स्वर्ण ध्वजा की हुई शुध्दि, आज चढ़ेगी शिखर पर
उज्जैन। सीमंधर दिगंबर जैन मंदिर पर नूतन शिखर पर आज स्वर्ण ध्वजा चढ़ाई जाएगी। शनिवार को उसकी शुध्दि झांझरी परिवार, डाॅ. भरत जैन, प्रवीण रावत, विजेन्द्र जैन सुपारीवाले ने सर्वोषधी, चंदन, केशर से शुध्दि की तथा उस पर रक्षासूत्र बांधे गये। मंत्रोच्चार पूर्वक शुध्दि के साथ उपस्थित समाजजनों ने ध्वजा पर केशर से स्वस्तिक किया। 3 फीट की इस ध्वजा पर रत्नत्रय सूचक, तीन स्वस्तिक एवं सिध्द शिला अंकित है। आज रविवार प्रातः 11.30 बजे इस ध्वजा को ध्वज दंड पर स्थापित किया जाएगा। साथ ही भगवान के 32, 64, 128 अध्र्य चढ़ाये जाएंगे।
जम्बू जैन धवल के अनुसार शनिवार को विधानाचार्य बाल ब्रह्मचारी महेन्द्र एवं सुकमाल ने पूजन प्रारंभ करवाई। प्रथम सोधर्म इंद्र बने अरूण कासलीवाल, डाॅ. भरत जैन, अशोक जैन, दिनेश शाह, अक्षत जैन ने पूजन की स्थापना की। प्रथम दिवस भगवान के 8, 16, 32 के क्रम से अध्र्य समर्पित किये गये। सिध्द चक्र मंडल विधान महोत्सव के अवसर पर बाल ब्रह्मचारी सुमत प्रकाश ने मांगलिक प्रवचन में विधान मंडल क्यों आयोजित किया जाता है विषय पर प्रकाश डाला। आपने कहा कि हम मनुष्य हैं, पर इंद्र बनकर पूजन रचाना और भक्ति भाव से उनके अनंत गुणों का चिंतवन करना और भगवान बनने की भावना के साथ सम्यकत्व प्राप्त करने का उपाय करना ही मंडल विधान के पूजन का उद्देश्य रहता है। हम राग द्वेष छोड़कर आत्म पवित्रता के लिए भगवान के गुणों का चिंतवन करते हुए उनके समक्ष मंडल रचना कर उनको अध्र्य समर्पित करते हैं। रात्रि को सुमत प्रकाश ने आत्मा की सुख शक्ति पर व्याख्यान देते हुए कहा कि भगवान को सुख प्रकट हो गया और हमारे पास शक्ति के रूप में उपस्थित हैं। हम विधान के रूप में भावना भाते हैं कि जैसा उनको सुख प्रकट है हमको भी हो जाए।