घोषणा-पत्र में गलत जानकारी देने वालों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही होगी
शत-प्रतिशत घोषणा-पत्रों की जांच होगी
उज्जैन । समर्थन मूल्य पर प्याज की खरीदी अब केवल घोषणा-पत्र भरकर देने वाले किसानों से ही की जा रही है। घोषणा-पत्र में कृषकों द्वारा बोये रकबे और प्याज की उपज का विवरण भरकर देना होता है। कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे के निर्देश पर राजस्व, कृषि तथा उद्यानिकी विभाग के अमले द्वारा 29 जून से शत-प्रतिशत घोषणा-पत्रों की जांच की जायेगी। जांच में दर्शाये गये रकबे में यदि अन्य फसल बोना पाया गया तो कड़ी कार्यवाही की जायेगी।
जिला प्रशासन द्वारा किसानों से अपील की गई है कि वे समर्थन मूल्य के खरीदी केन्द्रों पर अपनी वास्तविक उपज ही लेकर आयें। जांच में यदि किसी अन्य व्यापारी का प्याज बेचना पाया गया तो सख्त कार्यवाही की जायेगी। जिला प्रशासन के पास समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी के समय से गेहूं बोने का रकबा और उपज की मात्रा दर्ज है। इस मात्रा से प्याज की उत्पादकता का मिलान किया जायेगा और जांच में स्पष्ट हो जायेगा कि सम्बन्धित कृषक द्वारा घोषणा-पत्र में दर्शाये गये रकबे में प्याज बोया गया था या नहीं।
गोडाउनों की जांच की गई
अनुविभागीय दण्डाधिकारियों द्वारा विगत दिनों प्याज गोडाउनों व कृषक के घोषणा-पत्रों की जांच की गई थी तथा इसमें बताये गये रकबे एवं उत्पादकता में अन्तर पाये जाने पर प्रकरण बनाये गये हैं। रामगढ़ घट्टिया के कृषक ईश्वरसिंह आंजना के गोडाउन में 300 क्विंटल प्याज अधिक पाया गया। इसी तरह कोलूखेड़ी के मोहम्मद अनीस, उज्जैन तहसील के राघौपिपल्या के रामेश्वर पटेल, मालनवासा के भंवरसिंह, भगवानसिंह आदि के मामले भी परीक्षण में लिये गये हैं। जांच उपरान्त कार्यवाही जारी है।