प्रधानमंत्री फसल बीमा अंतर्गत दवाई, रोपाई और अंकुर नष्ट होने का जोखिम भी उठाया जाता है अऋणी कृषक भी योजना का लाभ उठा सकते है
उज्जैन । उज्जैन जिले में मानसून की दस्तक हो चुकी है किसान भाई खेती किसानी में लगकर बुवाई का कार्य प्राम्भ कर चुके हैं ।इस दौर में प्रधानमंत्री फसल बीमा अंतर्गत बीमा करवाना किसानों के लिए हितकर होता है ।कृषि ऋण लेने वाले किसान तो स्वयं ही फसल बीमा योजना के अंतर्गत आ जाते हैं किंतु जो किसान फसल बीमा नहीं करवाते हैं उनका बीमा पृथक से किया जाता है।ऐसे किसान निकट की जिला सहकारी केन्दीय बैंक की शाखा से संपर्क कर सकते है ।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना गत वर्ष लागू की गई है ।इस बीमा योजना के तहत किसानों को दवाई ,रोपाई और अंकुरण नष्ट होने पर भी बीमा का लाभ दिया जाता है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत अधिसूचित क्षेत्र में अनुसूचित फसलों की बुवाई, रोपाई, अंकुरण या वर्षा की कमी और विपरीत मौसम परिस्थिति के कारण किसी भी स्तिथि में पचहत्तर प्रतिशत से अधिक क्षेत्र में फसल नष्ट होने पर अथवा बुवाई, रोपाई नष्ट होने पर फसल क्षति होने पर बीमा लाभ दिया जाता है। कुल बीमित राशि की पच्चीस प्रतिशत राशि क्षतिपूर्ति के रूप में देय होगी । राज्य सरकार की क्षति घोषणा अधिसूचित होने के 30 दिनों के भीतर बीमा कंपनी द्वारा बैंक के माध्यम से कृषको को भुगतान किया जाएगा ।मध्य प्रदेश में खरीफ 2016 से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू की गई है। योजना का मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं ,कीट और रोगों से किसी भी अधिसूचित फसल के नष्ट होने की स्थिति में किसानो को बीमा कवरेज और वित्तीय सहायता प्रदान करना है ।मालवा क्षेत्र में मक्का ,अरहर और सोयाबीन फसलों को पटवारी हल्का स्तर पर बीमित किया गया है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में कृषकों के लिए प्रीमियम की दर खरीफ मौसम में समस्त अनाज तिलहन एवंके लिए बीमित राशि का अधिकतम दो प्रतिशत निर्धारित किया गया है योजना फसल ऋण लेने वाले सभी कृषको के लिए अनिवार्य है तथा ऋण नहीं लेने वाले किसान संबंधित बैंक ,बीमा कंपनी के स्थानीय एजेंट के माध्यम से अपनी फसलों का बीमा करवा सकते हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत कटाई के उपरांत कटी एवं फैली हुई फसल की कटाई के 14 दिवस के भीतर चक्रवात, चक्रवाती वर्षा एवं बेमौसम वर्षा के कारण क्षति होने पर बीमा लाभ दिया जाएगा ।फसल क्षति होने पर यदि बीमित इकाई में वास्तविक उपज 50 प्रतिशत से कम आने की संभावना हो तो बीमित कृषकों को तात्कालिक राहत प्रदान की जाएगी ।राजस्व विभाग ,किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग और क्रियान्वन एजेंसी के संयुक्त सर्वेक्षण के आधार पर राहत राशि देय होगी ।राज सरकार की क्षति सर्वे रिपोर्ट प्राप्त होने के 30 दिनों के अंदर बीमा कंपनी द्वारा बैंक के माध्यम से दर्शकों को दावा राशि का भुगतान किया जाएगा। कटाई उपरांत आपदा की स्थिति में कृषकों द्वारा 72 घंटे के अंदर बीमा कंपनी के प्रतिनिधि, बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर ,राजस्व अधिकारी ,कृषि विभाग के अधिकारी में से किसी एक को क्षति की सूचना देना होगी ।कृषि मौसम के मध्य में सूखा ,सूखा अंतराल ,बाढ़ जल प्लावन ,कीट व्याधि ,भूस्खलन ,प्राकृतिक आगजनी ,बिजली गिरना, तूफान ,आंधी चक्रवात ,बवंडर से फसल को नुकसान होने पर बीमा का लाभ दिया जाएगा ।त्वरित दावा भुगतान बुवाई, रोपाई, अंकुरण नष्ट होने की स्थिति में तथा इसके अलावा अन्य जोखिमों में तात्कालिक राहत दावा राशि भुगतान की जाएगी।
नवीन तकनीकों का इस्तेमाल
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के आकलन के लिए नवीन तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है ।इसमें इंटरनेट ,फसल बीमा पोर्टल ,मोबाइल ऐप, जीआईएस ,रिमोट सेंसिंग एवं स्वचालित मौसम केंद्र का उपयोग योजना के प्रभावी प्रभावी क्रियान्वयन के लिए किया जा रहा है ।