात हजार सीताफल के पौधे लगाये गये हैं। इसे सीतावन नाम दिया गया है। इस अवसर पर सांसद श्री मनोहर ऊंटवाल, राज्य मंत्री श्री दीपक जोशी तथा विधायक श्री चंपालाल देवड़ा ने भी वृक्षारोपण किया।

      दावठा सीतावन में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए देवास जिले के प्रभारी मंत्री श्री सुरेन्द्र पटवा ने कहा कि यह अभियान विश्व का बहुत बड़ा वृक्षारोपण अभियान है। यह नर्मदा सेवा यात्रा का महत्वपूर्ण हिस्सा है। प्रदेश में 3350 किलो मीटर लम्बाई की 115 दिनों की नर्मदा सेवा यात्रा पश्चात यह सोचा गया कि पर्यावरण संरक्षण के लिये जन-जागृति उत्पन्न की जाये। प्रदेश की नदियों के संरक्षण एवं जंगलों को बचाने के साथ ही वनों में वृद्धि के लिये मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने नर्मदा नदी के किनारों पर सघन वृक्षारोपण अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता में सम्मिलित किया। 02 जुलाई को प्रदेश के चौबीस जिलों में नर्मदा किनारों पर तो वृक्षारोपण हुआ ही है, साथ ही प्रदेश की हरेक पंचायत में पौधारोपण हो रहा है। हमें आगामी पीढ़ी के लिये पर्यावरण की रक्षा करना जरूरी है। इसकी जवाबदारी हम सबकी है। हम वनों की रक्षा करके पर्यावरण की भी रक्षा करेंगे। यह प्रदेश के लिये गौरव की बात है कि इस वृक्षारोपण अभियान का गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड के लिये पर्यवेक्षण किया जा रहा है।

विधायक श्री आशीष शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि नर्मदा सेवा यात्रा ने लोगों को नर्मदा नदी के संरक्षण के लिये प्रेरित किया है। हमारी संस्कृति में नदियों को मां का सम्मान दिया जाता है। पर्यावरण सुरक्षित रहे, इसलिये नर्मदा के किनारों पर वृक्षारोपण किया जा रहा है। लोगों में पौधारोपण के लिये उत्साह देखते ही बन रहा है। पर्यावरण बचाने की राज्य शासन की चिन्ता में सभी आमजन भी सम्मिलित हो रहे हैं। इस अभियान से नर्मदा नदी पुनर्जीवित होगी। साथ ही जुड़ी हुई नदियां भी अपनी चाल पकड़ेंगी। वनों का संरक्षण हम सभी का सामूहिक दायित्व है। आज जो पौधे लगाये जा रहे हैं इनकी सुरक्षा करना भी हमारी सर्वोच्च जिम्मेदारियों में शामिल करना होगी।

जिला पंचायत अध्यक्ष देवास श्री नरेन्द्रसिंह राजपूत ने कहा कि वनों का रोपण अत्यन्त महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही इससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण इनकी सुरक्षा है। समाज इस कार्य में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले।

संभागायुक्त श्री एमबी ओझा ने इस अवसर पर कहा कि मानवता के हित में पर्यावरण संरक्षण के इस महान कार्य में सभी लोग अपना योगदान दे रहे हैं। इस कार्य के लिये प्रशासन, जनप्रतिनिधि तथा आम जनता का योगदान सराहनीय है। उन्होंने पौधारोपण के पश्चात इनकी सतत देखभाल का संकल्प लेने का आग्रह भी किया।

      कलेक्टर देवास श्री आशीष सिंह ने इस अवसर पर आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जिले में 48 लाख पौधों के रोपण का लक्ष्य तय किया गया है। यह एक सामाजिक कार्य है। इसके लिये सुनियोजित कार्य योजना तैयार की गई है। देवास जिले के पुरोनी ग्राम में भी वन विभाग द्वारा 30 हेक्टेयर में 18 हजार से ज्यादा पौधों का रोपण किया गया। इनमें सीताफल, शीशम, बांस, करंज, नींबू आदि पौधे सम्मिलित थे। यहां पर 400 मजदूर इस काम में जुटे थे। इससे थोड़ी दूरी पर सनोद में 50 हेक्टेयर में वृहद वृक्षारोपण हुआ। देवास जिले के कुसमानिया घाट से नीचे उतरते ही डगर-डगर वृक्षारोपण की लहर देखने को मिली। जिसे देखो वही हाथ में पौधा लिये रोपण के लिये जा रहा था।

Leave a reply